Jharkhand: धनबाद DC के नाम पर बना फर्जी फेसबुक अकाउंट, ठग का नया जाल !

धनबाद उपायुक्त आदित्य रंजन के नाम पर साइबर ठग ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध संदेश को तुरंत ब्लॉक करने की अपील की है।

Jharkhand: धनबाद DC के नाम पर बना फर्जी फेसबुक अकाउंट, ठग का नया जाल !
DC के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट।

धनबाद। डिजिटल युग में साइबर अपराध के तरीके लगातार बदल रहे हैं। ताजा मामला धनबाद से सामने आया है, जहां जिले के उपायुक्त आदित्य रंजन के नाम और तस्वीर का दुरुपयोग कर एक साइबर ठग ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया है।यह ठग उपायुक्त की प्रोफाइल फोटो और नाम का इस्तेमाल कर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहा है और मैसेंजर पर संदेश कर रहा है।

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प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी संदिग्ध रिक्वेस्ट या मैसेज मिलने पर तुरंत उसे ब्लॉक करें और पैसों की मांग या किसी लिंक पर क्लिक न करें। डीसी आदित्य रंजन ने स्पष्ट किया है कि उनका केवल आधिकारिक अकाउंट और संचार माध्यम ही मान्य है। यदि किसी अनधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट या फोन नंबर से पैसों की मांग की जाती है या संदिग्ध लिंक भेजी जाती है, तो लोग तुरंत उसे ब्लॉक कर दें और सतर्क रहें।
पैसों की मांग या मैसे आए तो तुरंत ब्लाक करें
उन्होंने कहा कि यदि किसी अनधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट या फोन नंबर से पैसों की मांग की जाती है, किसी तरह का प्रलोभन दिया जाता है या संदिग्ध लिंक भेजी जाती है तो लोग उसे तुरंत ब्लॉक करें। साथ ही फेसबुक पर रिपोर्ट करें। किसी भी हाल में ऐसे संदेशों या लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि साइबर ठग अकसर इन्हीं तरीकों से लोगों के बैंक खाते और निजी जानकारी तक पहुंच बना लेते हैं।
इस घटना से एक बार फिर साफ हो गया है कि साइबर अपराधी अब प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की पहचान का सहारा लेकर भी लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के वर्षों में देशभर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां किसी मंत्री, सांसद, विधायक या वरिष्ठ अधिकारी के नाम से व्हाट्सएप और फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसे मांगे गए। कई लोग इनके झांसे में आ भी जाते हैं, जिससे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
संदिग्ध गतिविधि की शिकायत साइबर अपराध पोर्टल पर करें
उपायुक्त ने आमजनों को सलाह दी है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर करें या फिर नजदीकी थाना को सूचना दें। उन्होंने बताया कि धनबाद पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है और ठग के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने का सबसे आसान तरीका जागरूक रहना है। सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध रिक्वेस्ट या संदेश को स्वीकार करने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करना जरूरी है। प्रशासनिक अधिकारी, सरकारी विभाग या बैंक कभी भी सोशल मीडिया या फोन पर पैसे की मांग। लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी नागरिकों की है कि वे खुद को और अपने परिचितों को ऐसे साइबर जाल से बचाएं। जागरूकता ही इस ठगी का सबसे कारगर हथियार है।