Dhanbad: MP ढुल्लू महतो और उनके MLA भाई को कोर्ट से बड़ी राहत, मारपीट व जख्मी करने के मामले में हुए बरी

धनबाद के बीजेपी एमपी ढुलू महतो व उनके एमएलए भाई शत्रुघ्न महतो को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने एमपी-एमएलए समेत नौ लोगों को बरी कर दिया है।

Dhanbad: MP ढुल्लू महतो और उनके MLA भाई को कोर्ट से बड़ी राहत, मारपीट व जख्मी करने के मामले में हुए बरी
ढुल्लू अपने अधिवक्ताओं के साथ।

धनबाद। धनबाद के बीजेपी एमपी ढुलू महतो व उनके एमएलए भाई शत्रुघ्न महतो को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने एमपी-एमएलए समेत नौ लोगों को बरी कर दिया है।

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 एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने चार जनवरी 2025 को उभय पक्ष की बहस सुनने के बाद फैसले के लिए आठ जनवरी की तारीख निर्धारित की थी। सभी आरोपी कोर्ट में उपस्थित थे।अभियोजन का संचालन कर रहे अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय ने अदालत में एक आवेदन दाखिल करके केस को री-ओपन करने की प्रार्थना की। इसका विरोध बचाव पक्ष के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी, नीरज बिसियार व एन के सविता ने किया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि इसके पूर्व अदालत ने नौ अक्टूबर 2024 को अभियोजन के इसी तरह के आवेदन को शर्तों के साथ स्वीकार किया था। एक तिथि में सभी गवाहों का परीक्षण कराने का आदेश दिया था। चुकी इसके पूर्व अभियोजन को इस मामले में काफी समय दिया जा चुका था, बावजूद इसके अभियोजन गवाह को अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। लिहाजा अदालत ने अभियोजन की अर्जी को खारिज कर फैसला सुना दिया।
उस समय ढुल्लू महतो के राजनीतिक विरोधी जलेश्वर महतो मंत्री थे। इस मामले में शनिवार को एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सुनवाई पूरी हुई थी एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत आठ जनवरी को फैसले की तारीख निर्धारित की गई थी। कोर्ट ने बुधवार को मामले के नामजद सभी आरोपी धनबाद एमपी ढुलू महतो, उनके भाई बाघमारा एमएले शरद महतो उर्फ शत्रुघ्न महतो, तनवीर आलम उर्फ बबलू अंसारी, सुरेश साव, बलराम महतो, अजय गोराई उर्फ अजय महतो, किरण महतो, राजशंकर राय उर्फ शंकर राय, बाटुल महतो को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी करने का आदेश सुनाया।
यह है मामला
धनबाद के बरोरा पुलिस स्टेशन में वर्ष 2006 में मामला दर्ज किया गया था। 25 जून "2006 को दर्ज एफआइआर में नाजायज मजमा लगाकर मंत्री का पुतला दहन करने व मारपीट का आरोप था। उस समय के जलेश्वर महतो मंत्री थे। मामले में ढुल्लू, शरत समेत अन्य आरोपी बनाये गये थे।