ईरान: 30 शहरों में फैला प्रदर्शन, हिंसक झड़पों में अब तक 31 की मौत
ईरान में पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी (22) नामक महिला की मौत के बाद प्रदर्शनों के कारण पूरा देश जल उठा है। महिला की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। ओस्लो स्थित एक एनजीओ ने गुरुवार को यह दावा किया। इस घटना को लेकर ईरान में तीन दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी तेहरान तक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई है।
- महिलाओं के साथ पुरुष भी सड़कों पर उतरे
पेरिस। ईरान में पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी (22) नामक महिला की मौत के बाद प्रदर्शनों के कारण पूरा देश जल उठा है। महिला की मौत के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। ओस्लो स्थित एक एनजीओ ने गुरुवार को यह दावा किया। इस घटना को लेकर ईरान में तीन दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी तेहरान तक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई है।
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ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। महिलाओं के साथ पुरुष भी प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। अब ये 15 शहरों में फैल गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हो रही हैं। आंदोलन कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं। फायरिंग में गुरुवार को तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हुई। पिछले पांच दिन में मरने वालों की तादाद 31 हो गई है। सैकड़ों लोग घायल हैं।
यह है मामला
ईरान की मॉरल पुलिस ने 13 सितंबर को युवती महसा अमिनी को हिजाब न पहनने के आरोप में अरेस्ट किया। 16 सितंबर को उसकी लाश परिवार को सौंपी गई। सोशल मीडिया के जरिए मामला लोगों तक पहुंचा। अब हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
माशा के पिता अमजद अमिनी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि पुलिस और सरकार सिर्फ झूठ बोल रही है। मैं बेटी की जान बख्शने के लिए उनके सामने गिड़गिड़ाता रहा। जब मैंने उसका बॉडी देखा तो वो पूरी तरह कवर था। सिर्फ चेहरा और पैर नजर आए। पैरों पर भी चोट के निशान थे। महसा अमिनी की मौत और हिजाब मेंडेटरी होने का विरोध जताते हुए कई महिलाओं ने अपने बाल काट लिए। इन महिलाओं ने विरोध के तौर पर सोशल मीडिया पर बाल काटते हुए वीडियो और फोटोज पोस्ट किए। घबराई सरकार ने इंटरनेट ही ब्लॉक कर दिया।
अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार
ईरान की महिलाएं हिजाब निकालकर प्रदर्शन कर रही हैं। विरोध से सहमी सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। आंदोलन में भाग लेने वाली महिलाओं में ज्यादातर स्कूल-कॉलेज की स्टूडेंट्स हैं। सड़कों पर सरकार को खुली चुनौती दे रही हैं। तेहरान समेत 15 शहरों में धर्मगुरु अयातुल्ला खामेनेई के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बावजूद देश के हर बड़े शहर में मॉरल पुलिसिंग और हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पैलेट गन चलाई। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। दूसरे शब्दों में कहें तो ईरानी महिलाएं चाहती हैं कि हिजाब उन पर थोपा न जाए, बल्कि वे अपनी मर्जी के हिसाब से ही इसे पहनें या न पहनें।
लगभग 15 शहरों में प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। दूसरे शब्दों में कहें तो ईरानी महिलाएं चाहती हैं कि हिजाब उन पर थोपा न जाए, बल्कि वे अपनी मर्जी के हिसाब से ही इसे पहनें या न पहनें।हिजाब जलाकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही है। लंबे वक्त से महिलाएं यहां के धार्मिक कानून के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। इस बार प्रदर्शनों में महिलाओं के साथ पुरुष भी नजर आ रहे हैं। सैकड़ों पुरुषों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। ईरानी महिलाओं ने 20 सितंबर को देश में एंटी हिजाब कैंपेन चलाया और बिना हिजाब की वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसके बाद दूसरे देशों में रह रही ईरानी महिलाओं ने भी अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए।हिजाब विरोधी प्रदर्शन ईरान के पश्चिमी हिस्से में शुरू हुए थे। इस इलाके को कुर्दिस्तान कहा जाता है। यहां के लोग कई साल से अलग देश की मांग भी कर रहे हैं। इसके बाद इनका दायरा बढ़ा और अब लगभग 15 शहरों में इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं।