झारखंड: चेन्नई से 237 दिन बाद इलाज कराकर वापस लौटे एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो, रांची एयरपोर्ट पर सीएम ने की अगवानी

एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो लगभग आठ माह (237 दिन) बाद चेन्नई में अपना इलाज कराकर सोमवार को रांची वापस लौटे। चेन्नई से चार्टेड प्लेन से रिम्स के दो डॉक्टरों की टीम ने मिनिस्टर को रांची लाया। सीएम हेमंत सोरेन ने रांची एयरपोर्ट पर खुद मिनिस्टर की अगवानी की। 

झारखंड: चेन्नई से 237 दिन बाद इलाज कराकर वापस लौटे एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो, रांची एयरपोर्ट पर सीएम ने की अगवानी
  • एयरपोर्ट पर मिलने के बाद दोनों हुए भावुक 
  • कोरोना संक्रमित होने के बाद चेन्नई में जगरनाथ का हुआ है लंग ट्रांसप्लांट 

रांची। एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो लगभग आठ माह (237 दिन) बाद चेन्नई में अपना इलाज कराकर सोमवार को रांची वापस लौटे। चेन्नई से चार्टेड प्लेन से रिम्स के दो डॉक्टरों की टीम ने मिनिस्टर को रांची लाया। सीएम हेमंत सोरेन ने रांची एयरपोर्ट पर खुद मिनिस्टर की अगवानी की। 

पैतृक गांव अलारगो नहीं जायेंगे, रांची आवास पर ही रहेंगे
एयरपोर्ट पर मिलने के दौरान सीएम व मिनिस्टर दोनों काफी भावुक हो गये। जगरनाथ फिलहाल रांची स्थित अपने नये सरकारी आवास में रहेंगे। सीएम खुद इस आवास की सभी व्यवस्था को जगरनाथ के  आगमन के पूर्व खुद जाकर देखा। यहां सभी मेडिकल उपकरण भी लगे हुए हैं। एजुकेशन मिनिस्टर के हेल्थ व सुविधाओं को लेकर उन्हें फिलहाल अपने पैतृक गांव आने की अनुमति नही दी गई है । वे अभी दो से तीन माह तक रांची स्थित आवास में ही ठहरेंगे।

रिम्स के क्रिटिकल केयर यूनिट के एचओडी डॉ प्रदीप भट्टाचार्य तथा मेडिसिन विभाग के डॉ अजित डुंगडुंग सोमवार की सुबह मिनिस्टर को लाने चार्टेड प्लेन से चेन्नई गये थे। डॉक्टर्स ने वहां मिनिस्टर की सघन जांच की तथा उनके ठीक होने को लेकर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद अपनी देखरेख में चार्टेड प्लेन से वापस लेकर रांची लाए।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 की 28 सितंबर को जगरनाथ कोरोना से संक्रमित हुए थे। बीजीएच में इलाज के बाद उन्हें रांची रिम्स में एडमिट कराया गया था। हालत गंभीर होने के बाद उन्हें रांची के मेडिका हॉस्पील में एडमिट कराया गया था। रांची मेडिका में सांस लेने में दिक्कत होने पर उनका ऑक्सीजन लेबल बढ़ाना पड़ा था । उन्हें 100 परसेंट हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। मेडिका व रिम्स के डॉक्टरों को उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए वेंटिलेटर सपोर्ट तक देना पड़ा था।सीएम हेमंत सोरेन की पहल के बाद एमजीएम के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रांची मेडिका बुलाया गया था। उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेटर (एकमो) मशीन के सपोर्ट में रखा गया। इसके बावजूद स्थिति में सुधार नही होता देख गत 19 अक्टूबर को एयर एम्बुलेंस से जगरनाथ को चेन्नई एमजीएम में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों ने 10 नवंबर को उनका सफल लंग्स ट्रांसप्लांट किया । अभी उनका लंग्स 100 प्रतिशत काम कर रहा है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही लोगों से मिलेंगे

रिम्स के डॉक्टरों की गाइडलाइन के अनुसार मिनिस्टर के आवास को व्यवस्थित किया गया है। उनसे मिलने वालों का हुजूम न उमड़ पड़े इसलिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये हैं । फिलहाल लोगों को उनसे सीधे मिलने नही दिया जायेगा।एजुकेशन मिनिस्टर से मिलने वालों के लिए आवास में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी बहाल की गई है।जगरनाथ 20 मई को ही  महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर ( एमजीएम ) से डिस्चार्ज होकर एक प्राइवेट फ्लैट में स्वास्थ लाभ कर रहे थे। एमजीएम के डॉक्टरों ने शनिवार को ही उनकी मेडिकल पर्ची पर फिट फॉर वर्क लिख दिया था।