झारखंड: हेमंत, बसंत व मिथिलेश की विधानसभा की सदस्यता पर संकट, चुनाव आयोग का कसा शिकंजा
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, उनका भाई दुमका एमएलए बसंत सोरेन व पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की विधानसभा सदस्यता खतरे में हैं। चुनाव आयोग ने तीनों से अलग-अलग मामले में लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 का उल्लंघन को लेकर जबाव मांगा है।
- चुनाव आयोग ने मिथिलेश ठाकुर के ठेका-पट्टा मामले में गढ़वा डीसी से दोबारा मांगी है रिपोर्ट
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, उनका भाई दुमका एमएलए बसंत सोरेन व पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की विधानसभा सदस्यता खतरे में हैं। चुनाव आयोग ने तीनों से अलग-अलग मामले में लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 का उल्लंघन को लेकर जबाव मांगा है।
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मिथिलेश ठाकुर को अभी भारत निर्वाचन आयोग से अभी क्लीन चिट नहीं मिली है। गढ़वा डीसी रमेश घोलप द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद आयोग ने उसपर असंतोष जाहिर करते हुए कई बिंदुओं को स्पष्ट करने को कहा है। डीसी घोलप ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजी थी जिसमें आयोग ने कुछ बिंदुओं को ष्पष्ट करने को कहा है। डीसी द्वारा उन बिंदुओं को स्पष्ट करते हुए शीघ्र ही दोबारा रिपोर्ट भेजी जायेगी।
चुनाव आयोग ठाकुर को सदस्यता रद करने को भेजेगा नोटिस
एमपी निशिकांत दुबे ने अपने एक ट्वीट में दावा किया है कि गढ़वा डीसी द्वारा दिये गये क्लीन चिट को चुनाव आयोग ने नहीं माना है। दूबे के अनुसार, आयोग मिथिलेश ठाकुर को सदस्यता रद करने को लेकर नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में गढ़वा डीसी के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है कि उनके द्वारा 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने नामांकन फार्म में दिये गये ब्योरे के अनुसार वे मेसर्स सत्यम बिल्डर्स, पश्चिमी सिंहभूम के पार्टनर हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है।
गढ़वा डीसी की रिपोर्ट पर आयोग ने कई बिंदुओं पर उठाये सवाल
मिथिलेश ठाकुर की कंपनी सत्यम बिल्डर्स द्वारा सरकार के साथ की गई कई कंट्रेक्ट विधानसभा निर्वाचन 2019 के दौरान अस्तित्व में थी। इसे लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 का उल्लंघन मानते हुए उनकी सदस्यता रद करने की मांग की गई थी। आयोग ने शिकायत के आलोक में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने गढ़वा डीसी को इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई करने को कहा था।
सीएम हेमंत सोरेन पर पद पर रहते पर माइंस लीज लेने, बसंत द्वारा कंपनी में पार्टनर रहने को लेकर चुनाव आयोग को कंपलेन की गयी है। चुनाव आयोग द्वारा इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। हेमंत व बसंत सोरेन को चुनाव आयोग द्वारा नोटिस भेजकर जबाव मांगा गया है।