बिहार के सीतामढ़ी में मां जानकी मंदिर का भूमि-पूजन, गृह मंत्री अमित शाह ने पहली ईंट रख किया शिलान्यास
सीतामढ़ी, बिहार में मां जानकी मंदिर के निर्माण की शुरुआत भूमि-पूजन से हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखकर इस ऐतिहासिक क्षण को खास बना दिया।

- अमृत भारत ट्रेन की दी सौगात
- पुनौरा धाम से होगी बिहार के भाग्योदय की शुरुआत
- सीता मंदिर मातृशक्ति को समर्पित
सीतामढ़ी। सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के सीतामढ़ी पुनौराधाम में माता सीता की जन्मस्थली में मां जानकी के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। अमित शाह ने मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखा। शिलान्यास कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा समेत कई एमपी, एमएलए व स्टेट के मिनिस्टर मौजूद रहे।
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67 एकड़ 882.87 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा मंदिर
भूमि-पूजन कार्यक्रम से पहले अमित शाह ने मां सीता के मंदिर में पूजा-अर्चना की। होम मिनिस्टर व सीएम पूजा पर बैठे। होम मिनिस्टर ने मां जानकी मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी। मंदिर के निर्माण का शिलान्यास वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच किया गया। इस दौरान मां जानकी को आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी से लाये गये विशेष लड्डूओं से भोग लगाया गया। भूमि पूजन के लिए देश के 21 तीर्थस्थलों की मिट्टी, और 31 नदियों का जल मंगवाया गया था।
आज जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम मंदिर एवं परिसर के समग्र विकास की वृहद् योजना के आदरणीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की उपस्थिति में आयोजित भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। इस दौरान 883 करोड़ रुपए की इस वृहद् योजना का शिलान्यास किया गया।… pic.twitter.com/lPQGQZvf1N
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 8, 2025
अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनेगा जानकी मंदिर
सीतामढ़ी के पुनौराधाम में बनने वाला जानकी मंदिर अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनेगा। इस मंदिर परिसर का निर्माण 67 एकड़ भूमि में किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 882.87 करोड़ रुपये है। मंदिर की ऊंचाई 151 फीट होगी। इसके 2028 तक तैयार होने की उम्मीद है। मां जानकी मंदिर के निर्माण और पुनर्विकास के लिए चीफ सेकरटेरी की अध्यक्षता में हाल में ही एक ट्रस्ट का गठन किया गया है जिसमें नौ सदस्य हैं।
अमित शाह ने कहा कि आज न केवल सीतामढ़ी, मिथिलांचल बल्कि भारत और पूरे विश्व के लिए गौरव की बात है कि मंदिर व विकास कार्य का शिलान्यास किया गया। देशभर में माता जानकी व श्री राम के भक्तों को शुभकामना देता हूं। माता सीता से जुड़े स्थलों का विकास किया जायेगा। भारत की संस्कृति में माता सीता का स्थान अनन्य है। उन्होंने कहा कि एक ही जीवन में आदर्श पत्नी, मां, बेटी व राजमाता के सभी रूपों को चरितार्थ किया था।
माता सीता के जीवन से जुड़े स्थल होंगे पुनर्जीवित: अमित शाह
मंदिर की आधारशिला रखने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा कि यह वही पावन भूमि है जहां राजा जनक ने सोने का हल चलाया था और मां जानकी प्रकट हुई थीं। आज यहां बारिश होकर जैसे मां सीता ने खुद आशीर्वाद दिया है। इस पावन स्थल को देश की मातृशक्ति को समर्पित किया जायेगा। होम मिनिस्टर ने कहा कि श्रीराम से माता सीता की पहली बार जहां मुलाकात हुई, वहां से लवकुश के जन्म स्थान और मां सीता के अंतिम निवास सभी स्थानों को पुनर्जीवित करके हमारे देश की मातृ शक्ति को समर्पित किया जायेगा।
मातृशक्ति का प्रतीक बनेगा मां जानकारी मंदिर
शिलान्यास के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि पुनौरा धाम में 890 करोड़ रुपये की लागत से भव्य माता जानकी मंदिर और स्मारक परिसर का निर्माण किया जायेगा। इसके तहत परिक्रमा मार्ग का निर्माण, धार्मिक जल स्रोतों का विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना, रामायण कथाओं पर आधारित थ्री-डी अनुभव केंद्र जहां युवा माता सीता और श्रीराम के जीवन प्रसंगों को देख सकेंगे। माता सीता भारतीय संस्कृति की आदर्श पत्नी, बेटी, मां और राजमाता रहीं। उनका यह मंदिर न केवल उन्हें, बल्कि मैत्रेयी, गार्गी और विदुषी भारती जैसी महान महिलाओं को भी समर्पित होगा।
सेंट्रल गवर्नमेंट से मिथिला को मिला सम्मान
उन्होंने मिथिला की संस्कृति को भारत का धरोहर बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक क्षेत्रीय परंपरा नहीं, बल्कि पूरे देश का गौरव है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मिथिला की कला और संस्कृति को भरपूर सम्मान दिया। 2018 में शारदा सिन्हा को पद्म भूषण और 2025 में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। अटल बिहार वाजपेयी जी ने मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया। मोदी जी ने इसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को भी मिथिला की कलाकृति भेंट की गयी।
सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी
होम मिनिस्टर अमित शाह ने सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस को वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। हरी झंडी दिखायी और जानकी मंदिर के डिजाइन का अनावरण भी किया।
माता सीता के प्राकट्य स्थल के विकास में नहीं होगी कोई परेशानी: नीतीश कुमार
शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए की बिहार और केंद्र की सरकार विकास की राह की सभी बाधाएं दूर करेंगी। माता सीता के इस प्राकट्य स्थल के विकास में कोई परेशानी नहीं होगी। 883 करोड़ रुपये से इस स्थल का समग्र विकास किया जायेगा। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस मंदिर के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। पूर्व के 17 एकड़ के अतिरिक्त 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे मंदिर के समग्र विकास की बाधाएं दूर होंगी। इसके लिए 883 करोड़ की राशि दी जा रही है।इससे मंदिर के विकास के सभी काम होंगे। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मंदिर के विकास के लिए किये जा रहे कार्यों के अतिरिक्त राज्य में किए गए विकास कार्य और इसमें केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही मदद के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी।
50 एकड़ क्षेत्र में होगा मंदिर का विस्तार, उर्विजा कुंड और अन्य स्थलों का भी होगा संपूर्ण विकास
माता सीता की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी के पुनौराधाम में 50 एकड़ भूमि में 882.87 करोड़ की लागत से बनने वाले जानकी मंदिर का भूमि पूजन हो गया। दरभंगा से पहुंचे छह आचार्यों के दल में कामेश्वर सिंह संस्कृति विश्वविद्यालय के पूर्व वेद विभागाध्यक्ष डा. राजेंद्र झा, ज्योतिविद् डा. भगलू झा, आचार्य गुंजन कुमार, मृत्युंजय कुमार, कुंदन कुमार मिश्र और महंत शिवराम दास ने शिलान्यास पूजा पद्धति संपन्न कराया।
शिलान्यास पूजन का मुहूर्त निर्धारित करने वाले डा. भगलू झा बताते हैं कि स्थिर लग्न में माता जानकी के मंदिर का शिलान्यास संपन्न हुआ है। यह दृढ़ता और समृद्धि का प्रतीक है। आचार्यों ने सर्वप्रथम स्वस्ति वाचन किया। इसके बाद पंचदेवता विष्णु पूजन, गौरी-गणेश पूजन, सर्वदो भद्र पूजन, नवग्रह इंद्रादिक पूजन तत्पश्चात शिलान्यास कार्यक्रम हुआ। डा. राजेंद्र झा का कहना है कि इस शुभ घड़ी में बारिश हुई है, यह सुखद संयोग है।
चांदी का कलश स्थापित
शिलान्यास स्थल पर पूजा पद्धति के अनुसार, चांदी का कलश स्थापित किया गया। इसमें 51 नदियों, जलकुंड और सरोवर का जल भरा गया था। उसमें चांदी का सिक्का, सोने का नाग-नागिन, चांदी का कछुआ, चांदी का गिरगिट रखा गया था। कलश को गृह मंत्री ने स्थापित किया।
शिलान्यास के दौरान ताप्ती, सोन, अकुसी, गोदावरी, कमला, झेलम, जोगेश्वरी, विमला, गंगा, दूधमती नेपाल, भागीरथी गंगा, जीवगुसा, मंदाकिनी, पताल गंगा, स्वेद गंगा, अलकनंदा, लक्ष्मणा, अटगाझा, गंगासागर दालान, यमुना, बागमती, सरयू, दशरथ तालाब नेपाल, अगनी कुंड, कावेरी, सीताराम कुंड समेत 51 नदियों, जलकुंड और सरोवर से जल मंगाया गया था।