नई दिल्ली: सीनीयर कांग्रेस लीडर पवन कुमार बंसल कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष बने, अहमद पटेल के निधन से खाली हुई थी पोस्ट
कांग्रेस ने एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व सीनयीर कांग्रेस लीडर पवन कुमार बंसल (को तत्काल प्रभाव से पार्टी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले अहमद पटेल पार्टी के कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी प्रसिडेंट सोनिया गांधी ने बंसल को कोषाध्यक्ष पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व सीनयीर कांग्रेस लीडर पवन कुमार बंसल (को तत्काल प्रभाव से पार्टी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले अहमद पटेल पार्टी के कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी प्रसिडेंट सोनिया गांधी ने बंसल को कोषाध्यक्ष पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले बंसल पार्टी प्रशासन के प्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे।
यूपीए गवर्नमेंट में कई डिपार्टमेंट में मिनिस्टर रहे हैं बंसल
बंसल यूपीए गवर्नमेंट के कार्यकाल में मनमोहन सिंह सरकार में बतौर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, संसदीय मामलों के राज्यमंत्री, जल संसाधन मंत्रालय समेत तमाम विभागों में काम कर चुके हैं। कथित रेल घोटाले के चलते उनको अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अहमद पटेल के निधन के बाद सबकी इस पर नजरें थी कि पार्टी कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसे सौंपती है। आखिरकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को चंडीगढ़ से एमपी रहे बंसल को अंतरिम कोषाध्यक्ष बनाने का फैसला किया।कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार बंसल पिछले काफी समय से हासिए पर चल रहे थे। लेकिन हाल ही में उनको पूर्व महासचिव मोतीलाल वोरा की जगह पार्टी प्रशासन के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब कोषाध्यक्ष पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी के मिलने के बाद उनका कद एकबार फिर चर्चा में आ गया है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बंसल पार्टी कोषाध्यक्ष के रूप में तुरंत कार्यभार संभालेंगे।
कांग्रेस पार्टी के पास 724.35 करोड़ रुपये की संपत्ति
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के पास फंड की कमी की खबर सामने आई थी। पार्टी ने ट्वीट कर फंडिंग की अपील की थी। ऐसे में पवन बंसल के लिए कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा पाना एक बड़ी चुनौती साबित होगी। नेशनल पार्टी में से केवल कांग्रेस और एनसीपी की वार्षिक घोषित संपत्ति में कमी देखी गई है। कांग्रेस की संपत्ति वित्त वर्ष 2016-17 में 854.75 करोड़ रुपये थी जो वित्त वर्ष 2017-18 में 15.26% घटकर 724.35 करोड़ रुपये है। बात बीजेपी की करें तो वित्त वर्ष में उसकी कुल संपत्ति 1213.13 करोड़ रुपये थी जो 2017-18 में 22.27% बढ़कर 1483.35 करोड़ रुपये हो गई।400.15 करोड़ रुपये का कैपिटल/रिजर्व फंड
वित्त वर्ष 2016-17 में कांग्रेस के पास 393.02 करोड़ रुपये का कैपिटल/रिजर्व फंड था जो अगले वित्त वर्ष 2017-18 में बढकर 400.15 करोड़ हो गया। वहीं बीजेपी के पास 2016-17 में 1193.10 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2017-18 में 1461.97 करोड़ रुपये हो गया।
देनदारी हटाकर 800.3 करोड़ रुपये की मालकिन है कांग्रेस
वित्त वर्ष 2016-17 में कांग्रेस पर सबसे अधिक 461.43 रुपये की देनदारी थी। अगले वित्त वर्ष 2017-18 में कांग्रेस की यह देनदारी घटकर 324.20 करोड़ रुपये रह गई। वहीं, बीजेपी पर वित्त वर्ष 2016-17 में 20.03 करोड़ रुपये की देनदारी थी जो अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 21.38 करोड़ रुपये हो गई। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 1,124.5 करोड़ रुपये की संपत्ति थी जिसमें से 324.20 करोड़ रुपये की देनदारी घटा देने पर 800.3 करोड़ रुपये की संपत्ति बचती है।
कॉर्पोरेट दानदाताओं से फंडिंग
नेशनल पार्टी में कांग्रेस कॉर्पोरेट/व्यापारिक दानदाताओं से दाने लेने के मामले में बीजेपी के बाद दूसरे स्थान पर रही। कांग्रेस को 122 दानदाताओं ने 122.50 करोड़ रुपये फंडिग की। बीजेपी को सबसे ज्यादा 1,573 दानदाताओं से 698.02 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली। इन दानदाताओं में वही शामिल हैं जिन्होंने 20 हजार रुपये से अधिक का दान दिया।
कांग्रेस ने कहा खर्च किया
कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा खर्च किया। पार्टी ने 2014 में 516 करोड़ रुपये जबकि 2019 में 820 करोड़ रुपये खर्च किये। बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 714 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 31 अक्टूबर, 2019 को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि उसने पार्टी के प्रचार के लिए 626.3 करोड़ रुपये जबकि कैंडिडेट पर लगभग 193.9 करोड़ रुपये खर्च किये। इस तरह चुनाव से आरंभ से अंत तक पार्टी के कुल 856 करोड़ रुपये खर्च हुए।