देवघर त्रिकुट पहाड़ पर बिना एग्रीमेंट के चल रहा था रोपवे, गोड्डा MP निशिकांत ने लगाये आरोप, CBI जांच की मांग
गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने देवघर त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसा पर डीसी को कटघेरे में खड़ा किया है। एमपी ने बयान जारी कर कहा कि झारखंड के सीएम को जनता के प्रति थोड़ा भी सहानुभूति है तो इस हादसे का CBI जांच कराना चाहिए।
देवघर। गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने देवघर त्रिकुट पहाड़ रोपवे हादसा पर डीसी को कटघेरे में खड़ा किया है। एमपी ने बयान जारी कर कहा कि झारखंड के सीएम को जनता के प्रति थोड़ा भी सहानुभूति है तो इस हादसे का CBI जांच कराना चाहिए।
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त्रिकूट रोप वे हादसे में यह सभी लोग स्थानीय लोगों @IAF_MCC @adgpi @NDRFHQ @ITBP_official के द्वारा बचाए गए हैं,पिछले तीन दिनों में माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन व केंद्रीय गृह मंत्री @AmitShah जी के नेतृत्व को इन सभी लोगों ने धन्यवाद ज्ञापित किया । pic.twitter.com/ItWBDrHsJS
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 12, 2022
एमपी श्री दुबे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि त्रिकुट पहाड़ी पर दामोदर रोपवे के देखरेख में रोपवे चल रहा था। यह एग्रीमेंट वर्ष 2019 में ही समाप्त हो गया था। उसके बाद अब तक त्रिकुट पहाड़ी पर अवैध रूप से रोपवे चल रहा था। उन्होंने कहा कि डीसी ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की।उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से आखिर अवैध रूप से रोपवे कैसे चल रहा था। उन्होंने देवघर के डीसी के कोलकाता दौरा, हवाई यात्रा आदि का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की।
बीजेपी एमपी ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री की कार्यशैली सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के दो घंटे बाद तक उन्होंने स्टेट के चीफ सेकरटेरी और आपदा सचिव को सूचना नहीं दी। उन्होंने खुद मुख्य सचिव को सूचित किया। इससे पहले गृह मंत्री, गृह सचिव को सूचना दी। केंद्र को सूचना देने के बाद सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची। उपायुक्त ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर के लिए ईंधन का इंतजाम करने में देर कर दिया। सुबह हेलीकॉप्टर आया और पांच घंटे बाद रेस्क्यू शुरू हुआ। एक तो घटना की सूचना विलंब से सीनीयर अफसरों को दी। इससे विलंब हुआ। उन पर मुकदमा होना चाहिए। एमपी ने इस ऑपरेशन में लगे भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ, भारतीय सेना, आइटीबीपी के जवानों की प्रयासों की प्रशंसा की।
बिना एग्रीमेंट के चल रहा था रोपवे
एमपी ने कहा कि रोपवे का संचालन गाइडलाइन के मुताबिक नहीं हो रहा था। बिना एग्रीमेंट के तीन साल से यह संचालित था जबकि इसके लिए केंद्र की ओर से एसओपी जारी है। कहा कि झारखंड सरकार ने रोप-वे के संचालन के लिए इस मानक पर अनुमति नहीं ली है।उन्होंने सीएम से मांग की कि मामले की सीबीआइ जांच कराएं।सेंट्रल होम सेकरेटरी के पत्र का हवाला दे एमपी ने कहा कि उसमें जिक्र है कि इस घटना ने एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और रोपवे संचालन पर एक आकस्मिक योजना की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि रोपवे प्रोजेक्ट के संचालन और रखरखाव के लिए, बीआइएस मानक पहले ही निर्धारित किये जा चुके हैं। उसका ईमानदारी से पालन करने की आवश्यकता है। आवश्यक मार्गदर्शन राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) से लिया जा सकता है, जो भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत नोडल संगठन है।