Gangs of Wasseypur Dhanbad: कोयला राजधानी में था आशीष रंजन का आपराधिक साम्राज्य

धनबाद की कोयला राजधानी में फैला था आशीष रंजन का आपराधिक नेटवर्क। Gangs of Wasseypur जैसी सच्ची कहानी जानिए, कैसे कोयले की खदानों के बीच पनपा जुर्म का साम्राज्य।

Gangs of Wasseypur Dhanbad: कोयला राजधानी में था आशीष रंजन का आपराधिक साम्राज्य
आशीष रंजन उर्फ छोटू (फाइल फोटो)।
  • रंगदारी व मर्डर मामलों में है लंबा क्रिमिनल हिस्ट्री

धनबाद। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कोयलांचल के कुख्यात क्रिमिनल आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के मारे जाने के बाद  धनबाद के क्राइम वर्ल्ड में हड़कंप मचा है। धनबाद पुलिस ने आशीष रंजन पर चार लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था।
धनबाद टाउन के डेसी मल्लिक निवासी आशीष रंजन, कोयलांचल क्षेत्र में रंगदारी, जमीन हड़पने, और हिंसक क्राइम के लिए जाना जाता था। आशीष रंजन के क्राइम का सफर सरायढेला में प्रोपर्टी डीलर समीर मंडल की मर्डर मामले से शुरू हुआ था। इस घटना ने उसे धनबाद के आपराधिक जगत में पहचान दिलाई। धनबाद जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें कथित तौर पर रंगदारी, बमबारी, और मर्डर जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। यूपी में मारने जाने के बाद उसके आपराधिक नेटवर्क और गतिविधियों पर अब फिर से सबका ध्यान केंद्रित हुआ है।
कई हाई-प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़ा रहा है आशीष रंजन
12 मई, 2021 को वासेपुर में भूमि डीलर सरफुल हसन उर्फ लाला की मर्डर केस वह एक प्रमुख आरोपी था। घटना के बाद से फरार था।झरिया के टायर व्यवसायी मर्डर केस का आरोप भी उस पर है। आशीष रंजन कोयलांचल में रंगदारी के नेटवर्क का हिस्सा था। वे कोल बिजनसमैन, कंट्रेक्टर और बिल्डरों को धमकी भरे संदेश भेजकर रंगदारी की मांग करता था, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल था।उसके गुर्गों के माध्यम से रेकी और फायरिंग की घटनाओं ने कई बिजनसमैन को डर के साये में जीने को मजबूर किया।
जेल से बाहर तक फैला नेटवर्क
आशीष रंजन का नेटवर्क धनबाद तक सीमित नहीं था। धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह धनबाद जेल से अमन गैंग को संचालित करता था, जबकि आशीष बाहर से गिरोह की गतिविधियों को कंट्रोल करता था। उनका प्रभाव उत्तर प्रदेश और बिहार तक फैला था, जहां उन्होंने कई कथित अपराधों को अंजाम दिया।धनबाद पुलिस लंबे समय से आशीष रंजन की तलाश में थी। नीरज तिवारी और लाला खान मर्डर केस में फरार आशीष के जेसी मल्लिक रोड स्थित घर की कुर्की-जब्ती भी की गई थी। हालांकि, वे लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बच रहा था।
प्रयागराज में आशीष रंजन उर्फ छोटू के प्रयागराज में एनकाउंटर में मारे जाने के बाद धनबाद में उसके आपराधिक नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित हो गया है। रंगदारी जमीन हड़पने और हिंसा के आरोपों से घिरे आशीष का नाम कई मर्डर केस से जुड़ा था। वह कोयलांचल में व्यापारियों से रंगदारी मांगता था जिससे भय का माहौल था। पुलिस को उम्मीद है कि इससे संगठित अपराध पर लगाम लगेगी।
आपराधिक शुरुआत और बढ़ता प्रभाव
आशीष रंजन का आपराधिक सफर सरायढेला में भूमि डीलर समीर मंडल की हत्या के मामले से शुरू हुआ, जिसके बाद उसे पहली बार जेल हुई।इस घटना ने उसे धनबाद के आपराधिक जगत में पहचान दिलाई। धनबाद जिले के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें कथित तौर पर रंगदारी, बमबारी, और हत्या जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों से जुड़ा आशीष रंजन का नाम 
12 मई, 2021 को वासेपुर में भूमि डीलर सरफुल हसन उर्फ लाला की हत्या के मामले में वह एक प्रमुख आरोपी था और घटना के बाद से फरार था।झरिया के टायर व्यवसायी की हत्या का आरोप भी आशीष रंजन पर है।
धनबाद के कुख्यात अपराधी आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह पर हत्या रंगदारी और आर्म्स तस्करी जैसे कई मामले दर्ज थे। लाला खान और नीरज तिवारी मर्डर केस में उसका नाम पहली बार आया। पुलिस ने उसके घर की कुर्की भी की थी। 2021 में लाला खान की मर्डर के बाद उसका नाम अमन सिंह के साथ जुड़ा। आशीष रंजन पर जेल में अमन सिंह की हत्या कराने का भी आरोप है।
2021 में हुआ था लाला खान का मर्डर
नया बाजार कलाली बागान के रहने वाले जमीन काराेबारी और मदर हालिमा स्कूल के संचालक सरफुल हसन उर्फ लाला खान की मर्डर वर्ष 2021 में हुई थी। वासेपुर जब्बार मस्जिद के पास बाइक से आये क्रिमिनलों ने गोली मार कर मर्डर कर दी थी।पुलिस ने घटनास्थल से नाइन एमएम की गोली के दो खोखे बरामद किया था। इस मामले में आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह का नाम सामने आया था। इसके अलावा कतरास के नीरज तिवारी की मर्डर में भी आशीष आरोपित था।
जेसी मल्लिक रोड स्थित काली मंदिर के पास है आवास 
आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह के घर हीरापुर के जेसी मल्लिक रोड स्थित काली मंदिर के पास है। लाला खान और नीरज तिवारी हत्याकांड के मामले को लेकर धबनाद पुलिस ने सितंबर 2024 में उसके घर की कुर्की किया था। उसके घर से कुछ पुराने बर्तन, पलंग, गद्दा जैसे सामान ही मिला था।
लाला खान की मर्डर के बाद अमन सिंह के साथ आया आशीष रंजन 
वर्ष 2021 में लाला खान की मर्डर के बाद आशीष रंजन का नाम धनबाद जेल में बंद उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अमन सिंह के साथ जुड़ा। आरोप है कि उसने अमन सिंह के इशारे पर धनबाद के दर्जनों बिजनसमैन से रंगदारी मांगी।
अमन सिंह मर्डर केस में भूमिका
तीन दिसंबर, 2023 को धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद एक ऑडियो संदेश वायरल हुआ, जिसमें आशीष रंजन ने मर्डर की जिम्मेदारी ली और पुलिस को चुनौती दी। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार तीन आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने आशीष रंजन के इशारे पर मर्डर को अंजाम दिया, जिससे उनकी मास्टरमाइंड के रूप में भूमिका की पुष्टि हुई।
गुर्गे से मास्टरमाइंड तक
आशीष रंजन कभी अमन सिंह का सहयोगी था, लेकिन बाद में उनके बीच मतभेद हो गए, जिसने आपराधिक गिरोह में शक्ति परिवर्तन को दर्शाया। जेल सूत्रों के अनुसार, अमन सिंह के गिरोह में बढ़ते विवाद और आशीष को उनसे खतरे की आशंका ने उन्हें इस साजिश के लिए प्रेरित किया।
झूठी पहचान से सुंदर को जेल भेजा
आशीष रंजन ने उत्तर प्रदेश के शूटर सुंदर महतो को झूठी पहचान के तहत जेल में भेजने में कथित तौर पर भूमिका निभाई। जेल में प्रवेश के बाद, सुंदर को वार्ड तीन में अमर रवानी और सतीश गांधी के साथ रखा गया, जो आशीष के सहयोगी थे।मर्डर से पहले, अमन सिंह का सतीश गांधी के साथ अस्पताल वार्ड में टकराव हुआ, जो हिंसक झड़प में बदल गया। इसके बाद, सुंदर ने अपनी पिस्तौल से अमन सिंह पर गोलियां चलाईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अमन सिंह को 11 गोलियां लगी थीं, जिनमें पांच सिर में और चार पेट में लगी थीं।