कश्मीरी पंडित की मर्डर से जम्मू में तनाव, सड़कों पर उतरे लोग, न्याय की लगाई गुहार
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आंतकियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया है। आतंकियों ने साउथ कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की गोली मारकर मर्डर कर दी है। कश्मीरी पंडित की मर्डर की जिम्मेदारी आतंकवादी ग्रुप कश्मीर फ्रीडम फाइटर (KFF) ने ली है।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आंतकियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया है। आतंकियों ने साउथ कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की गोली मारकर मर्डर कर दी है। कश्मीरी पंडित की मर्डर की जिम्मेदारी आतंकवादी ग्रुप कश्मीर फ्रीडम फाइटर (KFF) ने ली है।
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आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट के आवास के निकट हमला किया था। इसके बाद जख्मी भट्ट को शोपियां हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां, डॉक्टरों ने उन्होंने मृत घोषित कर दिया।पूरन कृष्ण भट्ट की मर्डर के बाद सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी समुदाय के लोग सड़क पर उतर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने अपने समुदाय के सदस्य की मर्डर के विरोध में जम्मू-अखनूर हाइवे को भी जाम कर दिया था। पूरन पर हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
डीआईजी ने बताया है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि एक आतंकी ने भट्ट पर फायरिंग की थी। उन्होंने कहा कि उनके क्लस्टर में सुरक्षा व्यवस्था भी है। हम चूक की जांच कर रहे हैं। वे स्कूटर पर बाहर गये थे तुरंत की घर लौटे थे।शोपियां के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार वैश्य ने कहा है कि भट्ट के पार्थिव शरीर को जम्मू ले जाकर वहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित की हत्या से तनाव फिर बढ़ गया है।घटना के कुछ देर बाद ही सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। लोगों ने आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी भी की। घटना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए और घाटी में आतंकवादियों द्वारा लगातार टारगेट किलिंग की निंदा करने के लिए पाकिस्तान का पुतला फूंका। घाटी में पिछले साल भी कश्मीरी पंडित की हत्या हुई थी। इसके साथ-साथ कई प्रवासी श्रमिकों को भी निशाना बनाया गया था। आतंकवादियों ने इस साल 12 से अधिक नागरिकों की लक्षित हत्याएं की हैं जिनमें ज्यादातर गैर स्थानीय, कश्मीरी पंडित और पंचायत सदस्य हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत राजनीतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की। सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, शोपियां में आतंकवादियों द्वारा पूरन कृष्ण भट्ट पर हमला कायरतापूर्ण कृत्य है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराधियों और आतंकवादियों की सहायता और उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जायेगी।'
'यह वारदात अमित शाह के लिए संदेश'
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) ने भी घटना की कड़ी निंदा की है। केपीएसएस ने कहा कि यह हत्या केंद्रीय गृह मंत्री के लिए एक संदेश है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं है। केपीएसएस के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने आरोप लगाया कि अधिकारी पीड़ित परिवार पर घाटी में सामान्य स्थिति दिखाने के लिए जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रहे हैं।
कश्मीरी पंडित लंबे समय से घाटी में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, सरकार की ओर से उनको जरूरी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। 1990 के दशक में जब घाटी में आतंकवाद अपने चरम पर था तब करीब दो लाख कश्मीरी पंडित वहां से निकल गये थे। सरकार के पुनर्वास योजना के अंतर्गत साल 2010 के बाद से कई हजार कश्मीर पंडित अपने घर लौटे हैं। जिन्हें सरकार की ओर से नौकरी और आवास उपलब्ध कराया गया है।