IIT ISM में विंटर चैलेंज 1.0 का आयोजन, पांच समस्याओं का समाधान कर इंजीनियरिंग स्टूडेंट जीत सकते 50 लाख
IIT ISM धनबाद के स्टूडेंट इनोवेशन सेल नरेश वशिष्ठ सेंटर फॉर टिंकरिंग एंड इनोवेशन (एनवीसीटीआइ) की ओर से विंटर चैलेंज 1.0 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के 12 स्टेट के आइआइटी, एनआइटी, सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट शामिल होंगे।
- 150 कॉलेज को भेजा गया निमंत्रण
धनबाद। IIT ISM धनबाद के स्टूडेंट इनोवेशन सेल नरेश वशिष्ठ सेंटर फॉर टिंकरिंग एंड इनोवेशन (एनवीसीटीआइ) की ओर से विंटर चैलेंज 1.0 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के 12 स्टेट के आइआइटी, एनआइटी, सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट शामिल होंगे।
150 कालेजों को भेजा गया निमंत्रण
आइआइटी आइएसएम इनोवेशन के लिए 50 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है।आइआइटी आइएसएम की ओर से 150 कॉलेज को निमंत्रण भेजा गया है। अभी तक 85 टीम रजिस्टर्ड हो चुकी है। रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट सात फरवरी है। इसलिए यह संख्या अभी और बढ़ेगी। विंटर चैलेंज के माध्यम से पांच चुनौतियां हैं, जिनका समाधान स्टूडेंट्स को बताना होगा। पांच फेज में चैलेंज होगा। लास्ट फेज में स्टूडेंट्स को दिये गये समस्या के समाधान का प्रोटोटाइप या एप बनाकर दिखाना होगा। प्रत्येक प्रोटोटाइप के लिए आइआइटी आइएसएम की ओर से 10-10 हजार दिये जायेंगे।
लास्ट राउंड में टाप थ्री को 15-15 लाख रुपये का इनाम
पांचवें और फाइनल राउंड में सलेक्ट होने वाले टॉप फाइव प्रतिभागियों को आइआइटी आइएसएम मंच प्रदान करेगा। इसमें टॉप-3 को 15-15 लाख रुपये उनके प्रोडक्ट को डेवलप करने के लिए दिये जायेंगे , ताकि इसका व्यवसायिक उपयोग और देशहित प्रयोग में लाया जा सके। इसे इनक्यूबेशन सीड का नाम दिया गया है। पूरी राशि इस प्रोडक्ट को डेवलप करने पर खर्च होगी। स्टूडेंट्स के बताये गये समाधान और इनोवेटिव आइडिया को टैक्समिन इंडिया और इंटेल की मदद से अपने एनवीसीटीआइ लैब में डिवेलप करेगा। आइआइटी आइएसएम इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर के डीन प्रो धीरज कुमार, एनवीसीटीआइ के इवेंट कोऑर्डिनेटर डॉ अजीत कुमार और सौम्या जैन ने यह जानकारी दी।
पांच समस्याएं, जिनका ढूंढना होगा समाधान
पहली: 2021 में जनगणना होने वाली थी, कोविड-19 की वजह से टाल दिया। एल्गोरिदम की मदद से ऐसा एप, वेब डिजाइन करना जो जनगणना और जातिगत जनगणना मानव रहित हो सके।
दूसरी : स्वचालित या ऐसा ऑटोमेटिक यूनिट बनाना जो जंगल झाड़ की सफाई करे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मानवरहित पौधरोपण कर सके।
तीसरी : कृषि और माइनिंग के बुनियादी ढांचे का निरीक्षण कर सके ऐसा ऑटोनॉमस और इंटेलिजेंट नेविगेशन सिस्टम तैयार करना। यह ऑटोमेटिक वैकल्स भी हो सकता है। माइनिंग के क्षेत्र में जहां लोग नहीं जा सके, वहां यह पहुंच जाए।
चौथी : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत ऑपरेटर की भूमिका में रोबोट। रोबोट प्लॉटिंग व पिकिंग के काम के लिए सहयोगी बनें।
पांचवी : स्मार्ट होम ऑटोमेशन सिस्टम।
जिस स्टेट के प्रतिभागी होंगे शामिल: झारखंड, बिहार, बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड।