Dhanbad: गैंगस्टर अमन सिंह ने धमकाया तो जेल जाकर रीतेश यादव ने गोलियों से भून दिया
उत्तर प्रदेश के शार्प शूटर व गैंगस्टर अमन सिंह को उसके करीबी प्रतापगढ़ के सुंदर महतो उर्फ रीतेश यादव ने धनबाद जेल के अंदर गोलियों से भून डाला। अमन ने रीतेश को धमकाया था, उसने ही जेल में उसके सीने में गोलियां उतार दीं।
- अमन नो ही रीतेश को काम देखने के लिए बुलाया था उत्तर प्रदेश से
- पुलिस रिमांड पर पूछताछ में रोहित नित्य उगल रहा है नया-नया राज
- गैंगस्टर अमन सिंह के गुर्गे आशीष रंजन से हुई रीतेश की भेंट तो दोनों ने रचा षड्यंत्र
- पुलिस को बाइक चोरी की सूचना करवाकर रीतेश को भिजवाया गया था जेल
धनबाद। उत्तर प्रदेश के शार्प शूटर व गैंगस्टर अमन सिंह को उसके करीबी प्रतापगढ़ के सुंदर महतो उर्फ रीतेश यादव ने धनबाद जेल के अंदर गोलियों से भून डाला। अमन ने रीतेश को धमकाया था, उसने ही जेल में उसके सीने में गोलियां उतार दीं।
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गैगस्टर अमन सिंह ने ही रीतेश यादव को एक माह पहले प्रतापगढ़ से धनबाद बुलाया था क्योंकि वह उसे जानता था। जेल में बंद अमन अपने परिचित रीतेश से धनबाद में किसी की मर्डर करवाना चाहता था। रीतेश ने इनकार किया तो अमन ने उसके परिवार को जान से मरवाने की बात कही। इसी कारण उसने अमन को उसके ही आर्म्स से मार डाला। यह बात रीतेश ने पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में बताई है। रितेश यादव उर्फ सुंदर ने कहा है कि जब अमन सिंह हॉस्पिटल वार्ड के बेड पर लेट कर गाना सुन रहा था, तभी वह पिस्टल लेकर उसके पास गया और उस पर फायरिंग करने लगा। अंत में उसके सिर पर गोली मारी। जब वह पूरी तरह से संतुष्ट हो गया कि अमन सिंह की मौत हो गयी, तब वह वहां से हट गया। पिस्टल को जेल कैंपस से बाहर बेकारबांध की ओर फेंक दिया। रीतेश ने बताया कि
उसके पास दो पिस्टल आयी थी।
जेल में कई बंदियों ने की मदद
रितेश ने पुलिस को बताया कि वह जेल में कुछ दिन पहले (25 नवंबर) ही आया था। इसलिए सभी बंदियों का नाम नहीं जानता है। लेकिन अमन सिंह की मर्डर
के पहले और बाद में कई बंदियों ने उसका सहयोग किया। इसमें कुछ बंदियों का नाम उसने पुलिस को बताया है। गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर के आरोपी रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो को सरायढेला पुलिस स्टेशन की पुलिस ने पांच दिनों के रिमांड पर लिया है। रीतेश के अनुसार जिस आर्म्स से मर्डर हुई, वह अमन का ही था। साथियों को इसे जेल में रखने के लिए दिया था। अमन के मर्डर के दो दिन पहले गांधी ने आर्म्स रीतेश को दे दिया।
एक महीने पहले ही अमन के बुलावे पर धनबाद आया था रीतेश
रीतेश ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अमन बड़ा क्रिमिनल बन गया था। उसके डर से वह एक माह पूर्व धनबाद आ गया था। धनबाद में आशीष रंजन उर्फ छोटू से मुलाकात हुई। आशीष भी अमन के लिए काम करता था। कुछ दिनों से अमन अपने लोगों को धमका रहा था। रंगदारी से मिली रकम अपने रिश्तेदारों को भेज रहा था। इस कारण उसके लोग खफा थे। इस बीच बोकारो में आशीष से रोहित की दुबारा मुलाकात हो गई। रोहित ने उसे अपनी पीड़ा बताई। आशीष के अंदर सुलग रही अमन से बगावत की आग और भड़क गई। इसके बाद दोनों ने उसे जेल में मारने का षड्यंत्र रचा।
आशीष का साथी सतीश साव उर्फ गांधी पहले से जेल में था, उसका भी साथ मिल गया। आशीष ने एक चोरी की बाइक रीतेश को दी। अमन सोच रहा था कि रीतेश इस बाइक का इस्तेमाल उसके बताए टारगेट पर करेगा। इसलिए उसे षड्यंत्र का अहसास नहीं हुआ। बाइक लेकर रोहित बोकारो से धनबाद आ रहा था। आशीष ने उसे मुनीडीह डीएवी ग्राउंड के पास रुकने को कहा। यहीं षड्यंत्र रचा गया।
आशीष के सहयोगी ने ही दी पुलिस को बाइक चोरी की सूचना
आशीष के सहयोगी ने मोबाइल से मुनीडीह ओपी पुलिस को सूचनी दी कि चोरी की बाइक बेचने एक युवक धनबाद जा रहा है। वह मुनीडीह डीएवी ग्राउंड के पास है। पुलिस वहां पहुंची और रीतेश को बाइक के साथ पकड़ लिया। बाइक चोरी मामले में एफआइआर दर्ज कर उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया। तब उसने अपना नाम चंद्रपुरा निवासी सुंदर महतो बताया था। मुनीडीह ओपी पुलिस ने सुंदर की जानकारी के लिए चंद्रपुरा पुलिस से संपर्क किया। वह चंद्रपुरा का नहीं था, इसलिए कोई सुराग नहीं मिला। मुनीडीह ओपी पुलिस को भी समय पर यह सूचना नहीं मिली।
अमन सिंह ने अफसोस जताया, रोहित को फटकार भी लगाई
बाईक चोरी के आरोप में रीतेश यादव जेल पहुंचा तो वहां अमन मिला। उसके पकड़े जाने पर अफसोस जताया। उसे लग रहा था कि उसका ही काम करने रीतेश बोकारो से धनबाद आ रहा था औररास्ते में पकड़ा गया। ढंग से काम नहीं करने पर उसे फटकार भी लगाई। रीतेश जेल में आशीष रंजन के साथी सतीश से मिला जिसने उसके सिर पर हाथ रख दिया।
रोहित के पते का सत्यापन करने उत्तर प्रदेश गयी पुलिस
रीतेश के बयान पर पुलिस को विश्वास नहीं है। पुलिस जिस तरह जैसे पूछताछ करती है वह आसानी से जबाव दे रहा है। लेकिन जिस तरह वह गलत नाम बताकर अरेस्ट हुआ, उससे पुलिस को उसके बयान के कई बिंदुओं पर शक है। उसने बताया है कि वह प्रतापगढ़ के चंद्रपुर गांव का है। पुलिस की एक टीम उससका सत्यापन करने उत्तर प्रदेश गयी है।
जेल में मिठाई के डब्बे में आर्म्स पहुंचने की आशंका
धनबाद जेल में आर्म्स कैसे पहुंचा, इस बिंदु पर पुलिस छानबीन कर रही है। दीपावली पर बंदियों के बीच जेल में मिठाई बांटी जाती है। उसी मिठाई के साथ आर्म्स भेजा गया। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। जेल में बंदी बिरयानी व अन्य खाने-पीने की चीजें मंगवाते रहते हैं।
चांड़ीपुर घाट पर हुआ अमन सिंह का अंतिम संस्कार
गैंगस्टर अमन सिंह का अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश चांड़ीपुर घाट पर मंगलवार को कर दिया गया। धनबाद जेल में बंद अमन की रविवार को मर्डर कर दी गयी थी। पोस्टमार्टम के बाद परिजन सोमवार को अमन की बॉडी पैतृक घर अंबेडकर नगर जिला स्थित राजे सुल्तानपुर पुलिस स्टेशन एरिया के जगदीशपुर कादीपुर गांव ले गये थे।
रिंकू सिंह और आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह की खोज में रेड
वहीं पुलिस अमन सिह की मर्डर की साजिश में शामिल उत्तर प्रदेश के रिंकू सिंह और हीरापुर जेसी मल्लिक रोड निवासी आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू सिंह की तलाश में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में रेड कर रही है। दोनों की खोज में रेड में धनबाद पुलिस की स्पेशल टीमों को लगाया गया है। आशीष व रिंकू की तलाश में कई स्थानों पर छापामारी अमन सिंह की मर्डर के कुछ घंटों के भीतर ही हीरापुर जेसी मल्लिक में रहने वाला फरार क्रिमिनल आशीष रंजन ने एक ऑडियो जारी कर घटना की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस जांच में पता चला कि आशीष के साथ उत्तर प्रदेश का रिंकू सिंह ने रितेश यादव के जरिये अमन का मर्डर करवाया है।
रंगदारी के अलावा कोयले से कर रहा था कमाई
अमन को अपने गांव की एक मामूली लड़ाई में पहली बार वर्ष 2010 में जेल जाना पड़ा था। इसके बाद फैजाबाद जेल भेजा गया था। जेल में उसकी मुलाकात यूपी के कुख्यात मुन्ना बजरंगी से हुई थी। अमन सिंह ने उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी के कहने पर वर्ष 2015 में आजमगढ़ के अतरोलिया में डा. सरोज को गोली मारी थी।डाक्टर की मर्डर केस में अमन अरेस्ट हुआ था। वह दो साल तक आजमगढ़ की जेल में बंद रहा। जेल से बाहर निकला तो उसने जुर्म की दुनिया से अपना रिश्ता और मजबूत कर लिया। धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह की मर्डर के बाद वह धनबाद के अपराध जगत में भी बड़ा नाम बन गया।
पुलिस पूछताछ में भाई ने ही दिया था राज
धनबाद पुलिस ने वर्ष 2022 के मई माह में अमन सिंह के भाई अजय सिंह को अरेस्ट किया था। अजय ने पुलिस को दिये गये बयान में कहा था कि बिहार और यूपी जाने वाले कोयले में उसकी धनबाद के कोयला तस्करों के साथ 30 परसेंट की पार्टनरशीप थी। इस पैसों से उसने कई जगहों पर चल और अचल-संपत्ति बनाई। उसने नेपाल समेत कई जगहों पर फ्लैट और जमीन खरीद रखी है। नेपाल के अलावा अमन ने बिहार, यूपी, बंगाल में भी कई अचल संपत्तियां अर्जित कीं। अजय सिंह ने पुलिस को बताया था कि अमन सिंह धनबाद में रंगदारी से भी लगभग 30 लाख रुपये हर महीने कमाई करता था।