एनकाउंटर में भाग निकले ललन पर UP पुलिस ने रखा एक लाख का इनाम, ब्रदर्स गैंग का मास्टरमाइंड था रजनीश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एनकाउंटर के दौरान पुलिस को चकमा देकर भागे ललन सिंह पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि फरार लल्लन सिंह के बारे में जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
- ललन बिहार में तीनों एसआइ को मारी थी गोली
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एनकाउंटर के दौरान पुलिस को चकमा देकर भागे ललन सिंह पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि फरार लल्लन सिंह के बारे में जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
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पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि ऑपरेशन पाताललोक के तहत आज SIT और ऑपरेशनल टीम को आगे की रणनीति के बारे में समझाया गया है।लल्लन की तलाश में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की तीन टीमें बिहार में कैंप कर रही है। तीनों बदमाश भाइयों को वाराणसी के मंडुवाडीह क्षेत्र में शरण देने वाले रिश्तेदारों पर अब कमिश्नरेट की पुलिस शिकंजा कसेगी। तीनों बदमाशों के शरणदाताओं को चिन्हित कर उनकी लिस्ट तैयार कर ली गई है।
मददगार चिन्हित, होगी कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अब तक के इनवेस्टिगेशन के प्रगति की समीक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि इस गैंग की वाराणसी में मदद करने वालों की पहचान कर ली गई है । उनके विरुद्ध भी उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल हमारा अगला टास्क लल्लन सिंह को जल्द गिरफ्तार करना है। उसके साथ ही इस गैंग के शरणदाता और मददगार भी कार्रवाई की जद में आयेंगे।
वाराणसी कमिश्नरेट के बड़ागांव पुलिस स्टेशन एरिया के भेलखा गांव रिंग रोड के पास सोमवार की सुबह पुलिस ने एनकाउंटर में दो बदमाशों बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर पुलिस स्टेशन के आनंद गोलवां निवासी रजनीश उर्फ बउआ सिंह, उसका भाई मनीष सिंह को मार गिराया था। मौके से एक भाई भाई ललन भाग निकला। एनकाउंटर में पुलिस कांस्टेबल शिवबाबू को भी गोली लगी। दोनों बदमाशों के पास से दरोगा की सरकारी पिस्टल, 32 बोर की देसी पिस्टल, एक बाइक, मोबाइल और कुछ डॉक्यूमेंट बरामद हुए थे। तीनों भाईयों ने आठ नवंबर की शाम वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में दरोगा को गोली मारकर सरकारी पिस्टल, कारतूस, पर्स और मोबाइल लूटे थे। पिछले आठ नवंबर की शाम लक्सा पुलिस स्टेशन में तैनात 2015 बैच के दरोगा अजय यादव को गोली मार कर तीनों ने उनकी पिस्टल छीन ली थी। अजय मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के भीखमपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने रोहनिया पुलिस स्टेशन एरिया के जगतपुर क्षेत्र में प्लाॅट खरीदा है। अब वहीं मकान बनवा रहे हैं।
बाढ़ सिविल कोर्ट की हाजत से फरार होने के ढाई महीने बाद वाराणसी पुलिस की एनकाउंटर में सगे भाई मनीष सिंह और रजनीश सिंह मारे गये। पटना पुलिस की मानें तो एनकाउंटर के दौरान भाग निकले ललन ने ही एशआइ को गोली मारी थी। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम रखा है।
गैंग का मास्टरमाइंट था रजनीश
पुलिस के अनुसार रजनीश योजना बनाने में माहिर था। वह भाइयों के गैंग का मास्टरमाइंड था। मनीष दोनों भाइयों का साथ देता था। हर घटना में वह भाइयों को कवर करता था। ललन कई बार गैंग में बाहरी क्रिमिनलों को शामिल करने के बारे में अपने भाइयों से कहता था, लेकिन रजनीश शातिर था। उसे पता था कि कोई भी बाहरी शामिल होगा तो इनकी पहचान उजागर हो सकती थी। इस वजह से रजनीश के रहते ललन गैंग को बढ़ा नहीं पाया। इनका चौथा भाई बउआ जेल में है। भाइयों के गैंग ने वर्ष 2016 में नालंदा, फतुहा और बाढ़ में तीन एसआइ को गोली मारी थी। इनमें से दो एशआइ की मौत हो गई थी। सर्विस रिवाल्वर लूटने वाले तीनों भाइयों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही थी।
गांव छोड़ रहने बाढ़ में रहने लगे थे चारों भाई
बाढ़ के बेलछी में गार्ड सहित तीन की हत्या कर 60 लाख रुपये लूटने के बाद तीनों समस्तीपुर के मोहद्दीनगर के अपने गांव आनंदगोलवा पहुंच गये थे। तीनों को पता था कि पुलिस रिकार्ड में उनका नाम नहीं है, इस कारण इन तक पुलिस नहीं पहुंच सकती। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, हुलिया और स्केच तैयार कर इनके पीछे पड़ी थी। गांव में मारपीट और गाली-गलौज की वजह से ललन के कई दुश्मन बन गये थे। इसी वजह से वह बाढ़ में किराये का कमरा लेकर अपने भाइयों के साथ रहने लगा।
अचानक घर बनाने से गांव वालों को हुआ था संदेह
बाढ़ में हुई लूट की खबर समस्तीपुर तक पहुंच गई थी। अचानक तीनों भाइयों का बाढ़ से गांव आना, बैंक का पुराना कर्ज चुकाने में नये नोट इस्तेमाल करना और तेजी से घरनिर्माण कराने से कुछ ग्रामीणों को संदेह हुआ। इधर, पटना पुलिस भी टेक्नीकल इन्विस्टेगेशन और छानबीन करते हुए समस्तीपुर तक पहुंच चुकी थी। गांव के कुछ लोगों ने मुखबिरी की और पटना पुलिस को बताया कि बाढ़ से तीनों भाई जब से गांव आए हैं, तेजी से घर निर्माण का काम करा रहे हैं। पुलिस ललन के घर पहुंची। आंगन में मिट्टी के नीचे दबाये 45 लाख रुपये बरामद कर लिए गये।पिता समेत तीन पुत्रों को गिरफ्तार किया गया।
तीनों भाई नौ सितंबर को बाढ़ कोर्ट से हुए थे फरार
पुलिस के अनुसार, रजनीश, मनीष और लल्लन 9 सितंबर 2022 को पटना की बाढ़ जिला अदालत के टॉयलेट की दीवार तोड़कर फरार हो गये थे। बिहार पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पटना से भाग कर तीनों भाई वाराणसी में मंडुवाडीह एरिया में शरण लिए हुए थे। तीनों के खिलाफ मर्डर, लूट और आर्म्स एक्ट सहित अन्य आपराधिक आरोपों में आधा-आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे बिहार और यूपी में दर्ज हैं।