- पीएम मोदी ने International Women's Day र नारी शक्ति पुरस्कार हासिल करने वाली महिलाओं से बातचीत की
नई दिल्ली। प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देनेवाली देशभर की पंद्रह चुनींदा महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया। कोविंद ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में झारखंड से कोल्हान क्षेत्र के सरायकेला खरसावां जिले की राजनगर ब्लॉक की एक आदिवासी महिला चामी मुर्मू को नारी शक्ति पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने पुरस्कार के रूप में सुश्री मुर्मू को दो लाख रुपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। चामी मुर्मू वर्तमान में राजनगर ब्लॉक भाग -16 की जिला परिषद सदस्य हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने नारी शक्ति पुरस्कार-2019 के लिए चयनित किया।
प्रसिडेंट ने इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट मोहना जीतवाल, अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ को 'नारी शक्ति पुरस्कार' दिया।प्रसिडेंट ने एथलेटिक्स में अपनी उपलब्धियों के लिए, 103 साल की मान कौर को 'नारी शक्ति पुरस्कार' दिया।कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं।
महिलाओं को उनका वाजिब हक दिलाने में करें मदद, उनका रास्ता न रोकेंप्रसिडेंट राम नाथ कोविंद ने बिहार की बीना देवी को 'नारी शक्ति पुरस्कार' प्रदान किया। मशरूम की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए ये पुरुस्कार दिया गया है। उन्हें मशरूम महिला के रूप में जाना जाता है। वह पांच साल के लिए टेटियाबंबर ब्लॉक के धौरी पंचायत का सरपंच थी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी महिलाओं को संबोधित करते हुए सबसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी और कहा हम अपनी नारी शक्ति की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि मैं सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर रहा हूं। सात महिलाएं अपनी जीवन से जुड़ी कहानियां साझा करेंगी और मेरे सोशल मीडिया अकाउंट से आपके साथ बातचीत करेंगी।
इधर स्नेहा मोहन दास के बाद पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट की जिम्मेदारी मालविका अय्यर ने संभाला और उन्होंने अपनी कहानी को साझा किया।इससे पहले तक पीएम नरेंद्र मोदी अपने अकाउंट से ट्वीट कर रहे थे। उनके साइन ऑफ होते ही। पहली महिला ने उनके अकाउंट से ट्वीट किया। महिला ने ट्वीट करते हुए लिखा आपने सोचा के लिए भोजन के बारे में सुना। अब, हमारे गरीबों के बेहरत भविष्य के लिए कार्रवाई का समय है।नमस्कार मैं हूँ @snehamohandoss स्नेहा मोहन दास। मेरी मां से प्रेरित होकर मैंने ये काम शुरु किया, जिन्होंने बेघरों को खाना खिलाने की आदत डाली, मैंने फूडबैंक इंडिया नाम से यह पहल शुरू की।
पीएम ने ट्वीट कर कहा मैं स्वयंसेवकों के साथ काम करता हूं, जिनमें से कई भारत के बाहर हैं, भूख मिटाने की दिशा में काम करने के लिए। हमारे पास 20 से अधिक अध्याय हैं और हमने अपने काम से कई लोगों को प्रभावित किया है। हमने मास कुकिंग, कुकिंग मैराथन, ब्रेस्ट फीडिंग अवेयरनेस ड्राइव जैसी गतिविधियां भी शुरू कीं है।भारत में राष्ट्र के सभी हिस्सों में महिलाओं की उपलब्धि है। इन महिलाओं ने कई क्षेत्रों में शानदार काम किया है। उनके संघर्ष और आकांक्षाएं लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। आइए हम ऐसी महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाते रहें और उनसे सीखें।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर नारी शक्ति पुरस्कार हासिल करने वाली महिलाओं से संवाद किया। पीएम ने महिलाओं को प्रेरित करने वाली कहानियां भी सुनी। सरकार ने कई ऐसी महिलाओं की कहानियां शेयर की है जो काफी प्रेरणा देने वाली हैं।
सोशल मीडिया पर सरकार ने बताई फाल्गुनी की कहानी
सरकार ने ट्वीटर अकाउंट पर गृहिणी फाल्गुनी की कहानी शेयर की ट्वीट में बताया गया कि गृहिणी फाल्गुनी दोषी ने जरूरतमंदों के लिए व्हीलचेयर,वॉकर,अस्पताल के बेड, बैसाखी आदि उपकरणों की आसान पहुंच के लिए एक रास्ता निकाला और उन्हें प्रतिदिन कम से कम एक रुपये से लेकर पांच रुपय तक के लिए किराये पर देना शुरू कर दिया।इस योजना के माध्यम से हजारों लोग लाभान्वित हुए हैं।
सुजाता साहू आयरन लेडी ऑफ लद्दाख
सुजाता साहू, जिसे'लद्दाख की आयरन लेडी भी कहा जाता है, उन्होंने 17000 एजुकेशन के नाम से एक फाउंडेशन की स्थापना की जिसका उद्देश्य लद्दाख के दूरदराज के गांवों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।2014 तक, इस फाउंडेशन ने 50,000 पुस्तकों का दान किया,15 स्कूलों और अधिक में खेल के मैदान स्थापित किए।
सालों से लोगों की मदद कर रही डॉक्टर दादी
भक्ति यादव जो किसी सरकारी अस्पताल में काम नहीं करती है। उन्हें 'डॉक्टर दादी' के नाम से भी जाना जाता है।91 वर्षीय इंदौर, एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाली पहली महिला हैं। वह पिछले 68 सालों से मरीजों का मुफ्त में इलाज कर रही है और इससे हजारों बच्चों को जन्म देने में मदद मिली है।
झारखंड की सुश्री चामी मुर्मू
चामी मुर्मू ने दो हजार से अधिक महिला समूह बनाकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा चामी मुर्मूआज किसी पहचान की मोहताज नहीं। पर्यावरण एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है।चामी मुर्मू 1988 से पर्यावरण एवं महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही हैं। जिस दौर में महिलाओं को सामाजिक रूप से कई बेड़ियों में बांध कर रखी जाती थीं। महिलाओं को अकेले घूमने की इजाजत नहीं थी। चामी मुर्मू अकेले घर की दहलीज से बाहर निकली और अपने एक अलग सफर में चल पड़ी। गांव-गांव घूमकर महिलाओं को जागरूक करती, लोगों को पर्यावरण के महत्त्व बताती, बंजर भूमि को हरियाली में बदलने की कोशिश करती, जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होता वहां पोषाहार पहुंचाने का काम करती।
विपरीत हालात में बढ़ती रहीं आगे
सब चामी के लिए इतना आसान नहीं रहा। इस सफर में उन्हें समाज से न जाने कितने ताने सुनने पड़े।राह में कई बाधाएं आईं। लेकिन हर मुश्किल और हालात का सामना करते हुए चामी आगे बढ़ती रही। राजनगर के बगराईसाई में सहयोगी महिला संस्था का गठन किया। 1992 में उनकी संस्था पंजीकृत हुई। लंबे समय तक सचिव पद पर रही। 32 वर्षों के सफर में अब तक चामी मुर्मू ने 780 हेक्टर से अधिक सरकारी,गैरसरकारी एवं बंजर भूमि पर 27,25 960 पौधा रोपण कर चुकी हैं।
महिलाओं को रोजगार से जोड़ा
कोल्हान क्षेत्र में सहयोगी महिला बगराईसाई संस्था के द्वारा 2800 महिला समूह बना चुकी हैं। महिलाएं आज घर की दहलीज लांघ कर खुद को सबल बना रही हैं। महिलाओं को अपने कार्यालय में प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया। राजनगर के विभिन्न बैंकों में आज महिलाओं की अधिक भीड़ देखी जाती है। चामी मुर्मू अपनी संस्था की ओर से महिलाओं को बकरी पालन, मुर्गा पालन, सुकर पालन सहित विभिन्न प्रकार की स्वरोजगर योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके परिवारों को आर्थिक रूप से सबल बनाने का काम कर रही हैं। महिलाओं को सरसों, आलू, गेहूं आदि बीज का वितरण कर उन्हें खेती के लिए प्ररित करती हैं।
इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र सहित दर्जनों पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं चामी
जिला परिषद सदस्य चामी मुर्मू को पर्यावरण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से 1996 में इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र से सम्मानित किया जा चुका है। 1999 में सामाजिक समन्वय समिति चाईबासा द्वारा चाईबासा रत्न, सिंहभूम कक्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की ओर से अभिनंदन पत्र, आदिवासी एसोसिएशन के द्वारा सम्मान पत्र, भारतीय जननाट्य संस्था चाईबासा की ओर से सफदर हाशमी सम्मान सहित दर्जनों सम्मान से नवाजी जा चुकी हैं।
सम्मान शोषित,पीड़ित एवं वंचित वर्ग की महिलाओं को समर्पित:चामी मुर्मू
चामी मुर्मू ने कहा किअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित होकर गौरव महसूस कर रही हूं। मेरा यह सम्मान क्षेत्र की शोषित,पीड़ित एवं वंचित वर्ग की महिलाओं को समर्पित है।महिलाओं के आत्मसम्मान और समाज सेवा के काम में माता पिता ने सदैव प्रोत्साहित किया।
परिचय
नाम - सुश्री चामी मुर्मू, जन्म तिथि- 06 नवंबर 1971, अविवाहित।
पिता - स्वर्गीय धानु मुर्मू, माता - श्रीमती नानी मुर्मू।