झारखंड: चारा घोटाले में लालू यादव दोषी करार, जेल से रिम्स शिफ्ट, CBI कोर्ट ने 24 अभियुक्तों को किया बरी
चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सीबीआइ कोर्ट ने बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है।आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभियुक्त बरी कर दिये गये हैं।
रांची। चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सीबीआइ कोर्ट ने बिहार के एक्स सीएम व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है।आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभियुक्त बरी कर दिये गये हैं।
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होटवार जेल से रिम्स पहुंचे लालू प्रसाद यादव, पेईंग वार्ड में शिफ्ट
चारा घोटाले की सबसे बड़ी 339.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में दोषी करार दिये गये लालू प्रसाद यादव होटवार जेल से रिम्स पहुंच गए हैं। 21 फरवरी को उन्हें सजा सुनाई जानी है। लालू तब तक यहीं रहेंगे। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू की तबीयत खराब होने के नाते उनके वकील की अर्जी पर उन्हें रिम्स में डॉक्टरों की निगरानी में रहने की इजाजत दी है।
पहले जेल हॉस्पिटल गये लालू यादव,तबीयत खराब है जेल नहीं रिम्स भेज दिया जाए
लालू यादव के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पहले लालू यादव जेल जायेंगे। इसके बाद वहां से रांची रिम्स भेजे जायेंगे।इससे पूर्व लालू यादव ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि तबीयत खराब होने के कारण उन्हें जेल नहीं भेजकर रांची रिम्स भेज दिया जाए। दोपहर तक लालू प्रसाद कोर्ट में ही मौजूद रहे। लालू यादव के आवेदन पर कोर्ट ने दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई की। इसके बाद पहले लालू यादव होटवार जेल ले जाया गया। वहां से रांची रिम्स में शिफ्ट किया गया। बताया जा रहा है लालू यादव कई अलग-अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। कोर्ट ने उनकी सेहत को देखते हुए निर्देश दिया है। सीबीआई कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेजा गया था। वहां डॉक्टरों के पैनल ने उनकी जांच की। डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें होटवार जेल से रिम्स शिफ्ट किया गया है।
सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार निकासी मामले में 36 लोगों को तीन साल की सजा सुनाई है। लालू सहित 37 लोगों की सजा पर 21 फरवरी को फैसला आयेगा। कोर्ट ने इस मामले में 24 लोगों को बरी कर दिया है। इनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं।
किसे जुर्माना और किसको कितनी सजा
अशोक कुमार यादव - 120 b में सजा
मो तौहीद - एक लाख फाइन
अभय कुमार सिन्हा - दो लाख फाइन
श्यामनंदन सिंह - 75 हजार फाइन
नंदकिशोर प्रसाद - 50 हजार फाइन
सन्दीप मल्लिक - एक लाख फाइन
सरस्वती चन्द्र - 2 लाख फाइन
सुनील कुमार सिन्हा - 2 लाख फाइन
सुशील कुमार सिन्हा
राकेश गांधी - 50 हजार
शरद कुमार - 2 लाख फाइन
नयन रंजन - 50 हजार
सुलेखा देवी - 2 लाख
मदन मोहन पाठक - 75 हजार
बालकिशोर की अनुपस्थिति पर सजा नहीं सुनाया जा सका
संजय कुमार - 20 हजार का फाइन
मंजू बाला - 50 हजार
रविन्द्र प्रसाद - 50 हजार
रामनंदन सिंह - डेढ़ लाख
राजन मेहता
ध्रुव भगत - 75 हजार
जगदीश शर्मा
बीएन शर्मा - 2 लाख फाइन
जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव - 2 लाख
डॉ सुरेन्द कुमार सिंह - 2 लाख
शशि भूषण वर्मा
शैलेन्द्र कुमार सिन्हा
राकेश कुमार सिन्हा
राजेन्द्र बैठा
रामाशीष सिंह
कमल किषोर शरण का अनुपस्थित तो नहीं सुनाया
उमाकांत यादव
रामकिशोर शर्मा
रामनाथ राम
परमेश्वर प्रसास यादव
अधिचन्द चौधरी
अशोक यादव - 10 हजार 40हजार तीन साल
मो तुहिद - 3 साल व 2 लाख रुपये
अभय सिंह - 3 लाख रुपये व 3 साल सजा
श्याम नंदन सिंह - 3 साल सजा व 75 हजार
नन्द किशोर प्रसाद - 3 साल सजा व 50 हजार
संदीप मल्लिक - 3 साल सजा व 1 लाख रुपये
सरस्वती चंद्र - 2 लाख
सुइल सिंह - दो लाख रुपये
सुशील सिंंह - 2 लाख व 3 साल सजा
राकेश गांधी 3 साल की सजा व 50 हजार
शरद कुमार - 2 लाख रुपये
नयन रंजन - 10 हजार रुपये व तीन वर्ष सजा
सुलेखा देवी - 2 लाख रुपये
मैदन मोहन पाठक - 75 हजार
बाल किशन शर्मा - 3 वर्ष की सजा
संजय कुमार - 30 हजार रुपये
अंजू बल जायसवाल
रविन्द्र प्रसाद - 50 हजार
राम नंदन सिंह
राजन मेहता - एक साल की सजा व 50 लाख रुपये
इनको वारंट जारी
शशि भूषण वर्मा
शैलेन्द्र सिंह
राकेश कुअंर
राजेन्द्र बैठा
रामाशीष सिंह
उमाकांत यादव
राम किशोर शर्मा
रामनाथ राम
परमेश्वर प्रसाद यादव
अधिप चंद्र चौधरी
रिम्स पेईंग वार्ड में शिफ्ट किया गया
रिम्स पेईंग वार्ड को लालू के लिए आनन-फानन में तैयार किया गया। उन्हें यहां शिफ्ट कर दिया गया है। लालू पहले भी कमरा नंबर ए-11 में ही रहते थे। बाद में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में रखा गया था। हालांकि, उनका मामला हाईकोर्ट में जाने पर उन्हें वापस पेईंग वार्ड में भेज दिया गया था, जहां से तबीयत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया। अब उसी कमरा नंबर ए-11 की एक बार फिर सफाई की गई है। वहां लगे फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की टेस्टिंग भी की गई। रिम्स पहुंचने के बाद लालू यादव को वहां शिफ्ट कर दिया गया।
लालू के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन
रिम्स के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि लालू यादव कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू रिम्स आते हैं तो उनके इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जायेगा। बोर्ड में कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक रहेंगे।
कई बीमारियों से ग्रसित हैं लालू यादव
लालू यादव डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी रोग, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलेसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमज़ोर इम्यूनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख में दिक्कत है। उनकी किडनी लास्ट स्टेज में है।
21 फरवरी को सुनाई जा सकती है सजा
सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने लालू प्रसाद को चारा घोटाले में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट सजा का ऐलान 21 फरवरी को करेगी। लालू प्रसाद सजा का ऐलान होने तक ज्यूडिशियल कस्डी में रहेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें होटवार जेल ले जाया गया।। राजद अध्यक्ष प्रसाद को सीबीआइ ने मंगलवार को जिस मामले में दोषी करार दिया है है वह मामला डोरंडा कोषागार से करीब 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा मामला है। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का मामला चारा घोटाला का पांचवां मामला है। इससे पहले कोर्ट चार मामले में तकरीबन 27 साल की सजा सुना चुकी है।लालू लगभग एख सालसे जमानत पर हैं।
पहले मामले में चार साल की हुई थी सजा
चारा घोटाले के पहले मामले में लालू प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। पहला मामला चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपए निकालने का है। इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे। इस मामले में राजद प्रमुख को पांच साल की सजा हुई है। साथ ही इस मामले में 25 लाख रुपये का जुर्माना भी हुआ था।
कोर्ट ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेजा
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 75 अभियुक्तों को सीबीआइ की स्पेशळ कोर्ट ने दोषी करार दिया है। स्पेसळ जज एसके शशि ने मामले में ट्रायल फेस रहे छह महिला समेत 24 अभियुक्तों को साक्षय के अभाव में बरी कर दिया। मामले में कुल 99 अभियुक्त वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहे थे। कोर्ट ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। उनलोगों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख निर्धारित की है। लालू प्रसाद को इससे पूर्व चारा घोटाले के चार मामलों में सजा हो चुकी है। पांचवे एवं अंतिम मामले में भी दोषी पाये गये हैं।
इससे पूर्व सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कोर्ट से अभियुक्तों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कही। कहा कि अभियुक्तोंं के खिलाफ पर्याप्त एवं ठोस साक्ष्य मिले हैं। वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि मेरे मुवक्किलों के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। साथ ही उम्र को देखते हुए फैसला सुनाने का अनुरोध किया। मामले में सुनवाई के दौरान बिहार के एक्स सीएम डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। दो अभियुक्तों ने निर्णय पूर्व ही दोष स्वीकार कर लिया है। जबकि कि छह आरोपियों को सीबीआइ दबोच नहीं पाई है। आठ आरोपी को सीबीआइ ने वादामाफ गवाह बनाया था। सीबीआइ ने कुल 170 पर आरोप पत्र दाखिल की थी। जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किया गया था।