Ranchi Land Scam Case: हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से झटका, ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
झारखंड हाई कोर्ट से एक्स सीएम हेमंत सोरेन को राहत बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट से एक्स सीएम हेमंत सोरेन को राहत बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने अपने आदेश में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को सही बताते हुए राहत देने से इनकार कर दिया।
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हाई कोर्ट ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रथम दृष्ट्या प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन के सीएम रहने के दौरान सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर में छेड़छाड़ की कोशिश की गई। यह संगीन मामला है। कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि झारखंड पुलिस इस कार्य के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करेगी, जिसमें एफआइआर से सेक्शन 120 बी हटाने की कोशिश की गई है।कोर्ट ने हेमंत सोरेन की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि यह राजनीति से प्रेरित मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस केस को आगे बढ़ाने के लिए ईडी के पास पर्याप्त सबूत है। इसलिए कोर्ट इस समय मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि हेमंत सोरेन की याचिका के विरुद्ध ईडी ने कोर्ट में उनके विरुद्ध जो दस्तावेज प्रस्तुत की, उसपर हेमंत सोरेन ने किसी तरह की बहस नहीं की।उन्होंने ईडी के दस्तावेजों व जांच रिपोर्ट को नकारा भी नहीं, केवल अपनी गिरफ्तारी को राजनैतिक विद्वेश बताते हुए राहत की मांग करते रहे। ईडी की रिपोर्ट यह साबित करती है कि हेमंत सोरेन बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के साथ जमीन हड़पने में शामिल थे।
हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी मामले में हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट से फैसला नहीं आने का मुद्दा उठाया था।
हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के बाद 28 फरवरी को हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था। उनकी ओर से हाईकोर्ट में कहा गया था कि जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह मामला शेड्यूल अफेंस का नहीं है। उनके खिलाफ मनी मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है।
बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.44 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का कोई जिक्र नहीं है। वहां कुछ लोगों ने कह दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की दखल वाली है, इस पर विश्वास करते हुए ईडी अनुसंधान में आगे बढ़ रही है। इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न ही ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है। जबकि ईडी का कहना था कि 16 अगस्त को अंचलाधिकारी बड़गाईं को राजकुमार पाहन द्वारा उनकी जमीन पर कब्जे की शिकायत के बाद आनन-फानन में 29 जनवरी 2024 को एसएआर कोर्ट ने अंतिम रूप से राजकुमार पाहन को उक्त जमीन का मालिकाना हक दे दिया। यह मालिकाना हक भी उन्हें दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर ईडी की छापेमारी के बाद दिया गया। पहले समन के बाद ही तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पावर का उपयोग करते हुए इस केस से संबंधित साक्ष्य को नष्ट करने की कोशिश की है। पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 10 समन जारी किया था, जिसमें से वह मात्र दो समन में ही ईडी के समक्ष उपस्थित हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट गये हैं हेमंत सोरेन
इस मामले में हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर कर कहा था कि हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई 28 फरवरी को ही पूरी कर ली है, लेकिन 55 दिन बीत जाने के बाद भी फैसला नहीं सुनाया है। फैसला नहीं सुनाये जाने से वह इस मामले में आगे की न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से उन्होंने जल्द फैसला सुनाने का निर्देश हाईकोर्ट को देने का आग्रह किया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और कहा था यहां मामला लंबित रहने के दौरान भी यदि हाईकोर्ट चाहे तो फैसला सुना सकता है।
चाचा के श्राद्धकर्म में भी शामिल होने के लिए नहीं मिली जमानत
झारखंड हाई कोर्ट से हेमंत सोरेन को अपने चाचा के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए बेल नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें पुलिस कस्टडी में कार्यक्रम मनें शामिल होने की छूट प्रदान की है । इस दौरान मीडिया से दूर रहने का निर्देश दिया है। एक्स सीएम पुलिस कस्टडी में ही अपने चाचा के श्राद्ध कर्म में छह मई को शामिल होंगे। श्राद्ध कर्म में शामिल होने के बाद पुनः बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार जायेंगे। हेमंत सोरेन की ओर से एक दिन की औपबंधिक जमानत मांगी गई थी।
बेल पिटीशन पर आज सुनवाई
हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर अब कल सुनवाई होगी। ईडी के स्पेशल जज राजीव रंजन की कोर्ट में बड़गाई अंचल के 8.86 एकड़ जमीन मामले के आरोपित एक्स सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर इससे पहले बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को मामले में लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।