झारखंड: एडीजी अनुराग गुप्ता ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को व निलंबन को हाई कोर्ट में दी चुनौती, हार्स ट्रेडिंग मामले की CBI जांच कराने का आग्रह
झारखंड के सीनीयर आइपीएस एडीजी अनुराग गुप्ता ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को व निलंबन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट में आवेदन देकर उन्होंने अपने ही खिलाफ सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा गया है कि झारखंड पुलिस के अनुसंधान से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है।
- चर्चित आइपीएस को अब नहीं रहा झारखंड पुलिस पर भरोसा
रांची। झारखंड के सीनीयर आइपीएस एडीजी अनुराग गुप्ता ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को व निलंबन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट में आवेदन देकर उन्होंने अपने ही खिलाफ सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा गया है कि झारखंड पुलिस के अनुसंधान से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है।
एडीजी अनुराग गुप्ता राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में आरोपी है। उन्होंने जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर के साथ-साथ गवर्नमेंट के सस्पेंड के आदेश को भी चुनौती दी है। एडीजी अनुराग गुप्ता के आवेदन के आधार पर हाई कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है। शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को केस संबंधित सभी तथ्य व केस की वर्तमान स्थिति से हाई कोर्ट को अवगत कराना है।
11 माह से सस्पेंड चल रहे हैं अनुराग गुप्ता
एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 11 माह से सस्पेंड चल रहे हैं।हेमंत गवर्नमेंट ने वर्ष 2020 की वे 14 फरवरी को एडीजी अनुराग गुप्ता को सस्पेंड कर दिया था। उस समय श्री गुप्ता सीआइडी के एडीजी थे। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी को लालच देने और उनके हसबैंड एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी FIR
स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में कांग्रेस एमएलए निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की कंपलेनत पर इसकी जांच कराई थी। आयोग ने आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।इसके बाद एडीजी अनुराग गुप्ता व तत्कालीन सीएम रघुवर दास के पॉलिटिकल एडवाइजर अजय कुमार के खिलाफ जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में वर्ष 2018 की 29 मार्च को एफआइआर दर्ज हुई थी। स्टेट गवर्नमेंट ने वर्ष 2018 की जनवरी चुनाव आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। आयोग ने अपने पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी। इसके बाद ही सभी संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी।
तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी का बयान
तत्कालीन बड़कागांव की एमएलए निर्मला देवी ने जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर की जांच के दौरान अपना बयान भी दर्ज कराया। उन्होंने अपने बयान में तत्कालीन सीएम रघुवर दास, तत्कालीन एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार पर राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था। यह भी आरोप लगाया था कि आरोपितों ने उनपर बीजेपी में शामिल होने का भी दबाव बनाया था।