नई दिल्ली : JNU हिंसक झड़प में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराई FIR, मारपीट के आरोप

रामनवमी की पूजा करने के विरोध को लेकर रविवार को जेएनयू कैंपस में हुई हिंसक झड़प के मामले में पुलिस को एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से आठ कंपलेन मिलीं थीं। वसंत कुंज नार्थ पुलिस स्टेशन पुलिस ने दोनों ओर से क्रास एफआइआर दर्ज कर ली हैं। 

नई दिल्ली : JNU हिंसक झड़प में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराई FIR, मारपीट के आरोप
  • वामपंथी छात्र संगठनों के 14 छात्र-छात्राओं के खिलाफ FIR
 नई दिल्ली। रामनवमी की पूजा करने के विरोध को लेकर रविवार को जेएनयू कैंपस में हुई हिंसक झड़प के मामले में पुलिस को एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से आठ कंपलेन मिलीं थीं। वसंत कुंज नार्थ पुलिस स्टेशन पुलिस ने दोनों ओर से क्रास एफआइआर दर्ज कर ली हैं।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए वामपंथी छात्र संगठनों ने रविवार रात थाने के सामने प्रदर्शन किया था। सीनीयर अफसरों से निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिलने और एफआइआर दर्ज होने के बाद छात्र थाने से हटे थे। जिला पुलिस उपायुक्त ने मामले की जांच के लिए एसीपी के नेतृत्व में दो टीमें बना दी हैं। पुलिस ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन और शिकायतकर्ताओं से बातचीत की और इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में दिख रहे छात्रों की पहचान कर उसने पूछताछ की तैयारी कर रही है। दर्जन भर छात्रों को नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जायेगा। विभिन्न वीडियो से पुलिस ने 30 छात्रों की पहचान की है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की गई हैं। दरअसल, एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि विवाद से पहले कावेरी हास्टल में पोस्टर लगाये गये थे जिनमें धमकी दी गई थी कि यहां पर रामनवमी की पूजा नहीं करने दी जायेगी। इसी के बाद यह विवाद इतना बढ़ा।
जेएनयू कैंपस के अंदर व बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ायी गयी
 पुलिस यह भी पता कर रही है कि आखिर ये पोस्टर कब और किसने लगवाये थे। वहीं, एहतियात के तौर पर कैंपस के अंदर व बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। कैंपस में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। जेएनयू के मुख्य गेट सहित सभी गेट पर पुलिस बल तैनात है। परिसर में सिर्फ जेएनयू के छात्रों व स्टाफ को ही आइकार्ड देखकर अंदर जाने दिया जा रहा है।एबीवीपी के जेएनयू छात्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष शिवम चौरसिया की शिकायत पर दर्ज मुकदमे में वामपंथी छात्र संगठनों के 14 छात्र-छात्राओं को नामजद किया गया है। मामले में  वामपंथी संगठन के अनधा प्रदीप, स्वाति सिंह, आदित्य गवरू, सारिका, उमेश यादव, अपेक्षा प्रियदर्शी, अनिकेत झानाधने, मसूद खान, अंकित कुमार, रोगिब, नवीन कुमार, फारूक आलम, धनंजय व मधुरिमा कुंडु, आदित्य व प्रभांसू को नेम्ड किया गया है। 
एबीवीपी की कंपलेन में आरोप
 एबीवीपी की कंपलेन में आरोप लगाया गया है कि 10 अप्रैल को कावेरी हॉस्टल के स्टूडेंट द्वारा रामनवमी की पूजा आयोजित की गई थी। इसका विरोध वामपंथी संगठन आइसा, एसएफआइ, बासो, कलेक्टिव एनएसयूआइ ने सुबह से शुरू कर दिया था। वार्डन के नाम से पूजा न करने के फर्जी नोटिस लगा दिया गया था। पूजा दोपहर तीन बजे सुबह होनी थी। विरोध प्रदर्शन व बाधा डालने के कारण शाम पांच बजे पूजा शुरू हुई। पूजा के दौरान वामपंथी संगठनों द्वारा पूजा वूजा बंद करो, रामनवमी की पूजा नहीं चलेगी के नारे लगाये गये। पूजा में शामिल छात्रों को डराया धमकाया गया। विरोध के बावजूद पूजा संपन्न हो गई। वामपंथी संगठनों को यह बात हजम नहीं हुई। जिससे वे अपने अन्य कैडर को कावेरी हॉस्टल बुलाने व फिर से नारेबाजी शुरू करने लगे। नारेबाजी के बाद उन्होंने पूजा में शामिल होने वाले एबीवीपी के छात्रों के हॉस्टल में घुसकर उनके साथ मारपीट की और बुरी तरह धमकाया। आरोप में कहा गया है कि पांच जनवरी 2020 की घटना की भांति एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर मारा गया। दिव्यांग छात्रों की भी पिटाई गई। छात्राओं के साथ बदसलूकी की गई।
आरोप लगाया गया है कि नान वेज मुद्दा ही नहीं था, दरअसल वामपंथी संगठन कावेरी हॉस्टिल में होने वाली रामनवमी पूजा रोकना चाहते थे। जेएनयू के 18 छात्रावासों में नान वेज परोसा गया। फिर कावेरी छात्रावास में ही क्यों विवाद हुआ? क्यों कि यहां रामनवमी पर पूजा और हवन हो रहा था। कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि इफ्तार और पूजा शांति से हो रही थी। चूंकि पूजा में खलल डालना था इसलिए नानवेज का मुद्दा खड़ा किया गया। परिसर में फिलहाल अब शांति है।
दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष में वीडियो भी जारी किए
दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष में वीडियो भी जारी किए और प्रेस वार्ता कर अपना-अपना पक्ष रखा।एबीवीपी के जेएनयू इकाई अध्यक्ष रोहित ने कहा कि छात्रों ने रामनवमी पर पूजा करने का निर्णय लिया था। इस पर वामपंथी छात्रों से उन्हें धमकियां आनी शुरू हो गई कि परिसर में श्रीराम की पूजा नहीं होने देंगे। इसके बाद कावेरी हास्टल के वार्डन के नाम से हाथ से लिखा फर्जी पत्र जारी करके रामनवमी की पूजा रोकने की कोशिश की गई। लेकिन लेटर में किसी भी संबंधित अथारिटी के हस्ताक्षर व मुहर नहीं थी। पूजा रोकने के लिए करीब 150 वामपंथी फर्जी लेटर, लाठी-डंडे, पत्थर और राड लेकर पहले से जुट गए थे। वामपंथियों ने पूजा संबंधी झंडे भी फाड़ दिए। इससे साढ़े तीन बजे से शुरू होने वाली पूजा साढ़े पांच बजे शुरू हो सकी। रोहित ने कहा कि रविवार को परिसर के सभी हास्टल में नानवेज बना था। लेकिन रामनवमी पूजा के कारण सबकी सहमति से यह तय हुआ था कि कावेरी हास्टल के मेस में नानवेज नहीं बनेगा। लेकिन वामपंथी जानबूझकर चिकन के एजेंडे को बीच में ला रहे हैं।
वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ के अध्यक्ष का आरोप
 वहीं, वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ के अध्यक्ष हरेंद्र ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी पदाधिकारियों ने कावेरी हास्टल में चिकन नहीं बनने दिया। मीट सप्लाई करने वाले वेंडर से मारपीट कर उसे परिसर से भगा दिया जिससे बहुत से छात्रों को रविवार को भूखे रहना पड़ा। वहीं, डीएसएफ की अध्यक्ष स्वाति सिंह ने आरोप लगाया कि एबीवीपी पदाधिकारियों ने पहले उन पर राड व पत्थर से हमला किया। उस वक्त वामपंथी छात्र वहां से बचकर बाहर निकले। एबीवीपी की पत्थरबाजी में अख्तरिश्ता को गहरी चोट लगी। उन्होंने कहा कि छात्र रविवार को जब मेस में नानवेज मांगने लगे तो एबीवीपी के छात्र आए और कहा कि आज नानवेज नहीं बनेगा। विरोध करने पर मारपीट शुरू कर दिया।