BJP उत्तर प्रदेश के नेताओं का दिल्ली में सेंट्रल लीडरशीप के साथ वार्ता, योगी आदित्यनाथ कैबिनेट का स्वरूप तय
योगी आदित्यनाथ समेत उत्तर प्रदेश प्रमुख नेताओं की बीजेपी के सेंट्रल लीडरशीप के साथ दिल्ली में वार्ता के बाद प्राथमिक तौर पर सरकार का स्वरूप तय कर लिया गया है। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में वही चेहरे जगह पाएंगे, जो पार्टी के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' मंत्र का प्रतीक नजर आयेंगे।
- 24 मार्च को हो सकता है योगी सरकार का शपथ ग्रहण
नई दिल्ली। योगी आदित्यनाथ समेत उत्तर प्रदेश प्रमुख नेताओं की बीजेपी के सेंट्रल लीडरशीप के साथ दिल्ली में वार्ता के बाद प्राथमिक तौर पर सरकार का स्वरूप तय कर लिया गया है। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में वही चेहरे जगह पाएंगे, जो पार्टी के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' मंत्र का प्रतीक नजर आयेंगे।
हर क्षेत्र और जाति-वर्ग के बीच संतुलन बनाये रखने की कोशिश
बीजेपी लीडरशीप ने तय किया है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूती देने वाले युवाओं की ऊर्जा, आधी आबादी की प्रतिनिधि महिलाओं को मिलेगी। योगी सरकार-1 में योजनाओं को जमीन पर उतारने में सहयोगी रहे मंत्रियों के अनुभव और 2024 ही नहीं, भविष्य के लिए भाजपा के लिए उम्मीद के चेहरे योगी कैबिनेट में दिखेगा। बीजेपी कोउत्तर प्रदेश में भाजपा को विधानसभा चुनाव में जिस तरह से हर जाति, वर्ग और क्षेत्र से भरपूर वोट मिला है, उसने पार्टी के लिए चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। उम्मीदों का बोझ बढ़ा हुआ है। अब सारी तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी करनी है, इसलिए हर क्षेत्र और जाति-वर्ग के बीच संतुलन बनाये रखना है।
युवा व महिलाओं के साथ मिनिस्टर में कास्ट समीकरण पर जोर
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के स्वरूप को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह से पहले ही विस्तृत चर्चा कर इस संबंध में दिशा-निर्देश ले चुके हैं। योगी की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बुधवार को नई दिल्ली स्थित सेंट्रल हेडक्वार्टर में उनकी बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा भी शामिल हुए। सोर्सेज का कहना है कि पीएम मोदी के निर्देशानुसार मंथन इसी बिंदु को ध्यान में रखकर हुआ है। इसके अनुसार योगी कैबिनेट में उन चेहरों को तरजीह दी जाए, जो लंबे समय तक जनता के बीच पार्टी का चेहरा बने रहें और संगठन को मजबूती दें। इस लिहाज से तय है कि नये एमएलए में जो युवा हैं, उनमें कई को मिनिस्टर बनाया जा सकता है। महिलाओं ने भाजपा को अच्छा समर्थन दिया है, इसलिए महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में बढ़ाई जा सकती है। विधानसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा कर उनके क्षेत्रीय-जातीय प्रभाव को देखकर कई का कद बढ़ाया जा सकता है।
बेबीरानी मौर्य और केशव प्रसाद मौर्य पर पार्टी गंभीर
बीजेपी सोर्सेज ने बताया कि केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से चुनाव हार गए हैं, लेकिन पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले संगठन के मजबूत नेता के रूप में उन्हें फिर से सरकार में सम्मानजनक पद मिल सकता है। दलित वर्ग से आगरा ग्रामीण से एमएलए चुनी गईं उत्तराखंड की एक्स गवर्नर बेबीरानी मौर्य को डिप्टी सीएम या विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। संगठन के परिश्रम का ऐसा ही पुरस्कार प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को भी मिल सकता है।टीम योगी के हर सदस्य का चयन पार्टी 2024 को ध्यान में रखते हुए कर रही है। क्षेत्रीय, जातीय और वर्गीय संतुलन के साथ ही छवि का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
कैबिनेट की लिस्ट में IAS, IPS और ईडी के पूर्व अफसर जैसे कई नाम
यूपी कैबिनेट मोदी कैबिनेट की तर्ज पर हो सकता है। मोदी सरकार की तरह नौकरशाही से आने वाले कई चेहरे इस बार टीम योगी में भी दिखने की संभावना है। मौजूदा कैबिनेट के प्रमुख चेहरों के साथ करीब डेढ़ दर्जन नये चेहरे भी योगी आदित्यनाथ की नई टीम में होंगे।रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, आरके सिंह, आरसीपी सिंह, जनरल वीके सिंह जैसे नाम मोदी कैबिनेट का हिस्सा हैं। यह सभी अलग-अलग सेवाओं से आने वाले नौकरशाह हैं। योगी कैबिनेट में भी कुछ प्रशासनिक क्षेत्र से आने वाले चेहरों को शामिल किये जाने की चर्चा है। इनमें एक्स एडीजी असीम अरुण, एक्स आईएएस एके शर्मा, ईडी के एक्स अफसर राजेश्वर सिंह के नाम शामिल हैं। योगी कैबिनेट पूरी तरह 2024 के रोडमैप को देखते हुए तैयार किये जाने की कवायद चल रही है। क्षेत्रीय, जातीय, भौगोलिक और वर्गीय संतुलन को साधने का प्रयास किया जायेगा। छवि को लेकर भी खासी सजगता बरती जा रही है। दागी चेहरों को योगी कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना नहीं है।
महिला मिनिस्टर ज्यादा होंगी
योगी कैबिनेट में इस बार महिला मिनिस्टर की संख्या पहले से अधिक रहने की संभावना है। बीजेपी का महिलाओं पर खास फोकस है। पार्टी का मानना है कि देश-प्रदेश में भाजपा सरकार बनने में इन साइलेंट वोटरों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि 2024 को ध्यान में रखते हुए इस बार महिला मंत्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
नये चेहरों को मिलेगी तरजीह
योगी कैबिनेट में पुरानों के साथ नये चेहरों को भी तरजीह मिलेगी। नये चेहरों में अमित अग्रवाल, राजीव सिंह, प्रतिभा शुक्ला, दयाशंकर सिंह, बेबीरानी मौर्य, अंजुला माहौर, योगेंद्र उपाध्याय, विपिन वर्मा डेविड, राजेश त्रिपाठी, कृष्णा पासवान, बृजेश सिंह, राजीव सिंह, धर्मपाल सिंह, योगेश धामा, संजय शर्मा, जयप्रकाश निषाद जैसे नाम शामिल हैं। सहयोगी दलों से डा. संजय निषाद, आशीष सिंह पटेल को भी कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है।
ब्यूरोक्रेट्स शामिल करने की तैयारी!
योगी आदित्यनाथ सरकार में भी तेजतर्रार अफसरों की बतौर कैबिनेट मंत्री एंट्री होने जा रही है। इनमें PM मोदी के करीबी पूर्व IAS एके शर्मा, कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर IPS असीम अरुण और ED के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह शामिल हैं। PM मोदी की कैबिनेट में भी 4 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने अहम मंत्रालय संभाल रखे हैं।
योगी सरकार में शामिल होनेवाले तीनों एक्स नौकरशाह
अरविंद कुमार शर्मा : UP के मऊ जिले के रहने वाले एके शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS अफसर रहे हैं। 2001 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से लेकर 2014 तक शर्मा उनके सेक्रेटरी थे।2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद एके शर्मा भी सेंट्रल में आ गए। PMO में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। शर्मा पिछले लगभग 20 साल से PM मोदी के भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं।पिछले साल VRS लेकर उन्होंने BJP ज्वाइन की, MLC बने। जून 2021 में उन्हें UP BJP का उपाध्यक्ष बनाया गया। उस दौरान यह चर्चा तेज थी कि चुनाव से पहले उनको UP कैबिनेट में शामिल किया जायेगा, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका। अब योगी की दूसरी सरकार में शर्मा को मंत्री के पद पर शामिल करने की संभावना जताई जा रही है। वह हैं।
राजेश्वर सिंह : PPS अफसर राजेश्वर सिंह को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। VRS लेने से पहले वह ED में ज्वाइंट डायरेक्टर पद पर तैनात थे।ED में रहते हुए राजेश्वर सिंह कई हाई प्रोफाइल घोटालों की जांच में शामिल रहे, जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम, गोमती रिवर फ्रंट प्रमुख हैं।लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से BJP के टिकट पर चुनाव में उतरे राजेश्वर सिंह ने सपा के अभिषेक मिश्रा को 54 हजार वोटों से हराया। अब माना जा रहा है कि राजेश्वर को योगी कैबिनेट में जगह मिलेगी।
अरुण असीम : कानपुर के एक्स पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने NSG से कमांडो ट्रेनिंग भी ले रखी है। 1994 बैच के IPS अधिकारी रहे अरुण पूर्व PM मनमोहन सिंह की SPG सुरक्षा में भी शामिल थे। 51 साल के अरुण को तेजतर्रार पुलिस अफसर माना जाता था।कन्नौज के निवासी असीम अरुण को BJP ने कन्नौज सदर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। यह सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जा रही इस सीट पर अनिल दोहरे यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके थे। हालांकि, असीम अरुण ने दोहरे को छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया।अरुण असीम को उनका UP में काम करने का लंबा प्रशासनिक अनुभव और दूसरा, वह दलित समाज से आते हैं। ऐसे में इस वर्ग को साधने में भी BJP उन्हें योगी कैबिनेट में जगह दे सकती है।