Jharkhand: IAS पूजा सिंघल का करीबी कोल बिजनसमैन इजहार अंसारी ED ने किया अरेस्ट

ईडी ने मनरेगा घोटाले में जेल में बंद सस्पेंड आईएएस अफसर पूजा सिंघल के करीबी हजारीबाग के कोल बिजनसमैन इजहार अंसारी को मंगलवार को अरेस्ट कर लिया। इजहार कहकशां ग्रुप ऑफ कंपनीज के अलावा कई शेल कंपनियों का संचालक है, जिनके माध्यम से काले धन का संचालन कर रहा था। 

Jharkhand: IAS पूजा सिंघल का करीबी कोल बिजनसमैन इजहार अंसारी ED ने किया अरेस्ट
  • कहकशां ग्रुप ऑफ कंपनीज के अलावा कई शेल कंपनियों का संचालक है इजहार
  • शेल कंपनियों के माध्यम से ब्लैक मकीन का कर रहा था संचालन 
  • ईडी ने इजहार के तीन ठिकानों पर रेड के बाद किया है अरेस्ट
  • ठिकानों से मिले हैं 13 लाख रुपये कैश व शेल कंपनियों से संबंधित दस्तावेज

रांची। ईडी ने मनरेगा घोटाले में जेल में बंद सस्पेंड आईएएस अफसर पूजा सिंघल के करीबी हजारीबाग के कोल बिजनसमैन इजहार अंसारी को मंगलवार को अरेस्ट कर लिया। इजहार कहकशां ग्रुप ऑफ कंपनीज के अलावा कई शेल कंपनियों का संचालक है, जिनके माध्यम से काले धन का संचालन कर रहा था। 
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ईडी ने मंगलवार को इजहार अंसारी के हजारीबाग, रामगढ़ के तीन ठिकानों पर दिनभर चली रेड के बाद उसे अरेस्ट किया है। ईडी की रेड के दौरान उसके ठिकानों से 13 लाख रुपये कैश के अलावा विभिन्न शेल कंपनियों व काले धन के निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, जिसका ईडी सत्यापन कर रही है। ईडी ने हजारीबाग के लोहसिंघना थाना क्षेत्र के मिल्लत कालोनी स्थित आवास, रामगढ़ के कुजू ओपी क्षेत्र में इजहार की फैक्ट्री व एक अन्य ठिकाने पर रेड किया है। 
इजहार अंसारी ईडी के पूर्व में भेजे गये समन की अवहेलना कर रहा था।  

इजहार ईडी की पूछताछ में उपस्थित नहीं हो रहा था। अब ईडी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। इजहार पर तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल के सहयोग से अवैध तरीके से कोयले का आवंटन लेकर करोड़ों रुपये की काली कमाई का आरोप है। ईडी ने तीन मार्च 2023 को इजहार अंसारी के ठिकानों पर पहली बार रेड की थी। उस वक्त ईडी को इजहार अंसारी के मिल्लत कालोनी स्थित आवास से तीन करोड़ 58 लाख रुपये कैश व भारी मात्रा में कोयले के अवैध धंधे से संबंधित दस्तावेज मिले थे।

इजहार अंसारी से छह दिनों की ED रिमांड पर
कोल लिंकेज मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अरेस्ट IAS अफसर पूजा सिंघल के करीबी कोल बिजनसमैनइजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक को ईडी ने बुधवार को ईडी की रांची स्थित स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट से इजहार अंसारी के लिए सात दिनों की रिमांड का आग्रह किया, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ईडी को इजहार अंसारी से छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी है।

ईडी ने कोर्ट को सौंपे गए रिमांड आवेदन में इजहार अंसारी की काली कमाई का खुलासा किया है। ईडी ने बताया है कि इजहार अंसारी ने अक्टूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच रियायत दर पर कोयला लेकर खुले बाजार में उसे बेचा और इससे 71 करोड़ 32 लाख 28 हजार 759 रुपये की अवैध कमाई की। इजहार को ईडी ने कई दफा समन किया। उसने ना तो समन का जवाब दिया ना ही ईडी ऑफिस पहुंचा।

मांडू पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर दर्ज की ईसीआइआर
रामगढ़ के मांडू पुलिस स्टेशन में 20 जनवरी 2019 को ट्रक ड्राइवर सैय्यद सलमानी के विरुद्ध झारखंड पुलिस ने FIR दर्ज की थी। इसी केस के आधार पर ईडी ने 12 दिसंबर 2023 को ईसीआइआर दर्ज की थी। झारखंड पुलिस ने जिस ट्रक को पकड़ा था, उसके मालिक इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक थे, जो हजारीबाग के पेलावल रोड में यूबीआइ के समीप मिल्लत कालोनी में रहते थे। उक्त ट्रक पर 19 टन कोयला लदा था, जो टोपा कोलियरी से बनारस की कोयला मंडी में ले जाया जा रहा था।

पुलिस को ट्रक ड्राइवर के पास से मिले चालान के अनुसार कोयला को रामगढ़ के सांडी भरेचनगर स्थित मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज में जाना था, लेकिन इजहार के आदेश पर वह ट्रक बनारस जा रहा था। चालान पर सीसीएल का मोनोग्राम भी था। मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज इश्तेयाक अहमद व मंजूर हसन का पार्टनरशिप फर्म है। ट्रक चालक ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसके ट्रक के पीछे दूसरे वाहन पर कोयला कारोबारी संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व रिजवान भी थे, जो पुलिस को देखकर भाग निकले। इस मामले में पुलिस ने 30 जुलाई 2020 को चार्जशीट की थी।

पुलिस चार्जशीट में मोहम्मद इजहार अंसारी, इश्तेयाक अहमद, संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व राजीव आलम को पुलिस ने जालसाजी व कोयला खनन अधिनियम का दोषी पाया था। बाद में यह खुलासा हुआ कि कोयला जो मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज ने मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड से खरीदा था, वह गलत तरीके से ट्रक मालिक इजहार अंसारी के माध्यम से अवैध तरीके से बनारस भेजा जा रहा था। ट्रक मालिक इजहार अंसारी मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के पार्टनर इश्तेयाक अहमद का संबंधी है। उक्त कंपनी ने सीसीएल का भी विश्वास तोड़ा।

ईडी को अनुसंधान में पता चला कि मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया है, जिसके तहत कैप्टिव खपत के लिए छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता था। इजहार अंसारी की 13 ऐसी एसएमई फर्मों को 71.32 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाला लगभग 86568 टन कोयला आवंटित किया गया था। हालांकि, इसका उपयोग करने के बजाय इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया था। ये 13 फर्म, संस्थाएं गैर-परिचालन, शेल इकाइयां पाई गई हैं। इससे पहले, इजहार अंसारी से जुड़े परिसरों पर तीन मार्च 2023 को की गई तलाशी के दौरान 3.58 करोड़ रुपये की अपराध आय पाई गई और कई आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों के साथ जब्त की गई थी।

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपित व्यक्ति ने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर ऐसे रियायत दर वाले कोयले को बेचकर अपराध की बड़ी आय अर्जित की है और अपराध की आय को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है। जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी ने कुछ लोक सेवकों को रिश्वत व कमीशन देता था। ईडी ने उसे बार-बार समन जारी किया, लेकिन वह न तो ईडी के सामने प्रस्तुत हुआ और न हीं कोई जवाब दिया। मंगलवार को ईडी ने उससे जुड़े हजारीबाग में तीन परिसरों की तलाशी ली और उसे गिरफ्तार किया। ईडी का अनुसंधान जारी है।

माइनिंग अफसर व राजनेताओं का गठजोड़ एक्टिव
ईडी की अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि कोयला लिंकेज घोटाले में मोहम्मद इजहार अंसारी, सीनियर खनन पदाधिकारी व राजनेताओं का एक गठजोड़ सक्रिय है। इसमें इजहार अंसारी ने लोक सेवकों व कोयला कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को रिश्वत दी। कई कंपनियां जैसे राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशा इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकार फ्यूल्स, मेसर्स फलक फ्यूल्स, मेसर्स एसएन कोल ब्रिक्वेट व मेसर्स एनए उद्योग को पिछले दो-तीन वर्षों से निष्क्रिय पाया गया। ईडी को छापेमारी में वहां के स्टाक रजिस्टर में फेरबदल का खुलासा हुआ है।

पूजा सिंघल की मदद से की काली कमाई
ईडी की छानबीन में यह खुलासा हुआ है कि कोयला कारोबारी इजहार अंसारी ने तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल की मदद से कोयले के धंधे में खूब काली कमाई की। अवैध कमाई का हिस्सा उसने पूजा सिंघल तक उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार की मदद से पहुंचाया। मनरेगा घोटाले में वर्ष 2022 में पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास से ईडी ने 19.76 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इसके बाद ईडी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से लंबी पूछताछ की थी, जिसमें यह खुलासा हुआ था कि पूजा सिंघल तक कोयले के इलिगल माइनिंग का पैसा भी पहुंचता था। इसमें इजहार अंसारी कोयले के धंधे में सर्वाधिक काला धन पूजा सिंघल तक पहुंचाता था। फर्जी कंपनियों के नाम पर कोयला उठाकर खुले बाजार में बेचते थे ईडी की यह छापेमारी कोल लिंकेज से संबंधित थी। इजहार अंसारी पर आरोप है कि उसने फर्जी कंपनियों के नाम पर रियायती दर पर कोयला उठाया और उसे खुले बाजार में बेचा। ईडी को उसके ठिकानों से विभिन्न फर्जी कंपनियों से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे, जिसके बारे में ईडी ने गत वर्ष उससे पूछताछ भी की थी।

आईएएस पूजा सिंघल से जुड़ा है मामला
कोल लिंकेज प्रकरण से जुड़े मामले को लेकर इजहार अंसारी के ठिकाने पर ईडी की टीम रेड की है।  बताया जाता है कि निलंबित आईएएस पूजा सिंघल जब खनन सचिव थीं, उस समय इजहार अंसारी ने बड़े पैमाने पर कोयले से अवैध कमाई की थी। इजहार अंसारी के नाम पर 12 से अधिक शेल कंपनियां है। इन्हीं शेल कंपनियों के नाम पर कोयला तस्करी के पैसों को इधर-उधर किया जाता था। ईडी की टीम इजहार अंसारी की सभी शेल कंपनियों के दस्तावेज को हासिल कर जांच में जुटी है। इस मामले में ईडी ने पिछले दिनों सटेट में 14 ठिकानों पर रेड की थी।
चरही के इंदिरा गांव निवासी हैं इजहार
हजारीबाग के कोल बिजनसमैन इजहार अंसारी का पैतृक घर चरही के इंदिरा पंचायत में है। वे वर्ष 1981-82 (40 वर्षों) से कोल बिजनस से जुड़े हैं। इजहार अंसारी के पिता का नाम स्व. राशिद मियां है। उनके छह पुत्र में बड़ा बेटा आलम अंसारी, इजहार अंसारी, मिन्हाज अंसारी, यूनुस अंसारी, सहदुल मियां और स्व. अब्दुल अजीज है। अब्दुल अजीज की मौत वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव प्रचार में कुमार महेश सिंह की रैली में उग्रवादी हमले में हुई थी।