झारखंड: रामगढ़ जिले के पतरातू में जिला परिषद का चुनाव रद्द, निर्वाचन आयुक्त ने किया घोषणा
झारखंड निर्वाचन आयोग ने रामगढ़ के पतरातू प्रखंड में जिला परिषद चुनाव के लिए खड़े एकमात्र प्रत्याशी निशांत कुमार के क्रिमिनल हिस्ट्री को देखते हुए वहां के चुनाव को रद कर दिया है। वह गैंगस्टर किशोर पांडेय का साला बताया जाता है।
रांची। झारखंड निर्वाचन आयोग ने रामगढ़ के पतरातू प्रखंड में जिला परिषद चुनाव के लिए खड़े एकमात्र प्रत्याशी निशांत कुमार के क्रिमिनल हिस्ट्री को देखते हुए वहां के चुनाव को रद कर दिया है। वह गैंगस्टर किशोर पांडेय का साला बताया जाता है।
आयोग ने स्पष्ट किया कि वहां से 10 लोगों ने नामांकन के लिए फार्म की खरीदारी की थी लेकिन नामांकन मात्र एक व्यक्ति ने की है। जिले के अफसरों से मिली सूचना के बाद यह पुष्ट होने पर कि लोगों को डरा धमकाकर नामांकन नहीं करने दिया गया। इसलिए आयोग ने यह कार्रवाई की है। वहां अब चुनाव के लिए बाद के दिनों में अधिसूचना जारी की जायेगी।
झारखंड में पहली बार ऐसी घटना
राज्य निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी ने इसकी घोषणा प्रेस कांफ्रेंस में करते हुएने कहा कि हमारी कोशिश है कि निर्वाचन निष्पक्ष हो लेकिन इससे कहीं अधिक इसकी शुद्धता को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। उन्होंने जानकारी दी कि पाकुड़ प्रखंड में पहले ही एक मुखिया पद के उम्मीदवार की मौत के बाद चुनाव को रद कर दिया गया है। पतरातू में जिला परिषद उम्मीदवार का चुनाव अवैध किए जाने की घोषणा करते हुए तिवारी ने बताया कि राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चुनाव को रद किया है।
अब आगे क्या करना है सरकार का काम
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आयोग ने अपनी जांच में यह पाया कि निशांत कुमार नामक उम्मीदवार ने किसी अन्य उम्मीदवार को खड़ा नहीं होने दिया। इसके लिए आयोग के पास अनुच्छेद 243 के तहत आयोग के पास शक्तियां हैं। आरपी एक्ट के प्रविधायक 66 (5) की शक्तियों का उपयोग करते हुए यह कार्रवाई की गई है। निशांत कुमार अपराधी चतरा में भोक्ता जाति के उम्मीदवारों का नामांकन रद किए जाने से संबंधित सवाल पर तिवारी ने कहा कि यह विषय हमारा नहीं है बल्कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन का मामला है। चतरा में भोक्ता उम्मीदवारों के नामांकन रद होने के सवाल पर डीके तिवारी ने कहा है कि यह मामला राज्य सरकार और संबंधित जिलों को देखना है। हमें इस तरह के आवेदन प्राप्त हुए थे जिसे जिलों को भेज दिया गया है।
लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सरकार को अवगत कराया गया
निर्वाचन आयुक्त डीके तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार को आयोग की ओर से पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है कि चुनाव के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर हमारी चिंता है। इसे दूर करने की हिदायत दी गई है। केंद्रीय बलों के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि फिलहाल जो बल झारखंड में मौजूद है उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अलग से फोर्स की मांग राज्य सरकार ने की भी नहीं है। विधि-व्यवस्था को लेकर जिलों के डीसी-एसपी से बात किए जाने की जानकारी भी उन्होंने दी।