Lok sabha election 2024 Pawan Singh: पावर स्टार पवन सिंह काराकाट से लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव, थामेंगे BSP का दामन?
भोजपुरी सिंगर व एक्टर पावर स्टार पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। किस दल से लड़ेंगे या निर्दलीय, यह स्पष्ट नहीं है।
- 'कुशवाहा लैंड' में गरमाई राजनीति
पटना। भोजपुरी सिंगर व एक्टर पावर स्टार पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। किस दल से लड़ेंगे या निर्दलीय, यह स्पष्ट नहीं है।
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“माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी माँ से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूँगा । मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट,बिहार से लड़ूँगा ।
— Pawan Singh (@PawanSingh909) April 10, 2024
जय माता दी@ANI @aajtak @timesofindia @indiatvnews @ndtv @ABPNews…
पवन सिंह ने पवन सिंह ने खुद एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि वे काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। पवन सिंह ने एक्स पर लिखा- "माता गुरुतरा भूमेरू" अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा। जय माता दी"।
आप लोगों ने पवन सिंह को बनाया..
— Pawan Singh (@PawanSingh909) April 11, 2024
अब हमारी बारी है आप लोगो की सेवा करूँ ।
काराकाट की जनता के लिए जान हाज़िर है ।#LokSabhaElection2024 pic.twitter.com/0bpLPZ6XWL
पवन सिंह का वीडियो हुआ वायरल
बीते दिनों पवन सिंह का एक वीडियो खूब वायरल हुआ। जिसमें वे कह रहे थे कि चुनाव तो वे लड़ेंगे, लेकिन कब, कहां, कैसे और किस पार्टी से लड़ना है, यह बाद की बातें हैं।
बीजेपी ने आसनसोल से बनाया था कैंडिडेट
पवन सिंह यह निर्णय बीजेपी की ओर से बुधवार को दसवें चरण की प्रत्याशियों के नाम से संबंधित घोषणा की बाद लिया है। पवन ने लिखा है कि उन्होंने अपने मां से किए वादे को पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने भोजपुरी स्टारी स्टार पवन सिंह बंगाल के आसनसोल से कैंडिडेट घोषित किया था। लेकिन पवन ने आसनसोल चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
काराकाट के मतदाताओं की जिज्ञासा यह जानने को बढ़ गई है कि वह किस दल से लड़ेंगे। उनके लड़ने से किस गठबंधन पर कितना असर पड़ेगा।मतदाताओं में यह जानने की उत्कंठा जागृत हो गई है कि यहां के मतदाता किस हद तक प्रभावित होंगे। किस गठबंधन को पवन कितना नुकसान पहुंचायेंगे। वे कितना वोट जुटा पायेंगे। महत्वपूर्ण है कि यहां एनडीए ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा को यह सीट दी है।
पवन सिंह की एंट्री से पॉलिटिकल टेपरेचर बढ़ा
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा कैंडिडेट हैं। इंडी गठबंधन से भाकपा माले को या सीट मिली है। जिसके घोषित प्रत्याशी राजाराम सिंह हैं। दोनों निरंतर क्षेत्र में चुनाव प्रचार में लगे हैं। सरी तरफ, ऐसे में पवन की एंट्री से मुकाबले को तीसरा आयाम मिल सकता है। लोगों में चर्चा इस बात की है कि पवन के जाति का मत प्रभावी भूमिका में है।
BSP की टिकट पर लड़ेंगे पवन सिंह?
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यह दूसरी बड़ी मतदाता संख्या वाला जाती है। चर्चा इस बात की है कि अगर पवन बसपा के टिकट पर आ जाते हैं तो पवन के साथ बसपा का आधार वोट जुड़ता है तो मुकाबले को तीसरा कोण दे सकते हैं। लोगों की नजर अब इस बात पर है कि वह किस दल से आते हैं।
पवन भोजपुरी गायक हैं और उनके इंटरनेट मीडिया पर कोई गीत आते ही पांच मिलियन तक व्यूज पहुंच जाते हैं। उनके फॉलोअर्स भोजपुरी भाषी और मगध के क्षेत्र में हैं। मगही भाषी क्षेत्र में वे या भोजपुरी गीते सुने जाते हैं। ऐसे में पवन सिंह को कमतर आंकना दोनों गठबंधन के लिए बड़ी भूल हो सकती है।
बन जायेंगे पहले सेलिब्रिटी
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद काराकाट लोकसभा क्षेत्र वजूद में आया। तब से लेकर अब तक तीन लोकसभा चुनाव वर्ष 2009, 2014 व 2019 में हो चुका है। यह चौथा चुनाव है। अभी तक जितने प्रत्याशी यहां से चुनाव मैदान में उतरे हैं उसमें सेलिब्रिटी नहीं है। अगर पवन सिंह वास्तव में चुनाव मैदान में आते हैं तो यह पहला अवसर होगा जब कोई कला क्षेत्र का सेलिब्रिटी चुनावी जंग में किस्मत आजमा रहा होगा।
काराकाट लोकसभा सीट का गणति
बता दें कि काराकाट लोकसभा सीट इस समय जेडीयू के खाते में है। यहां से 2019 के लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह चुनाव जीते थे। उन्हें 3,98,408 वोट मिले। जबकि रालोमो (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को 3,13,866 मत हासिल हुए थे। वहीं, बीएसपी के राज नारायण तिवारी को 21,715 वोटों से संतोष करना पड़ा था।काराकाट संसदीय क्षेत्र 2009 में अस्तित्व में आया। यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में लगभग 400 राइस मिलें हैं। इसके पूर्व यह बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था।