नई दिल्ली: जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा में मुख्य साजिशकर्ता समेत 22 अरेस्ट, क्राइम ब्रांच को सौंपी जायेगी जांच
देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल सात एफआईआर दर्ज किया है। मुख्य साजिशकर्ता समेत 22 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। अंसार व पिस्टल से फायरिंग करने के आरोपित असलम को पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल सात एफआईआर दर्ज किया है। मुख्य साजिशकर्ता समेत 22 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। अंसार व पिस्टल से फायरिंग करने के आरोपित असलम को पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है।
तीन पिस्टल, पांच तलवारें बरामद
पुलिस उक्त दोनों आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ कर अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटा रही है। आरोपितों से तीन पिस्टल, पांच तलवारें भी बरामद हुई हैं। क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र यादव ने रविवार देर शाम घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। माना जा रहा है कि पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि अंसार ही हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है।
असलम ने चलाई थी मेदा लाल पर गोली
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों में शामिल असलम ने ही एसआइ मेदा लाल पर गोली चलाई थी। उसने पिस्टल से कई फायर कर शोभायात्रा में दहशत फैलाने का काम किया। उस पर भी दंगा करने, मारपीट, धमकी आदि के आरोपों में पहले से भी मामले दर्ज हैं। उसके पास से वारदात में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली गई है।
अंसार ने रोका था शोभायात्रा का रास्ता
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की शाम शोभायात्रा जब जहांगीरपुरी के सी-ब्लाक में जामा मस्जिद के पास पहुंची तो वहां पर अंसार अपने चार-पांच साथियों के साथ पहुंच गया। इसके बाद शोभायात्रा में शामिल लोगों के साथ बहस करते हुए यात्रा को रोकने लगा। कुछ ही देर में शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया। साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने जब रोकना चाहा तो उपद्रवियों ने उन पर भी पथराव करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें एसआइ मेदा लाल के बाएं हाथ में गोली लगी। जबकि आठ अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। हिंसा के आरोपितों के खिलाफ दंगा भड़काने, शांतिभंग, पुलिस पर हमला करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने सहित कई अन्य संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
भीड़ के बीच में से पिस्टल से फायरिंग करता एक युवक
वहीं इस हिंसा और उपद्रव से जुड़े दर्जनों वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। ऐसे ही एक वीडियो में पथराव करती भीड़ के बीच में से एक युवक पिस्टल से फायरिंग करता दिख रहा है। नीले रंग के कुर्ते और टोपी लगाए यह शख्स कौन है इस बारे में अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। इस घटना के दौरान आसपास बच्चे भी मौजूद दिखे।
आरोपित अंसार का वीडियो वायरल
जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव के दौरान हुई हिंसा के आरोपितों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान जब पुलिस मुख्य आरोपी अंसार को कोर्ट ले जा रही थी, तो उसने एक फिल्म का 'मैं झुकेगा नहीं' वाला स्टेप किया। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कोर्ट जाते समय पुलिसकर्मी ने उसका एक हाथ पकड़ रखा था।
कबाड़ी का काम करता है अंसार
चौथी क्लास तक पढ़ा अंसार कबाड़ी का काम करता है। उसके खिलाफ दो मामले पूर्व में दर्ज हैं। उसे पहली बार 2009 में चाकू के साथ अरेस्ट किया गया था। इसके बाद 2018 में उसके खिलाफ सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और काम में बाधा डालने की धारा में मामला दर्ज किया गया था। उस पर सट्टेबाजी के मामले में भी कार्रवाई की जा चुकी है।
जहांगीरपुरी हिंसा के आरोपी मोहम्मद अंसार की कुंडली
जहांगीरपुरी हिंसा के मास्टरमाइंड अंसार का दिल्ली पुलिस ने 20 फरवरी 2009 को डोजियर तैयार किया था। इसे पहली बार चाकू के साथ गिरफ्तार किया था। डोजियर के मुताबिक, इसके खिलाफ दो मामले दर्ज हैं।
मोहम्मद अंसार (35) पुत्र अलाउद्दीन जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक का रहने वाला है। इससे पहले भी हमले के दो मामलों में उसकी संलिप्तता का पता चला है, जिनमें उसकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके साथ ही आर्म्स एक्ट और जुआ अधिनियम के तहत पांच बार मामला दर्ज किया गया था। मोहम्मद अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही हुआ था। मोहम्मद अलाउद्दीन का पुत्र अंसार सिर्फ चौथी कक्षा तक पढ़ा है और पेशे कबाड़ी है। इसकी पत्नी का नाम सकीना व बेटे का नाम सोहेल है। अंसार के भाई का नाम अल्फा है। इसका जीजा मेवात के नूंह में रहता है।
दंगे के दो अहम किरदार, जहांगीरपुरी का 2020 के दंगे का कनेक्शन
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार रात हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी पुलिस ने दंगे के दो अहम किरदार का खुलासा किया है। पुलिसने इन दोनों ही को अरेस्ट भी कर लिया है। इसमें से एक पर शोभायात्रा के दौरान बहसबाजी करते हुए पथराव की शुरुआत करने का आरोप है तो दूसरे पर दंगे के दौरान गोली चलाने का आरोप है। इन दोनों ही का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। यह खुलासा भी मामले की जांच के दौरान हुआ। वहीं तफ्तीश के दौरान जो एक महत्वपूर्ण बात सामने आई, वह यह कि जहांगीरपुरी इलाके का वर्ष-2020 में राजधानी में हुए दंगे से भी कनेक्शन रहा है।
किरदार नंबर एक
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अरेस्ट 14 संदिग्धों में से एक अंसार को इस सांप्रदायिक झड़प का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। अंसार ने कथित तौर पर अपराध की साजिश रची थी। उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की जा रही है। दो जुलूस गुजर चुके थे और यह तीसरा जुलूस था, जिसे अंसार और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर रोका था। लोगों को जुलूस रोकने के लिए उकसाया। पथराव करने का सूत्रधार भी था। अंसार इस घटना की अगुवाई कर रहा था।
किरदार नंबर दो
वहीं जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मास्टरमाइंड के रूप में दूसरे किरदार के रूप में शोभायात्रा पर फायरिंग के आरोपी को बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने तो उसका नाम भी जारी कर दिया है। लेकिन कुछ लोगों ने उसे नाबालिग बताया है। इस कारण इसके नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। पुलिस की मानें तो यह आरोपी सीडी पार्क के पास का रहने वाला है और इसने ही गोली चलाई थी। उसके पास से वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई एक पिस्टल बरामद हुई है। पुलिस यह पता करने का प्रयास कर रही है कि इसने आखिरकार क्यों गोली चलाई? क्या इसके पीछे भी कोई कहानी तो नहीं है? उसके खिलाफ जहांगीरपुरी थाना में 2020 के एक मामले में आईपीसी की धारा 324/188/506/34 के तहत भी केस दर्ज किया गया था।
हिंसा का कनेक्शन साल-2020 में दिल्ली में हुए दंगों से
जहांगीरपुरी कुशल चौक, सी ब्लॉक में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा का कनेक्शन साल-2020 में दिल्ली में हुए दंगों से भी रहा है। ये खुलासा साल 2020 के दंगों की जांच के दौरान हुआ था। इसकी रिपोर्ट पुलिस ने तैयार की थी। दिल्ली पुलिस ने 2020 दंगों को लेकर तैयार रिपोर्ट में यह खुलासा किया था कि सीएए/एनआरसी हिंसा के दौरान कुशल चौक से कुछ संदिग्ध लोगों को, महिलाओं, बच्चों और पुरुषों के साथ शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल करने के लिए बसों में भरकर लाया गया, जिसकी संख्या सैकड़ों में बताई गई थी।