झारखंड: एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो की तबीयत फिर बिगड़ी, मेदांता हॉस्पीटल में एडमिट
झारखंड सरकार के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो को मेदांता हॉस्पील कराया गया है। बेटे अखिलेश महतो ने की कहा कि कुछ विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए उन्हें एडमिट कराया गया हैं।
- बेटे अखिलेश महतो ने कहा कुछ विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए कराया गया एडमिट
रांची। झारखंड सरकार के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो को मेदांता हॉस्पील कराया गया है। बेटे अखिलेश महतो ने की कहा कि कुछ विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए उन्हें एडमिट कराया गया हैं।
बताया जाता है कि मिनिस्टर को हल्की उल्टी व दस्त होने के बाद हॉस्लपीटल के आईसीयू में रखा गया है। वे पांच डॉक्टरों की टीम की निगरानी में हैं। उनके स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें जल्द छुट्टी दे दी जायेगी।क्रिटिकल केयर के हेड डा तापस मंत्री का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। मिनिस्टर बिल्कुल ठीक हैं। उन्हें निगरानी में रख पूरी टीम जांच कर रही है। मिनिस्टर में कोरोना को कोई संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो दोबारा सारी जांच कराई जायेगी।
सीएम ने किया फोन, पूछा हालचाल
कहा जा रहा है कि जगरनाथ महतो के हॉस्पीटल में एडमिट होने की सूचना मिलने के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें फोन किया। स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। स्टेट के अफसरों को निर्देश दिया गया कि वह खुद मौके पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त करें। मेदांता हॉस्पीटल मैनेजमेंच से लगातार संपर्क बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।गवर्नर रमेश बैस ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ने पर चिंता प्रकट करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने मंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
चेन्नई में हुआ है लंग ट्रांसप्लांट
कोरोना संक्रमण के बाद मिनिस्टर का चेन्नई में लंग ट्रांसप्लांट हुआ है। जगन्नाथ महतो के फेफड़े का सफल प्रत्यारोपण पिछले वर्ष नवंबर में चेन्नई स्थित एमजीएम में किया गया था। वे 14 जून को रांची लौटे थे। इससे पहले उनका इलाज कर रहे रांची के डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित हो गये थे, जिसके बाद शिक्षा मंत्री को अलग से आईसोलेशन में रखा गया था।
लंबी बीमारी के बाद ठीक होकर लौटे
कोरोना महामारी के दौरान मिनिस्टर जगरनाथ महतो संक्रमित हो गये थे। वर्ष 2020 की 28 सितंबर को उन्हें रिम्स में एडमिट किया गया। फेफड़े में संक्रमण के बाद उन्हें मेडिका में एडमिटकराया गया। कोरोना जांच पाजिटिव पाई गई। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए झारखंड सरकार की तरफ से चेन्नई भेजा गया। जहां एमजीएम अस्पताल में काफी लंबे समय तक उनका इलाज चला। लगभग आठ माह तक बीमारी से मुकाबला करने के बाद चिकित्सकों की ओर से उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया। इसके बाद वह वापस रांची लौटे। चेन्नई से झारखंड लौटने के बाद उन्होने दोबारा अपना कामकाज प्रारंभ कर दिया है।