Ranchi Land Scam:जमीन बिजनसमैन कमलेश के ठिकाने पर ED की रेड, एक करोड़ कैश व 100 कारतूस बरामद
झारखंड की राजधानी रांची में हुई जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार को रांची के एक बड़े जमीन माफिया कमलेश सिंह के आवास पर रेड मारा है।कमलेश के कांके रोड में चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 603 सी से रेड में ईडी को एक करोड़ रुपये कैश व 100 कारतूस मिले हैं। ईडी ने कैश व कारतूस ईडी ने जब्त किया है।
- कमलेश को ईडी ने पहले पूछताछ के लिए भेजा था समन
- समन जारी होने के बाद गायब हो गया था कमलेश
- 10 साल में फोटो जर्नलिस्ट से बन गया जमीन का बड़ा माफिया
- सीएनटी एक्ट की जमीन को जेनरल बनाया
- सरकारी जमीन की भी खरीद-बिक्री
- जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर किया करोड़ों का धंधा
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में हुई जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार को रांची के एक बड़े जमीन माफिया कमलेश सिंह के आवास पर रेड मारा है। कमलेश के कांके रोड में चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 603 सी से रेड में ईडी को एक करोड़ रुपये कैश व 100 कारतूस मिले हैं। ईडी ने कैश व कारतूस ईडी ने जब्त किया है।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
ईडी को कमलेश के फ्लैट से रेड के दौरान भारी मात्रा में जमीन की खरीद-बिक्री व निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। संबंधित कागजात की छानबीन चल रही है। कहा जा रहा है कि ईडी देर रात तक कमलेश सिंह अरेस्ट कर सकती है। कमलेश का बड़े राजनेताओं व अफसरों से भी बेहतर संबंध रहा है।
झारखंड के एक्स डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम पर ली गई कांके स्थित जमीन के मामले में भी कमलेश का नाम सामने आया था। उसने जमीन के कागजात में हेराफेरी कर कई अन्य अफसरों को भी जमीन दिलाई है। वह जमीन खरीदने वाले पूर्व में विवाद में भी फंसे थे।
साल में फोटो जर्नलिस्ट से बन गया जमीन माफिया
कमलेश सिंह 10 वर्षों में ही फोटो जर्नलिस्ट से जमीन का बड़ा माफिया बन गया। उसने रांची में सीएनटी प्रकृति की आदिवासी जमीन को जेनरल बनाकर बेच डाला। उसने सरकारी भूमि के कागजात में भी हेराफेरी कर करोड़ों रुपये में उसका सौदा कर दिया। उसने कई विवादित जमीन की खरीद-बिक्री की और इस मामले में पूर्व में रांची पुलिस के हाथों गिरफ्तार कर जेल भी जा चुका है, जहां से छूटने के बाद फिर से वह अपने इसी धंधे में लगा रहा। कांके में जुमार नदी के किनारे इसने नदी की जमीन को समतल करवाकर उस पर कब्जा किया और उसकी खरीद-बिक्री की। उसने जमीन के इस धंधे से दस साल के भीतर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है।