पलामू। झारखंड के पलामू जिले के पांडू पुलिस स्टेशन एरिया के मुरुमातू में महादलित परिवार के लोगों पर जुल्म मामले में प्रशासन व पुलिस रेस हो गयी है। पुलिस में इस मामले में लोकल मुखिया समेत डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। मुखिया समेत तीन लोगों को अरेस्ट किया गया है।
गवर्नर ने पलामू डीसी से मांगी रिपोर्ट
झारखंड के गवर्नर रमेश बैस ने मुरुमातू में महादलित परिवार के लोगों पर जुल्म को गंभीरता से लिया है। गवर्नर ने पलामू के डीसी से रिपोर्ट मांगी है। डीसी आंजनेयुलू दोड्डे आज पांडू का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की । डीसी ने पीड़ित मुसहर परिवार के लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने पांडू बीडीओ सह सीओ राहुल उरांव को अविलंब स्थलीय जांच व विवादित भूमि के स्टेटस आदि जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। डीसी ने कहा कि जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि ये जमीन किस समुदाय का है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
आंबेडकर आवास बनाया जायेगा
पलामू के डीसी ने कहा कि फिलहाल मुसहर परिवार को हर सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। नये पुलिस स्टेशनभवन के बगल में जमीन आवंटित कर मुसहर परिवार के लिए आंबेडकर आवास बनाया जायेगा। इनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जायेगा। इस मौके पर नजारत उप समाहर्ता शैलेश कुमार सिंह, सदर एसडीओ राजेश कुमार साह, एसडीपीओ सुरजीत कुमार, पांडू थाना प्रभारी धुमा किस्कू उपस्थित थे।
मुरुमातू में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा घरों को ध्वस्त कर दिया गया। पलामू पुलिस-प्रशासन को मारपीट कर भगाये गये महादलित समाज के डेढ़ दर्जन परिवार के लोगों को फिर से बसाने में सफलता नहीं मिली है। महादलितों को लेकर सदर मेदिनीनगर के एसडीएम राजेश साह और विश्रामपुर के एसडीपीओ सुरजीत कुमार पुलिस बल के साथ मुरुमातू पहुंचे। जिस स्थान से महादलित उजाड़े गये थे। वहां पर बसाने के लिए तंबू लगवाने की कोशिश की। इसका मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जोरदार विरोध किया। इस काम में महिलाओं को आगे कर दिया गया। स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई। विरोध के कारण पुलिस-प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पांडू थाना में 12 नामजद और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कजरुकला के मुखिया इसरार अहमद और डा. रसूल अहमद समेत तीन को अरेस्ट कर लिया गया है।
महादलितों ने खुले आसमान के नीचे गुजारी रात
मुरुमातू दलित टोला में लगभग चार दशक से महादलित मुसहर जाति के लोग कच्चे मकान और झोपड़ी डालकर रहते आ रहे थे। भिक्षाटन से इनका जीवन-यापन चलता है। महादलितों का आरोप है कि सोमवार दोपहर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला कर किया। घरों और झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद दो वाहनों पर उनके सामनों को लोड कर छतरपुर के लोटो गांव के पास जंगल में छोड़ दिया। शाम के समय महादलित पांडू पुलिस स्टेशन पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। ये सभी भूखे-प्यासे खुले आसमान के नीचे लोटो गांव के पास रात गुजारे। यह घटना मीडिया में आने के बाद मंगलवार सुबह एसडीएम राजेश साह और एसडीपीओ सुरजीत कुमार पांडू थाना पहुंचे। लोटो गांव से 50 की संख्या में पीड़ित महादलितों को बुलाया। पहले भोजन कराया गया। इसके बाद मुरुमातू में बसाने के लिए सबको लेकर गये। तंबू लगाने की कोशिश की गई तो बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने महिलाओं को आगे कर विरोध किया। इस विरोध के के कारण पुलिस-प्रशासन वापस लौट गया।
मामले में दोनों पक्ष के अपने-अपने दावे
मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की। मदरसे की जमीन पर महादलित परिवार के लोग वर्षों से रहते आ रहे थे। दोनों पक्षों के बीच सोमवार को समझौता के बाद महादलितों को कुछ राशि का भुगतान किया गया। खाने के लिए चावल दिया गया। इसके बाद उन्हें सामान के साथ लोटो गांव के पास ले जाकर छोड़ दिया गया। महादलित समुदाय के संजय ने बताया कि पहले उन्हें घेरकर मुर्गा चावल का लालच दिया गया। उसके बाद बोला गया कि सभी को इस जगह को खाली करना है। जबरन सभी को पांच-पांच सौ रुपये और चावल दिया गया। इस दौरान महादलित समुदाय के लोगों से मारपीट की गयी। इस मारपीट में परिवार के बुजुर्ग और लड़कियां जख्मी हो गयी हैं। उनके सारे बर्तन को भी तोड़ दिया गया। जमीन सरकारी है। प्रशासन ने 30 साल पहले बसाया था।मुरुमातु के सदर डा. रसूल ने बताया कि जिस जगह पर महादलित समुदाय के लोग थे, वह जमीन मदरसा की थी। उन्होंने बताया कि 1943 में जमीन खरीदी गई थी। 1988 में इसे मदरसा ने नाम पर दान किया गया था।
पुराने पांडू पुलिस स्टेशन भवन में महादलितों को मिली शरण
मुस्लिमों के विरोध के आगे पलामू पुलिस-प्रशासन की एक न चली। इसके बाद महादलित परिवार के लोगों को पांडू पुलिस स्टेशन के पुराने भवन में ले जाया गया। इन्हें अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया गया।एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने बताया कि महादलितों के घरों को उजाड़ने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। दलित उत्पीड़न और सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है।अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। सुरक्षा कारणों से महादलितों को पुराने पुलिस स्टेशन भवन में शिफ्ट किया गया है।
एक्स मिनिस्टर ने सरकार को कोसा, डालसा ने न्याय का दिया भरोसा
रामचंद्र चंद्रवंशी ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा मुसहरों का घर उजाड़ने व हमला करने की घटना को जिहादी कार्रवाई बताया है। उन्होंने मुसहरों को बसाने के लिए डीसी से बात की है। उन्होंने बुधवार को पांडू पुलिस स्टेशन के पुराने भवन में पीड़ित मुसहर परिवार के लोगों से मुलाकात कर मदद की। 54 मुसहर परिवार के लोगों के बीच वस्त्र व प्रति परिवार 50 किलो अनाज भी उपलब्ध कराया। जल्द से जल्द पीड़ितों के नाम जमीन बंदोबस्त कर आंबेडर आवास निर्माण करवाने के लिए डीसी आंजनेयुलू दोड्डे से बात की।डीसी चंद्रवंशी ने कहा कि महादलित परिवार के लोग कच्चे घर बनाकर रह रहे थे। इनके साथ जिहादी लोगों ने अन्याय किया गया है। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि घटना में शामिल एक भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। महादलित परिवार के लोगो के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
डालसा दिलायेगा मुरमातू गांव के प्रभावितों को न्याय
झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने बुधवार को पांडू पुलिस स्टेशन मुरमातू गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने प्राधिकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। सचिव ने बताया कि बुधवार को प्राधिकार के तहत पीएलभी श्रीकांत तिवारी व सुमंत कुमार मेहता के साथ प्रभावित परिवारों के लोगों से बातचीत की गई। इस दौरान घटना के संबंध में जानकारी लेने के साथ प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। सचिव ने किसी भी परिस्थिति में इस तरह की घटना गैर कानूनी बताया है। कहा कि प्रभावित परिवार के लोगों के पास आधार कार्ड, राशन व सरकारी सुविधा का कमी पाई गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं को प्रभावित परिवारों को सरकारी स्तर पर दिलाने का कार्य किया जाएगा। बताया कि जिले के उपायुक्त भी वहां पर मौजूद थे। बताया जाता है कि कुल 47 सदस्य घटना से प्रभावित हुए हैं। सचिव ने बताया कि प्रभावित परिवार के सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा उच्च स्तर पर कार्य किया जा रहा है।