Jharkhand के नौ पुलिस अफसर बनेंगे IPS, UPSC को भेजे गये 17 अफसरों के नाम

झारखंड में स्टेट पुलिस सर्विस के नौ अफसरों को आईपीएस में प्रोमोशन मिलेगा। स्टेट गवर्नमेंट ने वर्ष 2021, 2022 और 2023 की कुल नौ रिक्तियों के विरुद्ध आईपीएस में प्रोमोशन के लिए यूपीएससी को अनुशंसा की है। सीएम हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद यूपीएससी को डीएसपी, सीनियर डीएसपी और एडिशनल एसपी रैंक के कुल 17 पुलिस अफसरों की लिस्ट भेजी गयी है।

Jharkhand के नौ पुलिस अफसर बनेंगे IPS, UPSC को भेजे गये 17 अफसरों के नाम
  • UPSC को भेजे गये नाम, उसमें दो DSP समेत 31 के खिलाफ CBI ने मांगी अभियोजन स्वीकृति

रांची। झारखंड में स्टेट पुलिस सर्विस के नौ अफसरों को आईपीएस में प्रोमोशन मिलेगा। स्टेट गवर्नमेंट ने वर्ष 2021, 2022 और 2023 की कुल नौ रिक्तियों के विरुद्ध आईपीएस में प्रोमोशन के लिए यूपीएससी को अनुशंसा की है। सीएम हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद यूपीएससी को डीएसपी, सीनियर डीएसपी और एडिशनल एसपी रैंक के कुल 17 पुलिस अफसरों की लिस्ट भेजी गयी है।

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यूपीएससी को भेजे अफसरों के नाम
यूपीएससी को भेजी गयी लिस्ट में एएसपी  शिवेंद्र, राधाप्रेम किशोर, मुकेश कुमार महतो, मजरूल होदा, राजेश कुमार, दीपक कुमार, अविनाश कुमार, रोशन गुड़िया, श्रीराम समद, निशा मुर्मू, सुरजीत कुमार, वीरेंद्र चौधरी, राहुल देव बड़ाइक, ख्रीस्टोफर केरकेट्टा, प्रभात रंजन बरवार, अनूप कुमार बड़ाइक, समीर तिर्की और हीरालाल रवि का नाम शामिल है।
यूपीएससी प्रोमोशन के योग्य अफसरों का करेगा सलेक्शन
यूपीएससी को जिन अफसरों के नाम भेजे गए हैं, वे सभी पुलिस पदाधिकारी डीएसपी, सीनियर डीएसपी और एडिशनल एसपी रैंक के अफसर हैं। इन अफसरों के एसीआर समेत अन्य दस्तावेज भी यूपीएससी को भेजे गये हैं। पुलिस अफसरों के प्रदर्शन, कार्यानुभव और एसीआर के आधार पर यूपीएससी प्रोमोशन के योग्य अफसरों का सलेक्शन करेगा।
दो DSP समेत 31 के खिलाफ CBI ने मांगी अभियोजन स्वीकृति
सीबीआई ने स्टेटे गवर्नमेंट से यूपीएससी को भेजे गये नामों की सूची में से दो डीएसपी (मुकेश कुमार और राधाप्रेम किशोर) के अलावा 31 अफसरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है।सीबीआई ने जेपीएससी-2 नियुक्ति घोटाले की जांच के बाद 60 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। इसमें 28 परीक्षार्थी, जेपीएससी के छह एक्स अफसर, 25 परीक्षक और एक प्रतिनिधि शामिल हैं।
आरोपित परीक्षार्थियों की सूची में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सदस्य, विधायक, एक्स मिनिस्टर और वकील के रिश्तेदारों का नाम भी शामिल है. आरोपित परीक्षार्थियों में से कुछ वर्तमान में एडीएम के पद पर कार्यरत हैं। जबकि डीएसपी के रूप में कार्यरत कुछ अफसरों को एसपी के पद पर प्रोमोशन मिल चुकी है। सीबीआई ने राज्य सरकार से 31 अफसरों को खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने का अनुरोध भी किया है। इसमें जेपीएससी से संबंधित छह अफसर और परीक्षकों रूप में शामिल 25 व्याख्याता शामिल हैं।
12 वर्ष बाद जांच पूरी कर दायर किया गया चार्जशीट
जेपीएससी-1 की तरह की न्यायिक विवादों की वजह से जेपीएससी-2 की भी जांच 12 वर्ष बाद पूरी हुई है। इसके बाद चार्जशीट दायर किया गया। सीबीआई ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा-420, 120बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-13(2) सहपठित धारा-13(1)(डी) के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। चार्जशीट  में जेपीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों, परीक्षकों और तत्कालीन परीक्षार्थियों द्वारा सुनियोजित साजिश रचकर अयोग्य लोगों को परीक्षा में सफल घोषित करने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले की जांच के दौरान दोषियों को पहचानने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया गया. इसके तहत परीक्षार्थियों की कॉपियों की फोरेंसिक जांच कराई गई, जिसमें यह पुष्टि हुई कि अयोग्य उम्मीदवारों की कॉपियों में पहले दिये गये नंबरों को काटकर बढ़ाया गया था। संबंधित विषयों की कॉपियों की जांच करनेवाले व्याख्याताओं ने भी पूछताछ के दौरान इस बात की पुष्टि की। जांच के दौरान आरोपित परीक्षार्थियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया. उन्हें समन भेजकर बुलाया गया और उनकी कॉपियों में की गयी काट-छांट और ओवर राइटिंग पर उनका पक्ष सुना गया। फॉरेंसिक जांच और परीक्षकों के बयानों की समीक्षा के बाद, 28 परीक्षार्थियों के खिलाफ जालसाजी का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दायर करने का निर्णय लिया गया। जालसाजी में मदद करने वाले इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों और 25 परीक्षकों के खिलाफ भी चार्जशीट दायर किया गया।
सीबीआई जांच में यह भी पाया गया कि आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सदस्यों और नेताओं के करीबी रिश्तेदारों को जालसाजी के माध्यम से सफल घोषित किया गया और विभिन्न पदों पर नियुक्त करने की अनुशंसा की गयी। इसके अलावा, परीक्षा के दौरान कंप्यूटर से संबंधित कार्य मेसर्स एनसीसीएफ को दिये गये। एनसीसीएफ के प्रतिनिधि धीरज कुमार भी इस जालसाजी में शामिल होकर अपने रिश्तेदार संजीव सिंह को सफल घोषित कराया।
आरोपित परीक्षार्थियों की सूची
राधाप्रेम किशोर, विनोद राम, हरिशंकर बड़ाइक, हरिहर सिंह मुंडा, रवि कुमार कुजूर, मुकेश कुमार महतो, कुंदन कुमार सिंह, मौसमी नागेश, राधा गोविंद नागेश, कानू रान नाग, प्रकाश कुमार, संगीता कुमारी, रजनीश कुमार, शिवेंद्र, संतोष कुमार चौधरी, रोहित सिन्हा, शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अमित कुमार, राहुल जी आनंद जी, इंद्रजीत सिंह, शिशिर कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह, रामकृष्ण कुमार, प्रमोद राम, अरविंद कुमार सिंह, विकास कुमार, मनोज कुमार, सुदामा कुमार, कुमुद कुमार।