समस्तीपुर। बिहार के समस्तीपुर में विद्यापतिनगर पुलिस स्टेशन एरिया के मऊ गांव में एक ही फैमिली के पांच लोगों के फंदे से लटकते बॉडी मिले हैं। मृतकों में वार्ड 11 निवासी रविकांत झा के पुत्र मनोज झा (45), मनोज झा की मां सीता देवी (65), मनोज झा के पुत्र सत्यम कुमार (10), शिवम कुमार (सात) एवं मनोज की पत्नी सुंदरमणि देवी (38) शामिल हैं।
फिलहाल इसके पीछे आर्थिक तंगी व कर्ज को कारण मास सुसाइड माना जा रहा है। फैमिली में अब केवल दो शादीशुदा बेटियां ही बची हैं। बताया जाता है कि घटना शनिवार की देर रात्रि की बताई जा रही है। सुबह होने पर लोगों की जानकारी मिली। मौके पर भारी भीड़ जुट गई। मौके पर लोगों की जितनी मुंह, उतनी बातें सुनी जा रही है। यह मास सुसाइड है या मर्डर के बाद सुसाइड, या फिर मास मर्डर, जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।मऊ गांव के वार्ड निवासी मनोज झा आटो चलाकर व खैनी बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करते थे। पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने के क्रम में उन्होंने कई ग्रुप से लोन भी लिया था। समय-सीमा के अंदर इसकी अदायगी करने में वे सक्षम नहीं हो पा रहे थे। इस कारण बार-बार उन्हें तकादा भी झेलना पड़ रहा था। साथ ही डांट भी खानी पड़ रही थी।
कई बिंदुओं जांच कर रही है पुलिस
घटनास्थल पर पुलिस ने पहुंचकर पूरी तरह घेराबंदी कर दी है। एफएसल टीम को यहां बुलाया गया है। दलसिंहसराय के डीएसपी दिनेश पांडेय ने बताया कि पुलिस कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। एफएसल टीम मौके पर फिंगर व फुट प्रिंट ली है।
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार सुबह साढ़े सात से आठ बजे के बीच स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मनोज के घर पहुंची। घर बंद देख उसकी पत्नी को आवाज लगायी। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब कोई उत्तर नहीं मिला तो आसपास के लोगों को बुला इसकी जानकारी दी। आसपास के लोगों ने भी आवाज लगाने के बाद दरवाजे को काफी खटखटाया, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला तब लोगों ने किसी तरह खिड़की से झांक कर देखा तो सभी को फंदे से लटका देख सन्न रह गये। घटना की जानकारी मिलते ही घर पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गयी। सूचना मिलने पर दलसिंहसराय डीएसपी व विद्यापतिनगर पुलिस भी गांव पहुंच आसपास के लोगों से जानकारी ली। ग्रामीणों में बताया कि मनोज मऊ बाजार में फुटपाथ पर खैनी की दुकान करता था, लेकिन उससे परिवार का सही से भरण पोषण नहीं कर पा रहा था। उसके पास खेती की जमीन भी नहीं थी।
सेल्फ हेल्प ग्रुप से लिया था कर्ज
ग्रामीणों के अनुसार, मनोज की पत्नी ने घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए स्वयं सहायता समूह से कर्ज लिया था। लेकिन वह कर्ज की क़िस्त नहीं चुका पा रही थी। उसे चुकाने के लिए उस पर दवाब था। ग्रामीणों का मानना है कि उसी दवाब में आकर मनोज व उसके परिवार के लोग फंदे पर झूल गए होंगे।
पिता ने भी दी थी फांसी लगाकर जान
इसके पूर्व भी मनोज झा के पिता ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। बताया जाता है कि उन्होंने अपनी बड़ी पुत्री की शादी के लिए कर्ज लिए थे। कर्ज चुका नहीं कर पाने की स्थिति में उन्होंने अपनी जान दे दी थी। अभी उनके पुत्र ने भी अपनी बहन की शादी मंदिर में की थी।