इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 22 दिसंबर से, सिंफर में मना आईआईएसएफ 2020 का कर्टेन रेज़र समारोह
‘भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2020)’ का छठवां संस्करण विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस पर 22 दिसंबर को आरंभ होगा। इसका समापन दिवंगत एक्स पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर 25 दिसंबर को होगा।
धनबाद। ‘भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ-2020)’ का छठवां संस्करण विश्व विख्यात भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस पर 22 दिसंबर को आरंभ होगा। इसका समापन दिवंगत एक्स पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर 25 दिसंबर को होगा। यह इंडिया का बहुप्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन है, जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाता है। आईआईएसएफ-2020 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया जायेगा ताकि सभी विज्ञान-प्रेमी मात्र एक क्लिक के माध्यम से इस आयोजन से जुड़ सकें।
सीएसआइआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद के बरवा रोड स्थित सभागार में शनिवार को आईआईएसएफ-2020 के कर्टेन रेज़र समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय "आत्म निर्भर भारत और वैश्विक कल्याण के लिए भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार पर एक प्रतिबिंब" था। इस अवसर पर विज्ञान भारती (विभा) के राष्ट्रीय आयोजन सचिव, जयंत सहस्रबुद्धे मुख्य अतिथि के रुप में वेब के माध्यम से उपस्थित थे। धनबाद एवं आसपास के क्षेत्रों में स्थित विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण बड़ी संख्या में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।
सिंफर डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा कर्टेन रेज़र कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम को यूट्यूब के माध्यम से लाइव प्रसारित किया गया। डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने वेब के माध्यम से उपस्थित मुख्य अतिथि, जयंत सहस्रबुद्धे, उद्योग साझेदारों, धनबाद व आस-पास स्थित विभिन्न स्कूलों के छात्रों-छात्राओं और शिक्षकों एवं सभागार में उपस्थित सभी साइंटिस्ट एवं अफलरों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि वह अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि यह हम सभी के लिए एक बहुत ही विशेष कार्यक्रम है। आईआईएसएफ में वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं, छात्रों, उद्योग पार्टनरों के अलावा कई ऐसे लोग भी भाग लेते हैं, जो विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं। इस दौरान अखिल भारतीय स्तर पर समस्याओं का हल खोज कर निकाला जाता है। किसान आकर पूछते हैं कि हम ऐसा कर रहे हैं और उत्पादन भी हो रहा है, लेकिन इसके पीछे का विज्ञान क्या है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रयोगशालाओं में कर्टेन रेजर का कार्यक्रम हो रहा है और यह कार्यक्रम जारी रहेगा। 22 से 25 दिसंबर 2020 के दौरान हम सभी वर्चुअल माध्यम से इस विज्ञान महोत्सव में भाग लेंगे। इस वर्ष का विषय है ‘आत्म निर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’। कैसे विज्ञान समाज के लिए आवश्यक है, कैसे हम भारत को आत्मनिर्भर बनायेंगे, कैसे विज्ञान से लोगों के जीवन में सुधार किया जा सकता है - इन सभी पहलुओं पर गहनता से विचार-विमर्श किया जायेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन का वीडियो संदेश प्रदर्शित किया गया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि यह महोत्सव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं उसके विभागों में कार्यरत सभी लोगों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इस वर्ष सीएसआईआर को आईआईएसएफ-2020 आयोजित करने का दायित्व सौंपा गया है। प्रत्येक वर्ष आईआईएसएफ के समापन के दौरान यह संकल्प लिया जाता है कि आगामी वर्ष में इससे बेहतर प्रदर्शन करेंगे और यह वर्ष 2015 से हर साल होता आ रहा है। प्रत्येक वर्ष आईआईएसएफ को बहुत ही अच्छे तरीके से आयोजित किया गया है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण भौतिक रूप से कार्यक्रम का आयोजन सक्ष्म नहीं हो पा रहा है और इसलिए आभासी माध्यम से आईआईएसएफ-2020 का आयोजन किया जायेगा। इसमें अच्छी बात यह है कि पूर्व आयोजनों की तुलना में इस वर्ष कम व्यवस्थाएं करनी पड़ेगी और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं और अन्य विज्ञान प्रेमी इस आयोजन से जुड़ सकेंगे। साथ ही विदेशी वैज्ञानिक गण भी सरलता से इस महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह महोत्सव जीवन के सभी पहलुओं में से वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और अनुसंधानकर्ताओं, विद्यार्थियों और नागरिकों को एक साझा मंच पर लाता है, जहां एक-दूसरे से समझा और सीखा जा सकता है और यह कार्य आपसी विचारों के आदान-प्रदान से किया जाता है। इससे देश के सामजिक-आर्थिक विकास में विभिन्न तरीकों से परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए यह आशा व्यक्त की कि यह महोत्सव सभी पूर्व विज्ञान महोत्सवों से उत्कृष्ट और सफल होगा।
आईआईएसएफ के आयोजकों, आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर एवं गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड, आईआईएसएफ 2020 के समन्वयक, प्रोफेसर डॉ प्रशांत कोडगिरे एवं विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक, डॉ अरविंद रानाडे के वीडियो संदेश दिखाए गए, जिसमें उन्होंने आईआईएसएफ के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तथा विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे इस वार्षिक विज्ञान महोत्सव की विषयवस्तु “आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान” है, जिसमें देश-विदेश के लाखों प्रतिभागियों के ऑनलाइन रूप से शामिल होने की उम्मीद है। इस आयोजन में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, उद्योगपतियों, शिक्षकों, शिल्पकारों, किसानों, छात्रों और नवाचारियों की प्रमुख रूप से भागीदारी रहेगी । इस विज्ञान महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य युवाओं तथा विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति उत्साह व रूचि को बढ़ावा देने के साथ ही साथ आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक कल्याण के लिए भारतीय विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी नवाचारों की भूमिका की झलक प्रस्तुत करना है। आईआईएसएफ-2020 के संबंध में विस्तृत जानकारी आईआईएसएफ की वेबसाइट www.scienceindiafest.org पर उपलब्ध है।
चीफ गेस्ट विज्ञान भारती (विभा) के राष्ट्रीय आयोजन सचिव, जयंत सहस्रबुद्धे ने अपने वक्तव्य में आईआईएस 2020 के आयोजन के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे यह कल्पना की गई कि समय की मांग के अनुरूप नए नॉर्मल के साथ आगे बढ़ा जाए और वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। इस विज्ञान महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। आईआईएसएफ-2020 में भारतीय विज्ञान का इतिहास, दर्शन एवं विज्ञान, कृषि प्रौद्योगिकी, स्व्च्छ वायु, ऊर्जा, कचरा एवं साफ-सफाई, जैव विविधता और विज्ञान कूटनीति समेत कई नए आयाम जोड़े गए हैं। इस बार आईआईएसएफ में, वर्चुअल साइंस फेस्टिवल, लाइट शैडो ऐंड टाइम डिवाइस मेकिंग, हैंड हाइजीन गतिविधि पर आधारित ऑनलाइन पाठ, सुरक्षात्मक मास्क का उपयोग और पोषण एवं स्वास्थ्य पर केंद्रित पाँच अलग-अलग विषयों पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिश की जाएगी। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षकों, छात्रों और जनसामान्य से यह आह्वान किया कि आईआईएसएफ-2020 में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर इसे सफल और स्मरणीय बनाएं। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन तकनीकी अधिकारी, सूरज कुमार व धन्यवाद ज्ञापन पल्लवी दास, वैज्ञानिक द्वारा किया गया।