सुप्रीम कोर्ट ने देवघर एसपी की लोकसभा विशेषाधिकार समिति के सामने पेशी पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने देवघर एसपी की लोकसभा विशेषाधिकार समिति के सामने पेशी पर रोक लगा दी है। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के खिलाफ डीजीपी एमवी राव सुप्रीम कोर्ट चले गये हैं। उनकी याचिका डब्ल्यूपी सिविल 1002/2020 पर सोमवार को जस्टिस नागेश्वर राव व जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने देवघर एसपी की लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेशी पर रोक लगा दी और विपक्षी दलों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
- डीजीपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नेने चार हफ्ते के अंदर दूसरे पक्ष से जवाब मांगा
रांची। सुप्रीम कोर्ट ने देवघर एसपी की लोकसभा विशेषाधिकार समिति के सामने पेशी पर रोक लगा दी है। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के खिलाफ डीजीपी एमवी राव सुप्रीम कोर्ट चले गये हैं। उनकी याचिका डब्ल्यूपी सिविल 1002/2020 पर सोमवार को जस्टिस नागेश्वर राव व जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने देवघर एसपी की लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेशी पर रोक लगा दी और विपक्षी दलों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
बीजेपी के गोड्डा के एमपी निशिकांत दुबे से जुड़ा मामला है। निशिकांत ने लोकसभा की विशेषाधिकार समिति में झारखंड पुलिस की शिकायत की थी कि जानबूझकर उनके खिलाफ देवघर में एफआइआर दर्ज की गई है। इसके बाद लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने आठ सितंबर को एसपी देवघर को हाजिर होने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि एमपी निशिकांत दुबे ने लोकसभा सचिवालय को यह जानकारी दी थी कि राज्य सरकार व उनकी पुलिस एक साजिश के तहत उनके व उनके परिवार वालों के खिलाफ देवघर में एफआइआर दर्ज कराई है।इसके बाद लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह तथा गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को पत्र लिखकर देवघर के एसपी को आठ सितंबर को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने हाजिर होने का आदेश जारी किया था।