पीएम मोदी ने अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे

पीएम नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे। पीएम के साथ आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। सरसंघ चालक मोहन भागवत यहां पर आरएसएस के नए कार्यालय साकेत निलयम का उद्घाटन करेंगे।

पीएम मोदी ने अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे
  • पीएम के साथ आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे

अयोध्या। पीएम नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास करेंगे। पीएम के साथ आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। सरसंघ चालक मोहन भागवत यहां पर आरएसएस के नए कार्यालय साकेत निलयम का उद्घाटन करेंगे।

268 मेहमानों की लिस्ट

अयोध्या में पांच अगस्त को राममंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 268 मेहमानों की लिस्टतैयार की गयी है। इनमें पीएम नरेंद्र मोदी एवं संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित मंदिर आंदोलन के शीर्ष शिल्पियों में शुमार रहे वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी एवं मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, मध्यप्रदेश की एक्स सीएम उमा भारती, बजरंगदल के संस्थापक संयोजक एवं पूर्व सांसद विनय कटियार, वशिष्ठ पीठाधीश्वर एवं पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदांती भी शामिल होंगे।

तीन नंबर गेट से भूमि पूजन को जायेंगे वीवीआइपी

अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए मंदिर परिसर में वीवीआइपी को ले जाने का रूट लगभग तय हो चुका है। यह गेट नंबर तीन मार्ग है, जो श्रीराम हॉस्पिटल के पास स्थित क्षीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर से फैजाबाद टाउन जाने वाले मार्ग से चंद कदम के बाद मंदिर कैंपल को जाता है। बहुप्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच अगस्त को आना है। पहले भी वीवीआइपी को मंदिर में जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल होता रहा। लगभग 650 मीटर लंबा यह यह रोड बनकर तैयार है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने सुरक्षा के लिहाज से नए मार्ग के लिए लगभग एक करोड़ 17 लाख रुपया उपलब्ध कराया था। पीडब्ल्यूडी ने ई- टेंडर कर निर्माण कराया है। 
अयोध्या में उसी मार्ग से मंदिर निर्माण के लिए तराशे गये श्रीराम जन्मभूमि कार्यशाला से पत्थर भी जाने हैं। तराशे गये पत्थरों की ढुलाई के लिहाज से रोड को बहुत मजबूत बताया जाता है। इंजीनियरों की मानें तो रोड का ऐसा निर्माण किया गया है कि 10 टन ही नहीं 15 टन से ज्यादा वजन की ढुलाई करने में भी दिक्कत नहीं होगी। तराशे गये पत्थरों की ढुलाई के लिए गेट नंबर तीन से राम जन्मभूमि मार्ग पहले से ही तय होने की चर्चा है। तराशे गये पत्थर ढोने वाले ट्रक रामघाट कार्यशाला से वाया नयाघाट के रास्ते श्रीराम हॉस्पिटल होते गेट नंबर तीन से मंदिर परिसर में दाखिल होंगे।

पीएम मोदी का भी दर्शन-पूजन का कार्यक्रम

श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या आने पर पीएम नरेंद्र मोदी हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर बजरंग बली के दर्शन-पूजन करेंगे। 

अयोध्या में एक अगस्त से ही दीपावली जैसा दृश्य दिखाई दे: CM योगी आदित्यनाथ 


श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित भूमि पूजन व शिलान्यास को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। उन्होंदने भगवान राम की पूजा करने के बाद भूमिपूजन की तैयारियों का जायजा लिया।सीएम ने कारसेवकपुरम में संतों के साथ पार्टी पदाधिकारियों व ट्रस्ट के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष व लाखों बलिदानों के बाद श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुभ बेला आई है। हमें इस अवसर को वैश्विक उत्सव का स्वरूप देना होगा। अयोध्या में एक अगस्त से ही दीपावली जैसा दृश्य दिखाई देना चाहिए। लोग अपने घरों में और संत महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की और भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण जी को नये आसन पर विराजमान कराया। आदित्यनाथ रामलला का दर्शन करने के बाद दर्शन करने हनुमानगढ़ी पहुंचे। कैंपस में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी व ट्रस्ट के लोग मौजूद रहे। न्यास कार्यशाला में श्रीरामजन्मशभू‍मि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सीएम योगी आदित्यमनाथ को तराशी गई शिलाओं के बारे में जानकारी दी।

भूमि पूजन का लाइव प्रसारण दूरदर्शन पर 
सीएम योगी ने कहा कि यहां लोग अपने घरों में और संत-महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। कोरोना संक्रमण के कारण सभी लोगों की उत्सव में प्रत्यक्ष भागीदारी सम्भव नहीं है।लेकिन दूरदर्शन पर भूमि पूजन का लाइव प्रसारण होगा। सभी लोग अपने घरों से ही इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन सकेंगे। उन्होंने संतों से आग्रह किया कि कोरोना संकट के कारण सभी संतों को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया जा पा रहा है। इस कारण जिन संतों के नाम से आमंत्रण ट्रस्ट की ओर से भेजा जाय वही संत आयोजन में पधारें शिष्य या अन्य साधुओं को साथ न लाये।