नई दिल्ली: एक्स सेंट्रल मिनिस्टर मनोज सिन्हा बने जम्मू-कश्मीर के नये उपराज्यपाल 

एक्स सेंट्रल मिनिस्टर मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल (एलजी)बनाया गया है। उन्हें गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर का नया एलजी नियुक्त किया गया है।

नई दिल्ली: एक्स सेंट्रल मिनिस्टर मनोज सिन्हा बने जम्मू-कश्मीर के नये उपराज्यपाल 
जम्मू कश्मीर के नये एलजी मनोज सिन्हा।
  • नई दिल्ली से श्रीनगर पहुंचे मनोज सिन्हा

नई दिल्ली। एक्स सेंट्रल मिनिस्टर मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल (एलजी)बनाया गया है। उन्हें गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर का नया एलजी नियुक्त किया गया है। उपराज्यपाल मनोनित किये जाने के बाद मनोज सिन्हा दिल्ली से श्रीनगर पहुंच गये हैं। 

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के एलजी गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा मंजूर कर लिया। इसके बाद मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया। राष्ट्रपति के प्रेस सेकरेटरी अजय कुमार सिंह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मनोज सिन्हा की नियुक्ति उनके कार्यालय के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से लागू होगी।इससे पहले सेंट्रल गवर्नमेंट ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को गिरीश चंद्र मुर्मू की जगह जम्मू-कश्मीर के नए एलजी के रूप में नियुक्त किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने केंद्र शासित राज्य के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद मनोज सिन्हा को इस पद पर नियुक्त किया है। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन होने के बाद बीते साल 31 अक्टूबर को मुर्मू ने उपराज्यपाल का पद संभाला था।

संचार व रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं मनोज सिन्हा

बीजेपी के कद्दावर लीडर मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संचार व रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने गाजीपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन पराजित हो गये थे। सहज एवं सरल स्वभाव के धनी मनोज सिन्हा को पीएम नरेंद्र मोदी का विश्वसनीय माना जाता है। 

जीसी मुर्मू के इस्तीफे से हलचल!

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 के हटाए जाने की पहली वर्षगांठ पर बुधवार देर शाम, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के एलजी गिरीश चंद्र मुर्मू(ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुर्मू के इस्तीफे की खबर से प्रशासन खेमे से लेकर सियासी पार्टियों में हलचल है। मुर्मू ने देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा भी सौंप दिया था। वहीं, मुर्मू के इस्तीफे का कारणों का पता नहीं चला, लेकिन अफवाहें हैं कि कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के कामकाज से वह खफा थे। सूत्रों के अनुसार, मुर्मू की सेंट्रल में कैग या किसी बड़े ओहदे पर नियुक्ति हो सकती है।मुर्मू के करीबियों की मानें तो वह बीते कुछ दिनों से लगातार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे थे। नागरिक सचिवालय और स्थानीय हलकों में जारी चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन में कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। इस मसले पर उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से भी चर्चा की थी। उनके इस्तीफे की चर्चा कई दिनों से चल रही थी।