1983 बैच की IAS अफसर प्रीति सूदन बनीं UPSC की नई चेयरपर्सन

1983 बैच की IAS अफसर प्रीति सूदन को यूपीएसएसी का नया चेयरपर्सन चुना गया है।

1983 बैच की IAS अफसर प्रीति सूदन बनीं UPSC की नई चेयरपर्सन
  • ई-सिगरेट को कराया था बैन
  • यूपीएससी की नई चेयरपर्सन बनीं प्रीति सूदन।

नई दिल्ली। 1983 बैच की IAS अफसर प्रीति सूदन को यूपीएसएसी का नया चेयरपर्सन चुना गया है। वर्तमान में वह यूपीएससी सदस्य हैं। वह एक अगस्त गुरुवार को पदभार संभाल लिया है। यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन मनोज सोनी के इस्तीफा के देने के बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ था।

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2022 से UPSC की सदस्य रह चुकीं प्रीति ने पूर्व स्वास्थ्य सचिव का पद संभाला था। ट्रेनी IAS पूजा खेडकर विवाद सामने आने के बाद यूपीएसएससी के पूर्व चीफ महेश सोनी ने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने का कारण उन्होंने निजी कारणों को बताया था। आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने मनोज सोनी का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है जो 31 जुलाई से प्रभावी है। मनोज सोनी ने चार जुलाई को आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।

29 अप्रैल, 2025 तक रहेंगी चेयरपर्सन

सरकार की ओर से 29 जुलाई को जारी किये गये आदेश में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति ने यूपीएससी की सदस्य प्रीति सूदन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, जो एक अगस्त, 2024 से अगले आदेश तक या 29 अप्रैल, 2025 तक, जो भी पूर्व हो, यूपीएससी के अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी।’प्रीति सूदन 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अफसर हैं। वह जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुईं। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।वह विश्व बैंक के साथ एक सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकीं हैं। सूदन जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से रिटायर हुई थीं।

वर्ष 1983 बैच की आईएएस अफसर प्रीति सूदन जुलाई 2020 तक, तीन वर्षों तक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव रही हैं। वे कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। प्रीति ने खाद्य प्रसंस्करण और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन विभाग में काम किया है। वह महिला और बाल विकास विभाग और रक्षा मंत्रालय में भी काम कर चुकी हैं।

बेटी बचाओ अभियान से लेकर ई-सिगरेट पर बैन

सूदन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में एम.फिल. और सामाजिक नीति और योजना में एम.एससी. की डिग्री हासिल की है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत जैसे प्रमुख कार्यक्रम के पीछे प्रीति का योगदान है। उनकी वजह से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाये गये। तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कोप-8 की अध्यक्ष, ग्लोबल डिजिटल हेल्थ पार्टनरशिप की अध्यक्ष और विश्व स्वास्थ संगठन के महामारी तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए स्वतंत्र पैनल की सदस्य रह चुकीं हैं।