NGO में घूस के नाम पर विदेशी फंडिंग, CBI की दिल्ली समेत 40 जगहों पर रेड
CBI ने मंगलवार को सेंट्रल ऑफिसर्स और NGO के प्रतिनिधियों के बीच घूस के बदले विदेशी फंडिंग के मामले में कार्रवाई किया है। दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कोयंबटूर और राजस्थान सहित कई स्थानों पर 40 स्थानों रेड व सर्च की गयी है।
नई दिल्ली। CBI ने मंगलवार को सेंट्रल ऑफिसर्स और NGO के प्रतिनिधियों के बीच घूस के बदले विदेशी फंडिंग के मामले में कार्रवाई किया है। दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कोयंबटूर और राजस्थान सहित कई स्थानों पर 40 स्थानों रेड व सर्च की गयी है।
सीबीआई की टीम ने एनजीओ, और बिचौलियों को पकड़ा दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कोयंबटूर और राजस्थान सहित कई स्थानों पर 40 स्थानों पर रेड किया है। यह कार्रवाई सेंट्रल होंम मिनिस्टरी से एक गुप्त सूचना पर की गयी, जो NGO को विदेशी फंडिग कर रही है।आरोप है कि एफसीआरए डिवीजन में कुछ सरकारी कर्मचारी गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर लाइसेंस की अवैध मंजूरी दे कर रहे थे। उन्हें रिश्वत के बदले विदेशी फंडिंग मुहैया कराते हैं। इस सिलसिले में सीबीआई की टीम ने आधा दर्जन गवर्नमेंट अफसर समेत कई लोगों से पूछताछ की है।संघीय भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी ने एफसीआरए लाइसेंस नवीनीकरण या नए अनुदान से जुड़े दो मामलों में 2 करोड़ रुपये का हवाला लेनदेन भी पाया है।
उल्लेखनीय है कि संसद में मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद से सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने कानून के प्रावधानों के अनुसार पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करने के लिए 466 गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी फंडिंग लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया है। मिनिस्टरी ने कहा कि 2020 में 100, 2021 में 341 और इस साल मार्च तक 25 एनडीओ के नवीनीकरण रिजेक्ट हुए। दिसंबर 2021 में अपने विदेशी फंडिंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ऑक्सफैम इंडिया के आवेदन की एक प्रमुख अस्वीकृति थी, जिसका नवीनीकरण होना बाकी है। कि देश में इसके तहत 16,895 संगठन पंजीकृत हैं।
होम मिनिस्टरी ने नवंबर 2020 में एफसीआरए नियमों को कड़ा करते हुए कहा है कि ऐसे संगठन जो सीधे तौर पर किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं, लेकिन राजनीतिक कार्रवाई जैसे शटडाउन, हड़ताल या सड़क जाम में संलग्न हैं, उन्हें राजनीतिक प्रकृति का माना जाएगा। यह परिवर्तन ऐसे समूहों को विदेशी धन प्राप्त करने से रोकेगा। इस कटेगरी के अंतर्गत आने वाले संगठनों में किसान संगठन, छात्र, श्रमिक संगठन और जाति-आधारित संगठन शामिल हैं।