ED जॉइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का इस्तीफा मंजूर, BJP में होंगे शामिल, उत्तर प्रदेश से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का इस्तीफा मंजूर हो गया है। राजेश्वर सिंह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने इस्तीफा स्वीकार होने के एक सार्वजनिक पत्र जारी कर बीजेपी के प्रति अपने लगाव का भी जिक्र किया है। संभावना है कि बीजेपी उन्हें यूपी विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट भी बना सकती है। 

ED जॉइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का इस्तीफा मंजूर, BJP में होंगे शामिल, उत्तर प्रदेश से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
राजेश्वर सिंह (फाइल फोटो)।
  • बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
  • उत्तर प्रदेश पुलिस में सीओ के पद से शुरू किया था करियर
  • अगस्त 2021 में ही ले लिया था वीआरएस, अब स्वीकार किया गया

लखनऊ। ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का इस्तीफा मंजूर हो गया है। राजेश्वर सिंह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने इस्तीफा स्वीकार होने के एक सार्वजनिक पत्र जारी कर बीजेपी के प्रति अपने लगाव का भी जिक्र किया है। संभावना है कि बीजेपी उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट भी बना सकती है। 

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उन्होंने छह महीने पहले ईडी वीआरएस देने का अनुरोध किया था। वीआरएस के लिए आवेदन के वक्त राजेश्वर ईडी लखनऊ जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे। राजेश्वर सिंह ने 10 साल उत्तर प्रदेश पुलिस और 14 साल ईडी में सेवा दी है। वहां भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण केस साल्व किये। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 2-जी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला और गोमती रिवरफ्रंट घोटाला जैसे कई हाईप्रोफाइल मामलों की जांच की है। 
राजेश्वर सिंह ने ही सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था। एयरसेल-मैक्सिस डील को हरी झंडी देने के लिए तत्कालीन फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम को परेशान कर दिया। बतौर ईडी ऑफिसर राजेश्वर सिंह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, कोयला घोटाले, कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम जैसे केस की जांच में शामिल रहे हैं। राजेश्वर सिंह ने ईडी में अपने कार्यकाल के दौरान अफेंडर्स के तकरीबन 3000 करोड़ रुपये के असेट्स को सीज किया। उनके नेतृत्व में ईडी ने 2जी स्पैक्ट्रम स्कैम में 223 करोड़, रेड्डी मामले में 1000 करोड़, एयरसेल-मैक्सिस मामले में 750 करोड़, मधु कोड़ा मामले में तकरीबन 300 करोड़ के असेट्स सीज किये।
कामनवेल्थ और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच की
राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस की यूपीए सरकार में वर्ष 2010 से 2018 तक हुए कामनवेल्थ गेम में हुए घोटाले और कोल डिपो के आवंटन में हुई अनियमितता की जांच किया था। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर डील में हुई अनियमितता के मामले में जिसमें तत्कालीन सेंट्रल मिनिस्टर पी. चिदंबरम और उनके बेटे कीर्ति चिदम्बरम का नाम शामिल होने का मामला आया था। उसमें भी इनके द्वारा कार्यवाही की गयी। हरियाणा से सीएम रहे ओम प्रकाश चौटाला, झारखंड के मधु कोड़ा और आध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ चल रही जांच का भी यह हिस्सा रहे। राजेश्वर सिंह की सेवा में अभी 12 साल थे।
राजेश्वर सिंह की गिनती सुपरकॉप में होती है। राजेश्वर सिंह 1996 बैच के पीपीएस अफसर हैं। लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में पोस्टिंग के दौरान उन्हें इनकाउन्टर स्पेशलिस्ट माना जाता था। राजेश्वर सिंह ने 13 एनकाउंटर किये हैं। इस दौरान कई खूंखार क्रिमिनलों पर कानूनी शिकंजा कसने में सफल रहे हैं।  यूपी पुलिस ज्वाइन करने के 14 महीने में ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। उन्हें उनके काम के दम पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' और 'साइबर जेम्स बॉन्ड' की उपाधियों से नवाजा जाने लगा था। राजेश्वर सिंह वर्ष 2009 में डिपुटेशन पर ईडी में चले गये थे।
राजेश्वर सिंह
 UPA और कांग्रेस को परेशानी में डालने वाले ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे  राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट राजेश्वर सिंह ने लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली है। इनके एक भाई और एक बहन इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। बहनोई आईपीएस राजीव कृष्ण आगरा ज़ोन के एडीजी हैं। इनके दूसरे बहनोई आइपीएस रहे वाई पी सिंह भी वीआरएस ले लिया था। राजेश्वर सिंह के पिता भी पुलिस डिपार्टमेंट डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे। राजेश्वर सिंह की पत्नी आइपीएस अफसर लक्ष्मी सिंह अभी लखनऊ रेंज की आईजी हैं। राजेश्वर सिंह माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक हैं।इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वे पुलिस सेवा में आ गये।