पश्चिम बंगाल: कोल तस्करी व इलिगल कोल माइनिंग के ‘सरगना’ लाला को CBI ने 30 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया
सीबीआइ ने पश्चिम बंगाल में कोल तस्करी व इलिगल कोल माइनिंग के कथित सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला को समन जारी कर 30 मार्च को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। लाला को पिछले कई माह से सीबीआइ खोज रही है। लाला के खिलाफ अरेस्ट वारंट व लुक आउट नोटिस जारी है।
- अनूप मांझी को 30 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया
नई दिल्ली।सीबीआइ ने पश्चिम बंगाल में कोल तस्करी व इलिगल कोल माइनिंग के कथित सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला को समन जारी कर 30 मार्च को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। लाला को पिछले कई माह से सीबीआइ खोज रही है। लाला के खिलाफ अरेस्ट वारंट व लुक आउट नोटिस जारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांझी की गिरफ्तारी पर गुरुवार को छह अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को छह अप्रैल तक गिरफ्तार न किया जाये। मामले के मेरिट पर विचार किये बिना यह आदेश जारी किया गया है। हम स्पष्ट करते हैं कि यह आदेश जांच को प्रतिबंधित नहीं करेगा। बेंच ने लाल को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
सीबीआइ इस मामले में पहले ही डायमंड हार्बर से लोकसभा एमपी तथा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी से पूछताछ कर चुकी है। एजेंसी ने इस मामले में अभिषेक की साली तथा उनके फैमिली मेंबर से भी पूछताछ कर चुकी है। करोड़ों रुपये का यह कोल घोटाला कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) माइंस से संबंधित है। सीबीआइ ने पिछले साल नवंबर में घोटाले के कथित सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला, इसीएल के जीएम अमित कुमार तथा जयेश चंद्र राय, इसीएल के सिक्युरिटी चीफ तन्मय दास, कुनुस्तोरिया एरिया के सिक्युरिटी इंस्पेक्टर धनंजय राय और कजोरा एरिया के सिक्युरिटी इंचार्ज देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया था।
विनय मिश्रा के भाई को कस्टडी में देने का अनुरोध
सीबीआइ ने करोड़ों रुपये के कोल तस्करी के संबंध में दिल्ली स्थित ईडी की एक कोर्ट से टीएंमसी लीडर विनय मिश्रा के भाई की कस्टडी का अनुरोध किया है। विनय के भाई विकास मिश्रा अभी ईडी की कस्टडी में है। उसे 16 मार्च को दिल्ली से अरेस्ट किया था। सीबीआइ ने कोयला घोटाले के मामले में बिजनसमैन अमित अग्रवाल को तलब किया है। अमित को अनूप माझी उर्फ लाला का नजदीकी बताया जाता है। अग्रवाल को अगले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया गया है। सीबीआइ ने चिरकुंडा, कुल्टी और दुर्गापुर स्थित अग्रवाल के ठिकाने और कोलकाता स्थित उसकी कंपनी के हेडक्वार्टर में रेड किया था।
CBI जांच रद्द करने की मांग
कोल तस्करी का किंगपिन अनूप माजी उर्फ लाला अपने खिलाफ दर्ज सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। स्टेट गवर्नमेंट ने भी उसकी मांग का समर्थन करते हुए सीबीआई की की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है। आज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा कि वह सबसे पहले डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई की वैधता पर विचार करेगी। यह देखा जायेगा कि क्या कलकत्ता हाई कोर्ट के नियम किसी आपराधिक मामले में सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील डिवीजन बेंच में दाखिल किये जाने की अनुमति देते हैं।
अनूप माजी ने सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार 2018 में ही सीबीआई को बिना अनुमति राज्य में जांच करने से रोकने का आदेश जारी कर चुकी है। इसलिए, बिना राज्य सरकार से अनुमति मांगे सीबीआई का एफआईआर दर्ज करना इलिगल है। सिंगल बेंच ने एफआईआर रद्द करने से मना करते हुए कहा था कि रेलवे के दायरे में आने वाली ज़मीन में हुई अवैध गतिविधियों की जांच के लिए स्टेट गवर्नमेंट की अनुमति ज़रूरी नहीं है। लेकिन बाकी इलाकों में रेड मारने और दूसरी कार्रवाई के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
इस आदेश को 12 फरवरी को हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने बदल दिया। डिवीजन बेंच ने कहा कि सीबीआई की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है। इस मामले में सिर्फ रेलवे की ज़मीन में हुए घोटाले की ही नहीं, उसके बाहर हुए इलिगल माइनिंग की भी जांच से सीबीआई को नहीं रोका जा सकता।