Jharkhand : कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर को हटाया, के राजू को बनाया झारखंड कांग्रेस का नया प्रभारी

कांग्रेस आलाकमान ने कश्मीर से एमएलए गुलाम अहमद मीर को झारखंड कांग्रेस प्रभारी पद से हटा दिया है। मीर की जगह एक्स आईएएस अफसरके राजू को झारखंड कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया है। प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रसिडेंट अबिजीत राज ने के राजू को प्रभारी बनाये जाने का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी है।

Jharkhand : कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर को हटाया, के राजू को बनाया झारखंड कांग्रेस का नया प्रभारी
प्रदेश कांग्रेस के नये प्रभारी के राजू।

रांची। कांग्रेस आलाकमान ने कश्मीर से एमएलए गुलाम अहमद मीर को झारखंड कांग्रेस प्रभारी पद से हटा दिया है। मीर की जगह एक्स आईएएस अफसरके राजू को झारखंड कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया है। प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रसिडेंट अबिजीत राज ने के राजू को प्रभारी बनाये जाने का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी है।
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के राजू को झारखंड प्रदेश कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया गया है।  वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के एमएलए गुलाम अहमद मीर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे। कृष्ण अल्लावरु बिहार के नये कांग्रेस प्रभारी बनाये गये हैं। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी महासचिव और डा. सैदर नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख का प्रभारी महासचिव घोषित किया है।
नौ राज्यों के प्रदेश प्रभारी बदले गये
कांग्रेस आलाकमान ने नौ राज्यों के प्रभारी बदल दिए हैं। इनमें झारखंड के अलावा बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, तेलंगाना सहित नौ राज्यों के प्रदेश प्रभारी शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की नयी प्रभारी रजनी पाटिल बनायी गयी हैं। बीके हरिप्रसाद को हरियाणा का नया कांग्रेस प्रभारी बनाया गया है। हरीश चौधरी को मध्य प्रदेश के नये प्रभारी की जिम्मेदारी दी गयी है। गिरीश चोडनकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी की कमान सौंपी गयी है। अजय कुमार लल्लू को ओडिशा व मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना का नया प्रभारी बनाया गया है। सप्तगिरी शंकर उल्का को मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड का प्रभारी बनाया गया है। 
राहुल गांधी के हैं करीबी हैं झारखंड कांग्रेस के नये प्रभारी के राजू झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बनाये गये के राजू लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विश्वस्त और उनकी कोर टीम का हिस्सा हैं। आंध्रप्रदेश कैडर के 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे के राजू ने वर्ष 2013 में वीआरएस ले ली थी। वे सेंट्रल में तत्कालीन यूपीए सरकार के वक्त सोनिया गांधी के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सचिव थे। सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा और खाद्य सुरक्षा बिल का ड्राफ्ट तैयार करने में उनकी अहम भूमिका थी।
कोर एजेंडे पर कांग्रेस का फोकस 
के राजू को झारखंड प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के ठीक पहले आलाकमान ने सभी मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली बुलाकर बैठक की थी। इसमें कांग्रेस के कोर एजेंडे पर फोकस करने की हिदायत दी गई है। के राजू पर इसका दबाव होगा कि वे जातीय जनगणना के साथ-साथ उन वादों पर पार्टी को खरा उतारे, जो चुनाव के दौरान किये गये थे।
नये प्रभारी को कई चुनौतियों से होगा निपटना, जल्द होंगे बदलाव
झारखंड में प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी के. राजू के सामने बड़ी चुनौती पार्टी में अनुशासन को बनाये रखने की है। प्रदेश मुख्यालय से लेकर जिलों तक में बड़े पैमाने पर बदलाव होने हैं। जाहिर सी बात है कि ऐसे बदलावों से कई प्रकार के विरोध जन्म लेते हैं। ऐसे में झारखंड के नयेकांग्रेस प्रभारी के. राजू के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।संगठन में पहले भी ऐसी परिस्थितियों पर नियंत्रण के लिए शीर्ष नेतृत्व को खुद आगे आना पड़ा है। 
इस बार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर महज सवा साल में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर को क्यों बदला गया।आंकड़ों के हिसाब से उन्हें जितने विधायकों के साथ पार्टी की जिम्मेदारी मिली थी, उतने विधायक अभी भी पार्टी में ही हैं। सूत्र बताते हैं कि उन्हें गृह राज्य में अधिक जिम्मेदारी दी जा रही है। के. राजू की गिनती दक्षिण भारत के एक अनुशासित कांग्रेसी के तौर पर होती है। उनके नेतृत्व में पार्टी में अनुशासन बढ़ने की बातें की जा रही हैं। इस बीच, झारखंड से कुछ लोगों को केंद्रीय टीम में भी रखने का काम होना है। पार्टी इसके लिए भी चेहरे की तलाश में जुटी है।
दागदार चेहरों के कारण पार्टी की छवि हुई धूमिल
पिछले कार्यकाल में दागदार रहे नेताओं के कारण पार्टी की छवि धूमिल हुई और ऐसे नेताओं को इस बार भी सत्ता के केंद्र में शामिल करने के हिमायती प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर की कमजोरी मानी गई। पार्टी ने भले ही पुरानी सूची में से दो मंत्रियों को हटा दिया और नए नामों को शामिल कराया, लेकिन इसका गाज किसी पर नहीं गिरा था। कहा जा रहा है कि मीर की सज्जनता का फायदा कुछ गलत लोग उठा लिए।