Jharkhand Liquor Scam: में आईएएस विनय कुमार चौबे के खिलाफ एसीबी जांच में बड़ा खुलासा, ईडी केस दर्ज करेगी केस!
झारखंड लिकर स्कैम में निलंबित IAS विनय कुमार चौबे पर नया खुलासा — पत्नी और साले की शेल कंपनी ने काले धन से 80 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा। एसीबी की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत, अब ईडी केस दर्ज करने की तैयारी में।
रांची। झारखंड में शराब व जमीन घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की जांच में खुलासा हुआ है कि चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता और साले शिपिज त्रिवेदी की कंपनी ब्रह्मास्त्र एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड वास्तव में एक शेल कंपनी है। इस कंपनी का उपयोग काले धन को सफेद करने (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए किया गया।
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जांच में पाया गया कि इस कंपनी ने रांची में 80 लाख रुपये से अधिक मूल्य का आवासीय फ्लैट खरीदा, जिसे कंपनी का “मुख्य कार्यालय” बताकर जीएसटी रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराया गया। एसीबी को अब संदेह है कि यह खरीद अघोषित आय से की गई और जल्द ही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी इसमें केस दर्ज कर सकती है।
बिना बैंक लोन और बिना वैध पूंजी के खरीदा गया फ्लैट
एसीबी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, फ्लैट खरीदने के लिए न तो किसी बैंक ऋण का उल्लेख किया गया, न ही वैध पूंजी का कोई दस्तावेज। कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में किसी प्रकार का चार्ज, गारंटी या ऋण का जिक्र नहीं है। वित्तीय वर्ष 2015-16 की बैलेंस शीट में इस संपत्ति को दर्ज नहीं किया गया। केवल नाममात्र की राशि दर्शाई गई, जबकि वास्तविक खरीद राशि 80 लाख रुपये से अधिक थी।
शिक्षा के नाम पर "कागजी कंपनी"
ब्रह्मास्त्र एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2009 में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए बनाया गया था, लेकिन जांच में पाया गया कि कंपनी में न तो कोई स्टाफ था, न ही कोई शैक्षणिक गतिविधि। वर्ष 2018 के बाद कंपनी की आय लगभग शून्य रही, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इसका उपयोग केवल भ्रष्टाचार के धन को वैध दिखाने के लिए किया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत: खातों में संदिग्ध लेन-देन
जांच में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2017 से 2023 के बीच कंपनी के खातों में शॉर्ट टर्म एडवांस के नाम पर लाखों रुपये आए। एसीबी के अनुसार, यह धन फंड रूटिंग और लेयरिंग का हिस्सा था। कंपनी ने अपने खातों में कभी भी लाभ नहीं दिखाया, लेकिन रिजर्व व सरप्लस में तेजी से वृद्धि हुई। यह सब दर्शाता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धन को रिजर्व दिखाकर काले धन को सफेद किया गया।
जीजा-साले का नेटवर्क: अफसरों के रिश्तेदारों की भूमिका उजागर
एसीबी की जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि कई भ्रष्ट अफसर अपने साले या रिश्तेदारों के माध्यम से काले धन को खपाते हैं। विनय चौबे के साले शिपिज त्रिवेदी शेल कंपनी के संचालन में सक्रिय थे। इसी तरह, पूर्व उत्पाद सचिव मनोज कुमार के साले अंशु पर भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी बैंक गारंटी और मैनपावर एजेंसियों के जरिये अवैध धन वसूला।
फर्जी बैंक गारंटी कांड में भी अफसरों की संलिप्तता
एसीबी जांच में पाया गया कि जमशेदपुर और धनबाद में शराब दुकानों को मैनपावर देने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों — मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड — ने फर्जी बैंक गारंटी देकर ठेके लिए। पूर्व उत्पाद सचिव मनोज कुमार ने आरोपों की पुष्टि के बावजूद इन कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।बंधन बैंक ने मार्च 2024 में लिखित रूप से बताया था कि दी गई बैंक गारंटी फर्जी है। इसके बावजूद कंपनी को ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया, जिससे भ्रष्टाचार की परतें और गहरी होती जा रही हैं।
विनय सिंह से भी पूछताछ में मिली कई जानकारी
एसीबी ने जांच के दौरान नेक्सजेन ऑटोमोबाइल्स के मालिक विनय सिंह से जुड़े वित्तीय लेन-देन के सबूत जुटाये हैं। विनय सिंह और चौबे परिवार के बीच करोड़ों रुपये के लेन-देन हुए — जिनमें चौबे की पत्नी, साले और सरहज के खाते शामिल हैं। अब एसीबी और ईडी दोनों एजेंसियां इस वित्तीय नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
झारखंड में अफसरों की मिलीभगत का "लिकर लिंक"
झारखंड के शराब घोटाले ने राज्य की नौकरशाही की साख पर गहरी चोट की है। अब तक कई आईएएस अधिकारियों, उनके रिश्तेदारों और कारोबारी सहयोगियों के बीच फर्जी बैंक गारंटी, बेनामी संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले सामने आ चुके हैं। एसीबी की रिपोर्ट के बाद यह तय माना जा रहा है कि ईडी की एंट्री के बाद कई अफसरों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। रांची में एसीबी ने शराब घोटाला मामले में दो पूर्व आईएएस अधिकारियों, मनोज कुमार और मुकेश कुमार, से पूछताछ की। मनोज कुमार से फर्जी बैंक गारंटी मामले में कार्रवाई न करने और मुकेश कुमार से राजस्व जमा करने में देरी के बारे में सवाल किए गए। एसीबी विनय चौबे से जुड़े वित्तीय लेन-देन की भी जांच कर रही है।






