कोल मिनिस्टर से मिले एमपी ढुलू महतो, डीएवी स्कूलों की BCCL स्टाफ के बच्चों की फीस माफी की मांग
एमपी ढुलू महतो ने बीसीसीएल प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं, डीएवी स्कूलों की फीस माफी, धनबाद सेंट्रल हॉस्पिटल के पुनर्निर्माण एवं विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की मांग किया है।एमपी ने किशन रेड्डी जी को पत्र लिखकर बीसीसीएल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, जलापूर्ति, बिजली एवं आवास संबंधी समस्याओं, बीसीसीएल द्वारा संचालित डीएवी पब्लिक स्कूलों की फीस संरचना में सुधार, धनबाद सेंट्रल अस्पताल के पुनर्निर्माण एवं विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की मांग की है।

धनबाद। एमपी ढुलू महतो ने बीसीसीएल प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं, डीएवी स्कूलों की फीस माफी, धनबाद सेंट्रल हॉस्पिटल के पुनर्निर्माण एवं विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की मांग किया है।एमपी ने किशन रेड्डी जी को पत्र लिखकर बीसीसीएल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, जलापूर्ति, बिजली एवं आवास संबंधी समस्याओं, बीसीसीएल द्वारा संचालित डीएवी पब्लिक स्कूलों की फीस संरचना में सुधार, धनबाद सेंट्रल अस्पताल के पुनर्निर्माण एवं विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की मांग की है।
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बीसीसीएल द्वारा संचालित डीएवी स्कूलों की फीस माफी एवं शिक्षा सुधार की मांग
एमपी ढुलू महतो कोल मिनिस्टर को दिये गये पत्र में बीसीसीएल कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग मजदूरों और धनबाद के निवासियों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं सुलभ शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग की कि बीसीसीएल कर्मियों के बच्चों की स्कूल फीस पूरी तरह माफ की जाए, ताकि वे बिना किसी वित्तीय बोझ के उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग मजदूरों के बच्चों को डीएवी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा देने की सिफारिश की, क्योंकि ये मजदूर बीसीसीएल के उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमपी ने डीएवी स्कूलों में सीटों की संख्या बढ़ाने और नए स्कूलों के निर्माण का भी सुझाव दिया, जिससे अधिक बच्चों को इन प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिले।
सेंट्रल हॉस्पिटल पुनर्निर्माण एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर जोर
ढुलू महतो ने धनबाद सेंट्रल हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार व इसके पुनर्निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले यह हॉस्पिटल बीसीसीएल कर्मियों और उनके परिवारों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता था, लेकिन अब इसकी स्थिति दयनीय हो गई है। मरीजों को अन्य टाउन के प्राइवेट हॉस्पिटलों में रेफर किया जा रहा है, जिससे उन्हें 10 से 50 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।उन्होंने हॉस्पिटल को एक आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में बदलने, उच्च स्तरीय विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करने और गैर-बीसीसीएल कर्मचारियों एवं आम जनता के लिए भी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की सिफारिश की।
विस्थापित परिवारों के पुनर्वास एवं अधिकारों की रक्षा की मांग
ढुलू महतो ने कोल मिनिस्टर को लिखे पत्र में कोल इंडिया द्वारा विस्थापित परिवारों के पुनर्वास एवं उनके अधिकारों की रक्षा हेतु तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि खनन कार्यों के कारण हजारों परिवार विस्थापित हो चुके हैं, लेकिन उन्हें उचित पुनर्वास, स्थायी रोजगार एवं आवश्यक बुनियादी सुविधाएं (पानी, बिजली, सड़क, स्कूल, अस्पताल, मंदिर आदि) नहीं मिल रही हैं। उन्होंने 2012 में लागू की गई विस्थापन नीति को दोषपूर्ण बताते हुए, 2012 से पूर्व की नीति को बहाल करने की मांग की, जिससे विस्थापित परिवारों को उचित पुनर्वास एवं आजीविका का अवसर मिले।
बीसीसीएल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की मांग
एमपी ने बीसीसीएल प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य, जल संकट, बिजली कटौती एवं आवासीय समस्याओं को दूर करने के लिए कोयला मंत्री से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की। जनहित में उन्होंने शुद्ध पेयजल आपूर्ति की उचित व्यवस्था, बीसीसीएल अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधाओं की बहाली,बांगाली कोठी, पराशिया बस्ती, चांदमारी बस्ती, मोहन बस्ती, लहरिया बस्ती आदि इलाकों में जल संकट का समाधान की मांग की है। भूली नगर क्षेत्र में बिजली कटौती को रोकने और नये कनेक्शन जारी करने के लिए बीसीसीएल को निर्देशित करने को कहा है।एमपी ने कहा कि भूली अस्पताल की बदहाल स्थिति में सुधार और स्टाफ की बहाली की जाए, भूली में जलमीनारों को शीघ्र चालू करें, बीसीसीएल स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत करायी जाए।
सेंट्रल गवर्नमेंट से किया अपील
एमपी ढुलू महतो ने डीएवी स्कूलों, हॉस्पिटल, विस्थापित परिवारों एवं बीसीसीएल प्रभावित इलाकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो बीसीसीएल कर्मियों, विस्थापित परिवारों और धनबाद के आम नागरिकों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।