झारखंड: पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जांच रिपोर्ट गायब !, पूजा सिंघल के हसबैंड हैं मालिक

झारखंड कैडर के 2000 बैच की आइएएस अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा द्वारा स्थापित पल्स हॉस्पिटल की जमीन से संबंधित जांच की रिपोर्ट गायब है।ईडी के द्वारा मांगे जाने पर रांची डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन जांच रिपोर्ट की तलाश कर रही है। हालाकि इसकी ऑफिसियल पुष्टि किसी ने नहीं की है।ईडी ने पल्स हॉस्पिटल के निर्माण व हॉस्पिटल में महंगे मेडिकल एक्युपमेंट की कीमत 110 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी है।

झारखंड: पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जांच रिपोर्ट गायब !, पूजा सिंघल के हसबैंड हैं मालिक
  • पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में कैसे मिली थी राहत, अब ईडी करेगी जांच

रांची। झारखंड कैडर के 2000 बैच की आइएएस अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा द्वारा स्थापित पल्स हॉस्पिटल की जमीन से संबंधित जांच की रिपोर्ट गायब है।ईडी के द्वारा मांगे जाने पर रांची डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन जांच रिपोर्ट की तलाश कर रही है। हालाकि इसकी ऑफिसियल पुष्टि किसी ने नहीं की है।ईडी ने पल्स हॉस्पिटल के निर्माण व हॉस्पिटल में महंगे मेडिकल एक्युपमेंट की कीमत 110 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी है।

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 पल्स हॉस्पिटल की जमीन को लेकर 2019-20 में  सवाल उठाये गये थे। कहा गया था कि जिस जमीन पर पल्स हॉस्पिटल बना है वह भुईहरी की जमीन है। इस जमीन की दाखिल खारिज नहीं हो सकती।  इसे देखते हुए फरवरी 2020 में सीएम के आदेश पर पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जांच कराई गई थी। रांची ची के तत्कालीन डीसी महीपत राय सीओ और एडिशनल कलेक्टर से उस जमीन की जांच कराई थी। 15 दिनों में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था। लेकिन यह रिपोर्ट फिलहाल नहीं मिल रही है। माना जा रहा है कि उस रिपोर्ट में कुछ ऐसा संदिग्ध है जिससे बड़ा खुलासा हो सकता है।एसी ऑफिस में बक्सों की तलाशी की जा रही है। बक्सों में जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।

 सीएम ने रांची डीसी को जांच करने का आदेश दिया था

बताया जाता है कि भुईंहरी जमीन की खरीद अवैध तरीके से करके अस्पताल बनाने की शिकायत फरवरी 2020 में सीएम हेमंत सोरेन से की गई थी। सोशल मीडिया twitter पर मिली शिकायत के बाद सीएम ने रांची डीसी को जांच करने का आदेश दिया था। रांची के तत्कालीन डीसी राय महिपत रे ने एसी और बड़गाई सीओ की कमेटी बनायी थी। दोनों अफसरों ने जांच पूरी कर रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट राजस्व शाखा में थी। वहां से रिपोर्ट सीएमओ या भू-राजस्व विभाग को भेजी गई, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जमीन का अभी तक नहीं हुआ है म्यूटेशन

उल्लेखनीय है कि एसी और सीओ की जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि जिस जमीन पर पल्स हॉस्पिटल बना है, वह भुईंहरी नेचर की जमीन है। इस जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई थी कि जिस जमीन पर पल्स हॉस्पिटल बना है, उस जमीन की जमाबंदी ना तो अभिषेक झा के नाम पर है और ना ही पल्स हॉस्पिटल के नाम पर।इस जमीन का म्यूटेशन भी अभी तक नहीं हुआ है। सीएम के निर्देश के 15 दिन के भीतर ही जांच रिपोर्ट तैयार कर लिया गया था। जांच रिपोर्ट जमा भी किया गया। लेकिन इसके बाद जांच रिपोर्ट कहां गया, इस बारे में किसी को पता नहीं है।

सवाल दर सवाल

जब जमीन का म्यूटेशन व जमाबंदी नहीं हुई तो जमीन पर हॉस्पिटल बनाने का नक्शा कैसे पास हो गया?

बिना म्यूटेशन व जमाबंदी वाली जमीन पर बैंक से कैसे 23 करोड़ रूपये का लोन मिला गया।

जिस जमीन पर पल्स हॉस्पिटल बना है वह तीन एक भुईंहरी जमीन का एक हिस्सा है। इसी तीन एकड़ जमीन पर दूसरे मल्टी स्टोरी बिल्डिंग कैसे बन गये?

सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में रांची म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन ने हॉस्पिटल का नक्शा कैसे पास किया ?

एचडीएफसी बैंक ने आदिवासी भुंईहरी जमीन पर 23 करोड़ का लोन कैसे पास किया ?

बैंक से 23 करोड़ लोन लेकर मंहगे बिल्डिंग के लिए एवं हॉस्पिटल में महंगे मेडिकल समानों के लिए शेष रूपये कहां से आए ?

पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में कैसे मिली थी राहत, अब ईडी करेगी जांच
खूंटी और चतरा में डीसी रहते हुए पूजा सिंघल के कार्यकाल में मनरेगा घोटाले को लेकर ईडी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। मनरेगा घोटाले में सरकार ने एसीबी से जांच का आदेश दिया था। लेकिन इस मामले में एसीबी को जांच का आदेश नहीं मिला, ऐसे में इन मामलों की जांच एसीबी ने नहीं की। ईडी अब यह pex; कर रही है कि वो कौन लोग थे, जिन्होंने एसीबी तक जांच पहुंचने ही नहीं दिया। मनरेगा घोटाले व उनसे जुड़ी mYr फाइलों का ईडी अध्ययन कर रही है। इन मामलों में जांच का दायरा बढ़ सकता है। मनरेगा घोटाले में कमीश्नरने तत्कालीन डीसी के खिलाफ रिपोर्ट किया था। लेकिन उन रिपोर्ट्स पर कभी कार्रवाई नहीं हुई।
कई माइनिंग अफसर डीएमओ के रडार पर
मनरेगा घोटाले में जांच कर रही ईडी को पैसों के स्रोत के संबंध में कई तरह की जानकारियां मिली है। ईडी को जानकारी मिली है कि माइंस सेकरेटरी पूजा सिंघल के द्वारा डीएमओ रैंक के कई अफसरों को संरक्षण दिया जाता था। कई जिलों में पोस्टेड डीएमओ रैंक के अफसरों को अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था। डीएमओ रैंक के अफसर मोटी रकम रांची तक पहुंचाते थे। आशंका जतायी जा रही है कि उगाही का बड़ा हिस्सा ही सीए सुमन कुमार के फ्लैट से बरामद की गई है। पलामू में एक अफसर को ट्रांसफर के बाद भी डिप्टी डायरेक्टर माइंस के पद पर बनाये रखा गया है। वहीं मासिक तौर भी भारी-भरकम वसूली की सूचना मिली है।