नई दिल्ली: Universities में फाइनल इयर की एग्जाम नहीं हुई तो डिग्रियों को मान्यता नहीं, यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
यूजीसी ने University की लास्ट इयर की एग्जाम को लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र गवर्नमेंट के फैसले को गलत बताया है। यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि दिल्ली और महाराष्ट्र गवर्नमेंट कै निर्णय नियमों का उल्लंघन है।
- कोरोना संक्रमण के कारण Universities को लास्ट इयर की एग्जाम कराने के लिए 30 सितंबर तक टाइम
- दिल्ली और महाराष्ट्र ने कोरोना के कारण एग्जाम कैंसिल करने का कर रखा है ऐलान
- यूजीसी ने लास्ट इयर की एग्जाम को न कराने के फैसले को बताया गलत
नई दिल्ली। यूजीसी ने University की लास्ट इयर की एग्जाम को लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र गवर्नमेंट के फैसले को गलत बताया है। यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि दिल्ली और महाराष्ट्र गवर्नमेंट कै निर्णय नियमों का उल्लंघन है। यदि स्टूडेंट की लास्ट इयर की एग्जामस नहीं कराई गई तो उनकी डिग्रियों को मान्यता नहीं दी जायेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश के ज्यादातर Universities लास्ट इयर की एग्जामस कराने को तैयार है। बड़ी संख्या में Universities लास्ट इयर की एग्जामस करा भी चुके है। ऐसे में यदि कोई स्टेट एग्जामस नहीं कराता है तो इससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा।
30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने की तय की गई है समय सीमा: यूजीसी
यूजीसी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए Universities को लास्ट इयर की एग्जामस कराने के लिए 30 सितंबर तक समय दिया गया है।