पटना रिमांड होम में पीड़िता ने समाज कल्याण विभाग की काउंसलर्स को बताई आपबीती, हाईकोर्ट में जवाब देंगे अफसर
बिहार की राजधानी पटना के गाय घाट रिमांड होम मामले की पीड़िता से समाज कल्याण विभाग के ऑफिस में लगभग घंटे तक बातचीत हुई। पीड़िता ने काउंसलर्स के सामने एक बार फिर अपनी आपबीती सुनाई है। में विभाग के निदेशक राज कुमार ने भी पीड़िता से मुलाकात की। इसके बाद पीड़िता महिला विकास मंच की सदस्यों के साथ चली गई।
पटना। बिहार की राजधानी पटना के गाय घाट रिमांड होम मामले की पीड़िता से समाज कल्याण विभाग के ऑफिस में लगभग घंटे तक बातचीत हुई। पीड़िता ने काउंसलर्स के सामने एक बार फिर अपनी आपबीती सुनाई है। में विभाग के निदेशक राज कुमार ने भी पीड़िता से मुलाकात की। इसके बाद पीड़िता महिला विकास मंच की सदस्यों के साथ चली गई।
मीटिंग के बाद महिला संगठन की वीणा मानवी ने कहा कि पीड़िता ने खुद के साथ हुए अन्याय को समाज कल्याण विभाग की काउंसलर्स के सामने रखा है। वही बातें कही हैं, जो हम लोगों से कही। हम लोग मीडिया से कहते आ रहे हैं। उन्होंने कहा हम लोग अब सातफरवरी का इंतजार करेंगे। विभाग के अफसरों को साथ फरवरी को पटना हाई कोर्ट में जवाब देना है।
पीड़िता के साथ महिला विकास मंच की चार सदस्यों की टीम भी थी। हालांकि विभाग के ऑफिस पहुंचने पर महिला सदस्यों को बाहर ही रोक दिया गया। जांच के दौरान कैमरा लगाने की मांग की गई थी, लेकिन कैमरा नहीं लगाया गया।सोर्सज का का कहना है कि पीड़िता ने समाज कल्याण विभाग के काउंसलर्स के सामने कई लोगों के संबंध में जानकारी दी है। पीड़िता का कहना है कि पता तो नहीं है। पीड़िता ने रिमांड होम में आने वाले लोगों की हुलिया बताया है।
यह है मामला
राजधानी पटना के गायघाट स्थित महिला रिमांड होम से फरार एक युवती ने रिमांड होम की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सुपरिटेंडेंट रिमांड होम में रहने वाली सुंदर लड़कियों को बाहर भेजा करती थी। हालांकि समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में एक टीम गठित कर महिला डिमांड होम की व्यवस्था और सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता को क्लीन चिट दे दिया। इस बीच लड़की के पूछताछ का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार में बवाल मच गया है। पटना हाई कोर्ट ने भी इस मामले स्वतः संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव को पार्टी बनाते हुए जांच का आदेश दिया है। अभी तक की पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट भी कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग से मांगी है।
पुलिस ने नहीं दर्ज किया एफआईआर
पीड़िता मामले की जानकारी देने पटना के गांधी मैदान पुलिस स्टेशन पहुंची थी। वहां पुलिस वालों ने कहा कि यह मामला बहादुरपुर पुलिस स्टेशन एरिया है। लड़की जब वहां गई तो वहां पर इसकी बात नहीं सुनी गई और न ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर ही दर्ज किया गया। लड़की पटना के डीएम के पास अपनी फरियाद लेकर गई थी। वहां से भी उसे भगा दिया गया था।
रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट पर लड़कियों को बाहर भेजने का आरोप
पीड़ित लड़की ने ढाई मिनट के वीडियो में खुलासा किया है कि किस तरह रिमांड होम रह रही लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है। लाइफ बनाने के नाम पर सुंदर लड़कियों को गुप्त तरीके से बाहर लड़कों के पास भेजा जाता है। रिमांड होम में अक्सर बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जो लड़कियां सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता की बात नहीं मानती हैं, उन्हें दवा खिलाकर पागल बनाया जाता है।
तड़प कर मर गई थी दीदी
लड़की वीडियो काफी घबराई हुई दिख रही है। उसने अपने वीडियो में कहा है कि उसके साथ भी ऐसी हरकत हुई थी। उसने कहा है कि हसीना को रिमांड होम में फांसी लगा दिया गया था। उसने सुसाइड नहीं किया था। उसे मारा गया था। एक और महिला मरियम गंभीर रुप से बीमार थी।उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। सुपरिटडेंट इलाज के नाम पर मरियम से चार हजार रुपया मांग रही थी। उसके पास पैसा नहीं था। इसलिए वो रिमांड होम में तड़प तड़प कर मर गई।
वहीं महिला रिमांड होम से जुड़े मामलों को देखने वाली वकील मीनू कुमारी का दावा है कि वहां रहने वाली पांच लड़कियां लापता हैं। इनमें दो लड़कियां बांग्लादेश की रहने वाली थीं। वर्तमान में ये लड़कियां कहां हैं ? किस हाल में हैं ? इस बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता है। वकील मीनू कुमारी लड़कियों के लगातार संपर्क में थीं, लेकिन अब उनसे कोई बात नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा है कि लापता पांच लड़कियों का मुद्दा भी 'इंटरवेन पिटिशन' के जरिए उठाएंगी। जल्द ही इस मामले में 'इंटरवेन पिटिशन' हाईकोर्ट में दाखिल किया जायेगा।