झारखंड: हजारीबाग की चर्चित महेश्वरी मर्डर केस की सीआईडी जांच शुरु
हजारीबाग में दो साल पहले एक ही फैमिली के सभी छह लोगों की मौत यानी माहेश्वरी मर्डर केस की सीआईडी जांच शुरू हो गयी है। सीआईडी की टीम शुक्रवार को हजारीबाग पहुंचकक सदर पुलिस स्टेशन एरिया के खजांची तालाब स्थित सीडीएम शुभम अपार्टमेंट में हुए माहेश्वरी मर्डर केस के संबंध में जांच की।
रांची। हजारीबाग में दो साल पहले एक ही फैमिली के सभी छह लोगों की मौत यानी माहेश्वरी मर्डर केस की सीआईडी जांच शुरू हो गयी है। सीआईडी की टीम शुक्रवार को हजारीबाग पहुंचकर सदर पुलिस स्टेशन एरिया के खजांची तालाब स्थित सीडीएम शुभम अपार्टमेंट में हुए माहेश्वरी मर्डर केस के संबंध में जांच की।
सीआइडी टीम ने पड़ोस के लोगों व वार्ड पार्षद कुलदीप क्षेत्री से भी पूछताछ की। घटना स्थल का निरीक्षण किया। टीम अपार्टमेंट की छत पर भी गई जहां से एक मृतक के गिरने की बात सामने आई थी।
एक्स मिनिस्टर सरयू राय ने डीजीपी को पत्र लिखकर माहेश्वरी मर्डर केस की हाइलेवल जांच की मांग की थी
एक्स मिनिस्टर सरयू राय ने डीजीपी एमवी राव को वर्ष 2020 की 31 अगस्त लेटर लिखा था। उन्होंने ने डीजीपी से हजारीबाग में बीते वर्ष 2018 की 15 जुलाई को हुए माहेश्वरी मर्डर केस की हाइलेवल जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि एक ही फैमिली के छह लोगों की मर्डर एक साथ कर देना और इसे सुसाइड का मामला बताना तथा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस मामले को रफा-दफा कर देना कोई सामान्य बात नहीं है। मुझे विश्वास है कि झारखंड पुलिस के योग्य अफसर इस कांड का खुलासा करने में सक्षम है। फिर भी यदि आपको लगता है कि इस मर्डर केस के पीछे गहन साजिश को देखते हुए इसे सीबीआई को सौंपा जाय तभी ऐसा करना उचित होगा।
प्रभावशाली व्यक्ति है मर्डर केस में शामिल
सरयू राय ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा था कि हजारीबाग के बाडम बाजार, महावीर स्थान चौक के समीप फैमिली के छह मेंबर की निर्मम हत्या उनके अपार्टमेंट में कर दी गई। इनमें महाबीर प्रसाद माहेश्वरी, उनकी पत्नी किरण माहेश्वरी, बेटा नरेश माहेश्वरी, बहु प्रीति माहेश्वरी, दस वर्षीय पोता अमन माहेश्वरी, छह वर्षीय पोती अन्वी माहेश्वरी शामिल थे। पीड़ित परिवार के राजेश कुमार माहेश्वरी ने मुझे स्पीड पोस्ट से अपनी व्यथा को व्यक्त करते हुए आवेदन भेजा है। पत्र में इनके द्वारा अबतक किये गये प्रयासों का उल्लेख है।
उनकी आशंका है कि कोई न कोई मजबूत एवं प्रभावशाली व्यक्ति या व्यक्ति समूह इस हत्याकांड में शामिल है। अप्रत्यक्ष धमकी उन्हें मिलती रही है। जिस तरह मुम्बई में ‘सुशांत सिंह राजपूत हत्याकांड को लेकर पूरे देश में संवेदना है. उसी तरह करीब दो वर्ष पूर्व हुए इस सामूहिक नरसंहार के प्रति भी झारखं सरकार की संवेदना जागनी चाहिए। सरयू राय ने डीजीपी से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस मामले की जांच या तो एक एसआईटी गठित कर सीआईडी के नेतृत्व में कराने का आदेश दें या इस मामले को जांच के लिये सीबीआई के सुपुर्द कर दें।
फ्लैश बैक
वर्ष 2018 की 14 जुलाई को खजांची तालाब के पास सीडीएम शुभम अपार्टमेंट के थर्ड फ्लोर फ्लैट नंबर 303 में रह रहे माहेश्वरी फैमिली के छह लोगों के मौत का मामला प्रकाश में आया था। अभी तक यह गुत्थी सुलझ नहीं पाई है कि यह मर्डर थी या सुसाइड। परिवार के मुखिया महावीर अग्रवाल, पत्नी किरण अग्रवाल, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन अग्रवाल और पोती अन्वी उर्फ परी अग्रवाल की बॉडी अपार्टमेंट से बरामद किया गया था। महावीर अग्रवाल की बॉडी बेडरूम के पंखे से लटका मिला। नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के बाहर नीचे गिरा पड़ा था।हाथ व पैर टूटा हुआ था। किरण अग्रवाल का गला काट कर बिस्तर पर शव पड़ा था। प्रीति अग्रवाल का शव पंखे से लटका मिला। पोता अमन को भी फांसी लगाया गया था। पोती अन्वी का शव सोफा से बरामद किया गया था जिसे जहर देने की बात सामने आई थी। सभी मृतकों का बेसरा को भी सुरक्षित रखा गया हैं।