बिहार: कटिहार में बेटे की बॉडी को बोरे में रखकर तीन किमी तक पैदल चलकर ले गये पिता, दो पुलिस अफसर सस्पेंड

पुलिस की संवेदनहीनता के कारण कटिहार में एक पिता को अपने बेटे की बॉडी बोरे में लेकर लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। मामले में आनन-फानन में दो पुलिस अफसरों कुरसेला थाना के एएसआई नंदलाल चौधरी और गोपालपुर थाना के एसआई राजदीप रमन को सस्पेंड कर दिया गया है

बिहार: कटिहार में बेटे की बॉडी को बोरे में रखकर तीन किमी तक पैदल चलकर ले गये पिता, दो पुलिस अफसर सस्पेंड

कटिहार। पुलिस की संवेदनहीनता के कारण कटिहार में एक पिता को अपने बेटे की बॉडी बोरे में लेकर लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। मामला जब मीडिया की सुर्खियां बनी तो दो दिन बाद रविवार को पुलिस प्रशासन की नींद टूटी। आनन-फानन में दो पुलिस अफसरों कुरसेला थाना के एएसआई नंदलाल चौधरी और गोपालपुर थाना के एसआई राजदीप रमन को सस्पेंड कर दिया गया है।

लाचार पिता की फोटो मीडिया की सुर्खियां बनने और वायरल होने के बाद पुलिस की नींद खुली

दिल को झकझोरने वाले केस बोरे में बेटे की बॉडी ढ़ोने वाले लाचार पिता की फोटो मीडिया की सुर्खियां बनने और वायरल होने के बाद पुलिस डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया। एसपी विकास कुमार अमानवीयता दिखाने वाले केस में अपने-अपने क्षेत्र के थाने में तैनात दो अफसर को सस्पेंड कर दिया है। 

 नवगछिया पुलिस जिला और कटिहार जिले से जुड़ा है मामला
बताया जाता है कि मामले में किशोर की बॉडी को देखने के लिए गोपालपुर(भागलपुर) और कुर्सेला(कटिहार) पुलिस भी पहुंची थी। लेकिन बॉडी के सड़ने के बाद कंकाल में बदलने की वजह से अपने बॉडी बोरे में रखरकर तीन किलोमीटर पैदल चलकर कुरसेला पुलिस  पहुंचे। यह मामला भागलपुर जिला के नवगछिया पुलिस जिला के गोपालपुर पुलिस स्टेशन और कटिहार जिले के कुर्सेला पुलिस स्टेशन एरिया से जुड़ा हुआ है।भागलपुर जिला निवासीत लेरू यादव का कहना है कि गोपालपुर पुलिस स्टेशन एरिया के तीनटंगा गांव में नदी पार करने के दौरान 13 वर्षीय बेटे हरिओम यादव नाव से गिरकर लापता था। इस मामले में गोपालपुर पुलिस स्टेशन में भी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था। अपने लेवल से खोजबीन के दौरान पता चला कि बेटे की बॉडी बगल के ही कटिहार के कुर्सेला पुलिस स्टेशन एरिया खेरिया नदी के तट पर उपला रहा है। वह जब घाट पर पहुंचा तो बेटे का शव सड़ा-गल चुका था। बॉडी पर मिले कपड़े और अन्य शारीरिक बनावट के आधार पर उन्होंने अपने बेटे की बॉडी को पहचान लिया। 
बताया जाता है कि सूचना मिलने के बावजूद बॉडी  लाने में न तो भागलपुर जिला के गोपालपुर पुलिस और ना ही कटिहार जिला के कुर्सेला पुलिस कोई संजीदगी दिखाई। मजबूर पिता बॉडी को बोरे में बंद कर तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर पुलिस स्टेशन लेकर पहुंचे। लेरू का कहना है कि करें तो क्या करें कोई थाना या कोई पुलिस न तो गाड़ी उपलब्ध करवायी। न कोई सहानुभूति दिखाई इसलिए शव को इसी तरह लेकर आना पड़ा।