नई दिल्ली: देश में एक दिन में एक करोड़ वैक्सीन की खुराक देने की तैयारी: डॉ. वीके पॉल
हेल्थ मिनिस्टरी की ओर गुरुवार को देश में वैक्सीन और वैक्सीनेशन की स्थिति को लेकर गुरुवार को आयोजित पीसी में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल व लव अग्रवाल ने कई नयी जानकारी दी है। पॉल ने कहा कि हम एक दिन में एक करोड़ खुराक देने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ वीक में यह संभव हो जायेगा, हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी।
नई दिल्ली। हेल्थ मिनिस्टरी की ओर गुरुवार को देश में वैक्सीन और वैक्सीनेशन की स्थिति को लेकर गुरुवार को आयोजित पीसी में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल व लव अग्रवाल ने कई नयी जानकारी दी है। पॉल ने कहा कि हम एक दिन में एक करोड़ खुराक देने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ वीक में यह संभव हो जायेगा, हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी।
देश मिलने वाली हैं चार नई वैक्सीन
डॉ. पॉल ने गुरुवार कहा कि जल्द ही भारत में चार नये वैक्सीन आने वाले हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट बढ़ाने के साथ हर दिन एक करोड़ लोगों के टीकाकरण की तैयारी कर रही है। स्टेट की ओर से टीकों की कमी की शिकायत के बीच उन्होंने बताया कि स्टेट गवर्नमेंट्स कुल प्रोडक्शन का 25 परसेंट हिस्सा खरीद रही हैं।
वर्ष के लास्ट तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का प्रोडक्शन
वैक्सीन प्रोडक्शन को लगातार बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिशों का जिक्र करते हुए डॉक्टर पॉल ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी अपनी क्षमता को 6.5 करोड़ डोज प्रति महीने से बढ़ाकर 11 करोड़ प्रति डोज बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिशों की बदौलत 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान है।
छह और कंपनियां बनायेंगी स्पूतनिक वी
पॉल ने बताया कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी का भी देश में जल्द प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा। देश ने भारतीय कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के काम को पूरा कर लिया है। सरकार रूस के साथ बातचीत कर रही है ताकि डॉक्टर रेड्डी के साथ तालमेल करके छह अन्य कंपनियां स्पूतनिक वैक्सीन का निर्माण करेंगी।
अक्टूबर तक कोवैक्सीन की हर महीने 10 करोड़ डोज बनायेगी भारत बायोटक
पॉल ने बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन निर्माण क्षमता बढ़ाई जा रही है। जल्द ही तीन अन्य कंपनियां भी कोवैक्सीन का निर्माण करेंगी। इसके अलावा बायोटेक के अपने प्लांट्स की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं। इस तरह चारकंपनियों में कोवैक्सीन का प्रोडक्शन होगा। तीन पब्लिक सेक्टर यूनिट्स मिलकर दिसंबर तक चार करोड़ डोज के प्रोडक्शन करेंगी।पॉल ने कहा कि हमने पहले भी एक दिन में 43 लाख वैक्सीन की डोज संभव किए। हमें इसे अगले तीन वीक में 73 लाख तक लाना होगा। हमें इसे हासिल करने के लिए एक प्रणाली बनानी चाहिए। हम कंपनियों के संपर्क में हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से वैक्सीन को लेकर लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। कंपनियों की चिंताओं का समाधान किया जा रहा है। उन्हें औपचारिक रूप से आवेदन करना होगा। हम जल्द ही कोई समाधान निकालेंगे।
बच्चों के वैक्सीन लाने में तेजी
डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोवैक्सिन को अनुमति मिल गई है, वे बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेंगे। मुझे लगता है कि वे व्यवस्थित तरीके से दो साल की उम्र तक जा रहे हैं। सीरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्स का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करना चाहता है। एक-ोद देश अब ऐसा करना शुरू कर दिये हैं। WHO ने अभी तक बच्चों की आबादी को सामान्य रूप से वैक्सीन से कवर करने के लिए कोई सिफारिश नहीं की है क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों में कोई भी बीमारी बहुत हल्की होती है। यदि हम इसे लेकर मौतों के आंकड़ों को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जाते हैं तो यह कम प्राथमिकता पर है।
वैक्सीन को लेकर स्टेट का सहयोग कर रहा है सेंट्रल
उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि वैक्सीन की सप्लाई बंद हो गई है। सच्चाई यह है कि वैक्सीन का उपलब्ध उत्पादन में से स्टेट गवर्नमेंट सहित गैर सरकारी चैनलों को एक अलग हिस्सा उपलब्ध है। इसका उपयोग स्टेट गवर्नमेंट द्वारा लचीले दृष्टिकोण के अनुसार लोगों को वैक्सीनेशन के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शेष 50 परसेंट के लिए एक विशेष चैनल बनाया गया, जहां राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र वैक्सीन खरीद और सप्लाई कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि प्राइवेट एरिया से जो भी राज्य खरीदता है, राज्य सरकारों को यह तय करना होता है कि इसे किस समूह को दिया जाना है और आगे ले जाना है। स्टेट हमारी वैक्सीन उत्पादन क्षमता को जानते हैं। जब राज्यों ने कहा कि वे लचीलापन चाहते हैं और टीके की खरीद में भागीदारी की बात कही तो एक नई प्रणाली लाई गई, जिसमें केंद्र सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित 50 परसेंट टीकों की खरीद करेगा। स्टेट के लिए लिए 45 वर्ष से ज्यादा ग्रुप के लिए फअरी है।
वैक्सीन की दोनों डोज अगर अलग-अलग वैक्सीन की लग जाये तो भी सुरक्षित
डा वीके पॉल ने कहा कि हमारे नियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज एक ही वैक्सीन के दिये जायेंगे। यानी अगर किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज पड़ी है तो दूसरी डोज भी उसी की पड़ेगी। लेकिन अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हुआ है कि उसे वैक्सीन के दोनों डोज अलग -अलग वैक्सीन के दिये गये हैं तो भी यह चिंता का विषय नहीं है।यूपी में एक वृद्ध व्यक्ति को कोरोना के दोनों अलग-अलग वैक्सीन लिये जाने के मामले पर सवाल पूछा तो डॉ पॉल ने कहा कि यह सेफ और प्रभावकारी भी है। हम इस तरह के मिक्स और मैच डोज को बनाने पर विचार कर रहे हैं।
देश में अभी तक दी जा चुकी है 20.25 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी के ज्वाइंट सेकरेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि कि देश में अभी तक 20.25 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक दी जा चुकी हैं। 18-44 आयु वर्ग के 8,31,500 लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी गई है। वैक्सीनेशन अभियान का थर्ड फेज एक मई से शुरू होने के बाद से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 1,38,62,428 लोगों ने इसे प्राप्त किया है।