झारखंड से UPA के 32 MLA रायपुर शिफ्ट, CM हेमंत सोरेन बोले-षड्यंत्रकारियों को देंगे तरीके से जवाब
झारखंड की राजधानी रांची से सत्ताधारी दल UPA के 32 MLA को मंगलवार को स्पेशल प्लेन से रायपुर शिफ्ट किया गया है। सभी एमएलए रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में ठहरे हैं। रांची से 32 एमएलए सहित 43 नेता को रायपुर पहुंचे हैं। कांग्रेस के 13 और झामुमो के 19 एमएलए रायपुर पहुंचे हैं।
रांची। झारखंड की राजधानी रांची से सत्ताधारी दल UPA के 32 MLA को मंगलवार को स्पेशल प्लेन से रायपुर शिफ्ट किया गया है। सभी एमएलए रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में ठहरे हैं। रांची से 32 एमएलए सहित 43 नेता को रायपुर पहुंचे हैं। कांग्रेस के 13 और झामुमो के 19 एमएलए रायपुर पहुंचे हैं।
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रायपुर पहुंचने वाले जेएमएम के एमएलए में स्टीफन मरांडी,नलिन सोरेन, मथुरा महतो, सीता सोरेन, निरल पूर्ति, दशरथ गगराई, दिनेश विलियम मरांडी, सुखराम उरांव,भूषण तिर्की, बैजनाथ राम, विकास सिंह मुंडा, जिग्गा सुसारण होरो, संजीव सरदार, रामदास सोरेन, समीर मोहंती, मंगल कालिंदी, सुदिव्य कुमार सोनू, सरफराज अहमद और चमरा लिंडा शामिल हैं। कांग्रेस आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडेय सिंह, उमाशंकर अकेला, अंबा प्रसाद, जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, सोना राम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषणबाड़ा और रामचंद्र सिंह रायपुर गये हैं।
षड्यंत्रकारियों को सत्ता पक्ष अपने तरीके से जवाब देगी: हेमंत
हालांकि सीएम हेमंत सोरेन एमएलए के साथ रायपुर नहीं गये हैं। सीएम आवास से हेमंत सोरेन एमएलए को दो बसों में लेकर रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे थे। वहां से सभी एमएलए रायपुर गये। रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य में षड्यंत्रकारियों को सत्ता पक्ष अपने तरीके से जवाब देगी। इसको लेकर सत्ता पक्ष पूरी तरह से तैयार है। हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए सरकार ने क्राइसिस मैनेजमेंट तैयार किया है।रांची एयरपोर्ट पर यूपीए एमएलए को छोड़ने पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटने वाली है। सोरेन ने कहा कि यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात या नई परिपाटी नहीं है। ना ही कोई अनहोनी होने जा रही है। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्तापक्ष तैयार है। कई बार रणनीति के तहत कार्य किया जाता है, उसी रणनीति का आपने छोटा सी झलक पहले देखी और आज भी देखी। आगे भी कई चीजों को देखेंगे कि षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष जवाब दे रहा है।
कुर्सी से कभी दिललगी नहीं रही
सियासी हलचल के बीच रांची एयरपोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन ने मुस्कुराते हुए कहा कि कुर्सी से कभी दिललगी नहीं रही। हमारी दिललगी राज्य की सवा तीन करोड़ लोगों से है। इस देश के आदिवासी, दलित और पिछड़ों से है। हम कभी कुर्सी की चिंता नहीं करते। हम हमेशा राज्य के विकास और राज्यवासियों के चेहरे पर खुशी लाने की चिंता में लगे रहते हैं। सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर रहा हो, वहां कि लोकतांत्रिक सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो, उस देश का भविष्य क्या हो सकता है सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
रायपुर में झारखंड की महागठबंधन सरकार के एमएलए को मेफेयर रिसोर्ट में ठहराया गया है। इस दौरान एमएलए के रिसोर्ट की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।
कांग्रेस के पांच और जेएमएम के 11 एमएलए नहीं गये
सीएम हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो सहित झामुमो कोटे के सभी मिनिस्टर रांची में ही हैं। दुमका एमएलए बसंत सोरेन, लोबिन हेंब्रम और सविता महतो भी रायपुर नहीं गये हैं। बसंत व लोबिन को दुमका में कैंप करने को कहा गया है। कांग्रेस के एमएएल इरफान अंसारी, नमन बिक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप तो फिलहाल कोलकाता में हैं. तीनों कैश कांड मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से रामगढ़ एमएलए ममता देवी और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव भी रायपुर नहीं गये हैं। ममता देवी हाल ही में मां बनी हैं। वहीं प्रदीप यादव की तबीयत खराब है।
ऑफिस ऑफ प्राफिट के एक मामले में सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता होगी रद्द
एक्स सीएम CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने 10 फरवरी को गवर्नर रमेस बैस से मुलाकात की थी। बीजेपी ने गवर्नर से से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल स्टोन माइनिंग लीज लिया है। बीजेपी का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।ऑफिस ऑफ प्राफिट के एक मामले में निर्वाचन आयोग ने सीएमहेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। गवर्रनरमेश बैस ने इस सिफारिश पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इस कारण झारखंड में राजनीतिक संकट गहरा गया है। महागठबंधन को आशंका है कि बीजेपी उनके एमएलए को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए तोड़ने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह से सभी विधायकों को एक साथ रखने की जरूरत बढ़ गई है। विधानसभा सदस्यता रद्द भी होती है तो सीएम कम से कम छह महीने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। लेकिन सरकार पर कोई संकट नहीं होगा।
झारखंड विधानसभा में दलगत स्थिति
झारखंड विधानसभा में 81 एमएलए हैं। इनमें से यूपीए गठबंधन के पास 50 एमएलए का समर्थन है। बीजेपी गठबंधन के पास कुल 30 एमएलए हैं। ऐसे में एमएलए के एकजुट रहते सत्ता परिवर्तन की गुंजाइश नहीं बन रही है। हेमंत सोरेन अब अपने कुछ मिनिस्टर्स साथ राजधानी में रहेंगे। वहीं 32 एमएलए व मिनिस्टर कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कुछ दिन रहने वाले हैं।
22 साल में 11 सीएम,बाबूलाल मरांडी बने थे पहले CM
15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के साथ ही बीजेपी सरकार बनी। बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले CM बने। हालांकि वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। उन्होंने आंतरिक विरोध के कारण सीएम का पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद बीजेपी के अर्जुन मुंडा सीएम बने। झारखंड बनने के 22 सालों में 11 सीएम बदल चुके हैं। इनमें मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन सबसे कम 10 दिनों के लिए जबकि बीजेपी के रघुवर दास सबसे ज्यादा पांच सालों के लिए सीएम रहे। रघुवर दास झारखंड के एकमात्र सीएम रहे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। शिबू सोरेन तीन बार सीएम रह चुके हैं। अजुर्न मुंडा तीन बार, हेमंत सोरेन दो बार, मधु कोड़ा एक बार सीएम रह चुके हैं।