कोल इंडिया कर्मियों को तोहफा: हादसे में मौत पर आश्रितों को 1-2 करोड़ तक का मुआवजा
कोल इंडिया कर्मियों के लिए बड़ी राहत: केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने रांची में घोषणा की कि हादसे में मौत पर नियमित श्रमिकों को 2 करोड़ और ठेका श्रमिकों को 1.40 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। कोविड एक्सग्रेशिया राशि भी बढ़ायी गयी।

- कोल इंडिया हादसा मुआवजा दोगुना: नियमित को 2 करोड़, ठेका कर्मियों को 1.40 करोड़
रांची। सेंट्रल कोल मिनिस्टर जी किशन रेड्डी ने रांची दौरे के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के श्रमिकों और उनके आश्रितों के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। 17 सितंबर 2015 विश्वकर्मा पूजा से दुर्घटना में मौत होने पर आश्रितों को एक करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। इसके बाद नियमित श्रमिकों को कुल दो करोड़ रुपये और ठेका श्रमिकों को 1.40 करोड़ रुपये दिये जायेंगे।
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Glimpses from Day 1 of my visit to Ranchi, Jharkhand where I inaugurated the newly built Integrated Command & Control Centre (ICCC) at Central Coalfields Limited Headquarters: @CoalMinistry @CoalIndiaHQ pic.twitter.com/AaFV3Xz0Y7
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) September 12, 2025
रांची के रेडिसन ब्लू होटल में केंद्रीय मंत्री ने प्रेस कांफ्रेस में कोल मिनिस्टर ने कहा कि कोविड से हुई मौत के मामलों में एक्सग्रेशिया राशि भी 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गयी है। कोल मिनिस्टर ने यह भी ऐलान किया कि सभी कोयला खदानों में ड्रेस कोड अनिवार्य होगा।
अभी कोल माइंस में काम करने वाले नियमित कर्मचारियों को एक करोड़ और ठेका श्रमिकों को 40 लाख रुपये मिलता था। इस तरह जो नियमित श्रमिक हैं उन्हें अब दो करोड़ व ठेका श्रमिकों के आश्रितों को एक करोड़ चालीस लाख तक मुआवजा मिलेगा। 17 सितंबर को ही पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। यह श्रमिकों को बड़ा तोहफा है।
उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि अभी हम चौथा इकोनॉमी देश है। हम तीसरा बनने की ओर अग्रसर हैं और इसमें कोल इंडिया की महती भूमिका होगी। इसके लिए हमारा पूरा जोर घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति के लिए युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार को जो भी बदलाव करना पड़ रहा है, वह कर रही है।
क्रिटिकल मिनरल्स में सरकार बढ़ा रही है कदम
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में क्रिटिकल मिनरल्स की मांग को देखते हुए सरकार इसके घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। अब इसके बिना काम नहीं चल सकता। सेंट्रल मिनिस्टर ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में कोल एंड माइंस की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। घरेलू कोयला उत्पादन और क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। आज मोबाइल में, कैमरा में हर चीज में इसकी जरूरत पड़ रही है। इसलिए हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। क्रिटिकल मिनरल्स के इंपोर्ट को कम करने के लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन 2025 में लांच किया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को मजबूत करना है। इस दिशा में शोध पर भी काम चल रहा है। अभी हम अर्जेंटीना व जांबिया में काम कर रहे हैं।
रेड्डी ने कहा कि सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के नाम पर लगभग 32000 करोड़ का एक मिशन शुरू किया गया है इसके द्वारा देश में घरेलू क्रिटिकल मिनरल्स के खनन को प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर यूनिट्स को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास किया जा रहा है।दुनिया के अलग-अलग देश में भारत सरकार जाकर पीएसयू और प्राइवेट सेक्टर एक्सप्लोरेशन कर रही है। माइनिंग कर रही है। अर्जेंटीना में 5 लाख लिथियम का भारत सरकार के पीएसयू द्वारा गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट बेसिस एक्सप्लोरेशन का काम चल रहा है। इस दिशा में हम प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप कंपनी को भी मदद कर रहे हैं।
ऑक्शन में बरती जा रही पारदर्शिता
कोल मिनिस्टर ने कहा कि अब ऑक्शन में ईमानदारी और पारदर्शिता बरती जा रही है। इस सेक्टर में सुधार हो रहा है। 2015 से पहले कोल मंत्रालय बदनाम था। सुप्रीम कोर्ट ने करीब 204 कोल ब्लॉक को रद कर दिया था।मोदी ने 2015 से रद कोल ब्लॉक को पारदर्शिता के साथ ओपन ऑक्शन अलॉटमेंट का निर्णय लिया और फिर आज तक इस पर कोई सवाल नहीं उठा। उन्होंने बारिश के कारण कोल उत्पादन कम होने की बात भी कही।कोल कंपनी, स्टील कंपनी और पावर कंपनियों के पास 24 दिन का कोयले का स्टाक रहता है। पहले या 11 से 17 दिन का स्टॉक रखते थे लेकिन पीएम मोदी के आदेश पर 24 दिन का स्टॉक रखा जाता है। हम अधिक स्टॉक रख भी नहीं सकते हैं।
खनन के दौरान सुरक्षा पर उठे सवाल
हाल में खनन के दौरान दुर्घटनाओं पर कहा कि हम सुरक्षा का विशेष ध्यान रख रहे हैं। अवैध माइनिंग रोकने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार से भी इस दिशा में बात करेंगे। हम सुरक्षा को लेकर नई तकनीक लेकर आये हैं।अब नया झरिया मास्टर प्लान उन्होंने एक सवाल पर कहा कि अब नया झरिया मास्टर प्लान लेकर आए हैं। झरिया मास्टर प्लान के तहत राज्य सरकार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर एक सीईओ नियुक्त करना है, जो केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से गठित 60 लोगों की टीम में शामिल होगा। इस टीम में केंद्र ने 50 लोगों की नियुक्ति कर दी है और बाकी 10 लोगों की नियुक्ति राज्य सरकार को करनी है, जिसमें एक सीईओ भी शामिल है, जो योजना को गति देगा। उन्होंने कहा कि हम घर बनाने से लेकर रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा का भी विशेष ध्यान रखे हैं। इस मौके पर चेयरमैन पीएम प्रसाद, सीसीएल सीएमडी निर्मलेंदु सिंह, सीएमपीडीआई सीएमडी मनोज कुमार सहित कई अफसर उपस्थित थे।