अंकिता मर्डर केस में आरोपियों पर लगा POCSO Act, SIT का गठन, स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट में आवेदन
झारखंड की उपराजधानी दुमका के जरूआडीह निवासी संजीव सिंह की बेटी अंकिता पर पेट्रोल उडेलकर उसे जलाने के मामले में दर्ज FIR में मर्डर व POCSO Act की धारा जोड़ दी गयी है। अंकिता की मौत से संबंधित दुमका टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज कांड संख्या 200/22 में शाहरूख हुसैन के अलावा उसके सहयोगी नईम उर्फ छोटू को भी आरोपी बनाया गया है।
दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका के जरूआडीह निवासी संजीव सिंह की बेटी अंकिता पर पेट्रोल उडेलकर उसे जलाने के मामले में दर्ज FIR में मर्डर व POCSO Act की धारा जोड़ दी गयी है। अंकिता की मौत से संबंधित दुमका टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज कांड संख्या 200/22 में शाहरूख हुसैन के अलावा उसके सहयोगी नईम उर्फ छोटू को भी आरोपी बनाया गया है।
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केस में पहले नईम उर्फ छोटू का नाम नहीं था। शाहरूख 23 अगस्त को ही अरेस्ट कर लिया गया था। नईम को अंकिता की मौत के बाद सोशल मीडिया में आये अंकिता के बयानों के बाद अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने अंकिता को पहले केस में 19 साल का बालिग बताया गया था। अंकिता के स्कूल में अंकित जन्मतिथि व मैट्रिक के सर्टिफिकेट में दर्ज डेट ऑफ बर्थ के आधार पर उसे सोलह साल से कम का ही पाया गया है। अब केस में आइपीसी की सेक्शन 302, 120 बी एवं 34 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 12 जोड़ दिया गया है।
CWC ने लिया था स्वतः संज्ञान
एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी व सारठ एमएलए रणधीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अंकिता के बयान में उसकी उम्र 16 साल की जगह 19 अंकित कर दिया गया है। वहीं, बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इस केस में पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ने की अनुसंशा एसपी से की है। अंकिता को 23 अगस्त की सुबह जले हुए हालत में दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। हॉस्पिटल में कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह ने 19 वर्ष उम्र होने का उल्लेख करते हुए उसका बयान दर्ज किया था। मौके पर डीएसपी नूर मुस्तफा व टाउन पुलिस स्टेशन के अफसर मौजूद थे। इस मामले में टाउन पुलिस स्टेशन में आइपीसी की सेक्शन धारा 28, 307 व 506 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। अंकिता की 27 अगस्त की रात रांची के रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गयी।
बाल कल्याण समिति को 29 अगस्त को पता चला कि अंकिता की उम्र घटना के दिन 15 वर्ष 9 माह थी। बाल कल्याण समिति, दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने जेजे एक्ट 2015 की धारा 30(12) के तहत मामले का स्वतः संज्ञान लिया। चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, नूतन बाला एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र उसके घर पहुंचे।चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि समिति ने उसके पिता से घटना की जानकारी ली।अंकिता का उम्र प्रमाण पत्र संबंधी कोई दस्तावेज मांगा। पिता द्वारा समिति को मृतका के उम्र प्रमाण पत्र के रूप में वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2021 का अंकपत्र प्रस्तुत किया गया। यह जेजे एक्ट 2015 की धारा 94(1) के तहत उम्र निर्धारण के लिए एक वैद्य प्रमाण पत्र है। इस अंकपत्र के उसकी जन्म तिथि 26/11/2006 है. इसके मुताबिक घटना के दिन यानि 23/08/2022 को बालिका की उम्र 15 वर्ष नौ माह थी जो जेजे एक्ट 2015 की धारा 2(12) के तहत चाइल्ड की श्रेणी में आती है। मृतका के नाबालिग होने के आधार पर जेजे एक्ट 2015 के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत बाल कल्याण समिति दुमका की बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने नगर थाना कांड संख्या 200/22 में भादवि की धारा 354ए व 354डी और पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 8/12 जोड़ने की अनुशंसा दुमका एसपी को की थी।
डीआइजी ने किया SIT का किया गठन, स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट में आवेदन देने का निर्देश
दुमका डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने अंकिता की मौक मामले में साइंटिफिक व टेक्नीकल पहलुओं पर इन्विस्टीगेशन के लिए एसपी अंबर लकड़ा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है। एसआइटी को निर्देश दिया गया है कि वह त्वरित गति से मामले की जांच कर ससमय कोर्ट में चार्जशीट समर्पित करे। मामले के स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट में आवेदन समर्पित करे।
एसपी के नेतृत्व में गठित एसआइटी में डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार, डीएसपी साइबर क्राइम शिवेंद्र, टाउन थाना के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नितिश कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उमेश राम, दुमका सदर अंचल इंस्पेक्टर देवव्रत पोद्दार, टाउन पुलिस स्टेशन के एसआइ दिलीप पाल, जितेंद्र साहू, एसपी ऑफिस के क्राइम रीडर एएसआई ज्योति पांडेय तथा जिला पुलिस के कांस्टेबल अजीत कुमार सिंह व निर्णय कुमार झा शामिल किये गये हैं.
केस के आइओ बदले गये
अंकिता मर्डर केस 23 अगस्त को टाउन पुलिस स्टेशन कांड संख्या 200/22 में दर्ज की गयी एफआइआर आइओ एसआइ दिलीप पाल को सौंपा गया था। अब इस इस केस के आइओ खुद टाउन पुलिस स्टेशन के ओसी सह इंस्पेक्टर नीतीश कुमार होंगे। केस का सुपरविजन खुद एसपी अंबर लकड़ा करेंगे।