नई दिल्ली: सीएम, योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी, शाह व नड्डा से की मुलाकात, शीघ्र होगा कैबिनेट विस्तार, संगठन में होगी फेरबदल
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सरकार व संगठन को चुनावी साल के अनुसार तैयार करेगी। हलांकि पार्टी नेतृत्व परिवर्तन नहीं करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी. होम मिनिस्टर अमित शाह व पार्टी प्रसिडेंट जेपी नड्डा से मुलाकात कर गवर्नमेंट की कार्य योजनाओं से अवगत करा अपनी सपाई पेश कर दी है।
- बीजेपी ने तैयार किया यूपी मिशन 2022 का ब्लू प्रिंट
नई दिल्ली। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सरकार व संगठन को चुनावी साल के अनुसार तैयार करेगी। हलांकि पार्टी नेतृत्व परिवर्तन नहीं करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी. होम मिनिस्टर अमित शाह व पार्टी प्रसिडेंट जेपी नड्डा से मुलाकात कर गवर्नमेंट की कार्य योजनाओं से अवगत करा अपनी सपाई पेश कर दी है।
स्टेट को लेकर मिले अंदरूनी आकलन से चिंतित बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के लिए मिशन 2022 की रूपरेखा तैयार कर ली है। पार्टी की ओर से मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इससे पूरी तरह अवगत करा दिया गया है। बीजेपी ने आने वाले छह से आठ महीनों में स्टेट गवर्नमेंट व पार्टी संगठन मिलकर विभिन्न मोर्चों पर मिशन मोड में काम करेगा। इसमें सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक मोर्चों को साधने के साथ जनता की नाराजगी को दूर करना और 2022 में सत्ता को बरकरार रखने की कार्ययोजना शामिल है
पिछले महीने की शुरुआत में पांच विधानसभाओं के रिजल्ट आने के ठीक बाद बीजेपी लीडरशीप ने अगले साल चुनाव में जाने वाले राज्यों का आकलन किया। यूपी के, पंचायत चुनाव के खराब रिजल्ट ने पार्टी को समय रहते सतर्क कर दिया। बीजेपी व संघ नेतृत्व सक्रिय हुआ। इसके बाद विभिन्न स्तरों से भी फ़ीडबैक लिया गया। बीजेपी के संगठन महामंत्री व प्रदेश प्रभारी के यूपी दौरे के साथ ही सेंट्रल लेवल से लेकर स्टेट लेवल तक कई बैठकें हुई है।
बताया जाता है कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के सामने आई दिक्कतों से योगी गवर्नमेंट के प्रति नाराजगी बढ़ी है। इसमें स्टेट के मिनिस्टर व एमएलए समेत संगठन के लीडर भी शामिल हैं। पार्टी के सहयोगी दल पहले से ही नाराज चल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में नुकसान होने की आशंका सता रही है। पार्टी नेतृत्व समय रहते इस नुक़सान की भरपाई करना चाहता हैं। समय जरूरी कदम न उठाने पर यह नुकसान बढ़ सकता है।
यूपी में कैबिनेट विस्तार तय, एके शर्मा को मिल सकती है अहम जिम्मेवारी
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार लगभय तय माना जा रहा है। चर्चा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली से वापस लौटते कैबिनेटे विस्तार किया जायेगा। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी अरविंद शर्मा को योगी कैबिनेट में बड़ी जिम्मेवारी दी जा सकती है। बताया जाता है कि बीजेपी लीडरशीप ने शर्मा को होम व सामान्य प्रशासन दिये जाने की बात कही गयी है। सूत्रों का कहना है कि योगी उन्हें ये दोनों विभाग देने के मूड में नहीं हैं।
सहयोगी दल को भी कैबिनेट में भागीदारी की उम्मीद
संभावित कैबिनेट विस्तार में एमएलसी अरविंद शर्मा के अलावा अपना दल से अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद समेत छह लोगों को शामिल होने की बात कही जा रही है। डेप्युटी सीएम केशव मौर्या का कद भी बढ़ाया जायेगा। नाराज चल रहे ब्राह्मण वोट साधने के लिए महेंद्र नाथ पांडेय और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। यूपी में एमएलसी के चुनाव में जितिन प्रसाद को मौका दिया सकता है। योगी कैबिनेट में सात सीटें खाली हैं। आयोग-निगमों में खाली पद भरे जायेंगे। आयोग-निगमों में अल्पसंख्यक आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्षों को मिलाकर करीब 110 पद खाली हैं। सरकार में अब तक खुद को उपेक्षित बताने वाली अपना दल (एस) और निषाद पार्टी भी कैबिनेट में बर्थ पर दावेदारी जता रही है। दोनों को सेंट्रल कैबिनेट में भी एक सीट के साथ आयोग और निगमों में अपने कार्यकर्ताओं के लिए जगह चाहिए।
योगी के दिल्ली दौरा के बाद से ही कैबिनेट फेरबदल की चर्चा
बीजेपी लीडरशीप द्वारा योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलावे के बाद ही यूपी के सियासी गलियारों में कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज है। यह भी चर्चा थी कि पिछड़ा वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर से भी संपर्क किया था। लेकिन राजभर ने बीजेपी को डूबती नैया बताते हुए इसमें सवार होने से इनकार कर दिया।
अरविंद शर्मा को लेकर योगी-सेंट्रल में अनबन!
पिछले दिनों से ब्यूरोक्रेसी से बीजेपी में आते ही एमएलसी बनाये गये अरविंद शर्मा को योगी कैबिनेट में बड़ा पद दिए जाने की चर्चा चल रही है। पहले यह कहा जा रहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें लेकर सहज नहीं हैं। हालांकि सेंट्रल लीडरशीप के साथ बैठक के बाद बात बनती दिख रही है। जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर कैबिनेट विस्तार किया जायेगा।
पंचायत चुनाव में झटके से बीजेपी रेस
हाल ही के पंचायत चुनावों में कई जगह बीजेपी को मिली हार से बीजेपी लीडरशीप के कान खड़े हो गये हैं। अब कोशिश है कि सरकार व संगठन में सभी जातियों, खासकर ब्राह्मणों को भी सम्मान और प्रतिनिधित्व मिले। अफसरशाही पर अधिक निर्भरता कम हो और पार्टी के लोगों के साथ संतुलन बनाकर रखा जाए। आरोप लग रहे है कि स्टेट में एक वर्ग विशेष के अफसरों की ही चल रही है।