Bihar Assembly Election 2020:राजीनीति के मैदान में Ex कांस्टेबल परशुराम चतुर्वेदी से मात खा गये एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
डीजीपी का पोस्ट छोड़ राजनीति में कदम रखने वाले गुप्तेश्वर पांडेय अपने एक्स कांस्टेबल परशुराम चतुर्वेदी से मात खा गये। सियासी उठा-पटक में एक्स डीजीपी पर एक्स कांस्टेबल भारी पड़ा है।
- महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर का दावा- हमारे दबाव में कटा 'पांड़े जी' का टिकट
- गुप्तेश्वर पांडेय के बैचमेट एक्स डीजी सुनील कुमार को मिला JDU का टिकट
पटना। डीजीपी का पोस्ट छोड़ राजनीति में कदम रखने वाले गुप्तेश्वर पांडेय अपने एक्स कांस्टेबल परशुराम चतुर्वेदी से मात खा गये। सियासी उठा-पटक में एक्स डीजीपी पर एक्स कांस्टेबल भारी पड़ा है।
गुप्तेश्वर पांडेय एक पखवारा पहले ही डीजीपी पोस्ट से वीआरएस देकर राजनीतिक में कदम रखा था। वह सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जेडीयू ज्वाइन किये तो कयास लग रहा था कि बक्सर से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने चुनावी तैयारियां भी शुरु कर दी थी। बक्सर सीट बीजेपी के कोटे में चला गया और पार्टी ने पशुराम चतुर्वेदी को कैंडिडेट बनाया है। परशुराम 16 साल पहले वर्ष 2004 में पुलिस कांस्टेबल से वीआरएस लेकर राजनीति में उतरे थे। पशुराम ने अपने एक्स डीजीपी को राजनीति में चुनाव से पहले पछाड़ दिया है।
चुनाव की घोषणा होने से पहले यह तय था कि बक्सर सदर सीट एनडीए में बीजेपी के कोटे में आयेगी। इसके बावजूद गुप्तेश्वर पांडेय ने डीजीपी का पोस्ट छोड़ जदयू का दामन थामा। अपने बयान में वे बार-बार यह कहते रहे कि सीएम से मिले प्यार से अभिभूत होकर यह राजनीति में आ रहे हैं और पार्टी जहां से उन्हें लड़ायेगी वे चुनाव लड़ेंगे। जेडीयू ने अपने सभी 115 सीटों के कैंडिडेट घोषित कर दिये हैं। लिस्ट में श्री पांडेय का नाम नहीं है। अब श्री पांडेय के राजनीतिक भविष्य को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।
टिकट फाइनल होने से पहले ही बक्सर में उनके कार्यालय खुल गये। इससे बीजेपी में अंदर ही अंदर असंतोष बढऩे लगा। असंतोष तब बगावत का रूप लेने लगा। बीजेपी ने अपनी ब्रह्मपुर की परंपरागत सीट विकासशील इंसान पार्टी को दे दी।बक्सर एमपी व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे पहले ही बक्सर सदर सीट पर बीजेपी के ही किसी समर्पित कार्यकर्ता के प्रत्याशी बनने की बात कह चुके थे। अंतत: बीजेपी को परशुराम चतुर्वेदी को कैंडिडेट बनाना पड़ा। बीजेपी ने बक्सर से जिन परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दिया है, उनकी जनता खासतौर पर किसानों के बीच अच्छी पैठ है। परशुराम ने सियासत की शुरुआत ही किसान नेता के तौर पर की थी। वहीं 2017 में भी परशुराम खासे चर्चा का केंद्र बने थे जब उन्होंने बीजेपी जाहिर है कि BJP अपनी पार्टी के साथ किसानों के स्थानीय नेता को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती थी।
गुप्तेश्वर पांडेय के बैचमेट एक्स डीजी सुनील कुमार को मिला JDU का टिकट
जेडीयू ने एक्स डीजी सुनील कुमार को गोपालगंज जिले की भोरे सीट से टिकट दिया है। इस सीट से सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार एमएलए रह चुके हैं। वह सीटिंग एमएलए हैं। लेकिन महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद यह सीट भाकपा माले के खाते में चला गया है। ऐसे में अनिल कुमार इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। अब सुनील कुमार जेडीयू के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। सुनील कुमार एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बैचमेट हैं।
महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर का दावा- हमारे दबाव में कटा 'पांड़े जी' का टिकट
महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने तो दावा किया है कि उनकी सरकार के दबाव में गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं मिला। उनका कहना है कि हमने बीजेपी से सवाल पूछा था कि क्या वो गुप्तेश्वर पांडेय के लिए प्रचार करेगी। अनिल देशमुख के मुताबिक उनके इसी सवाल के डर ने गुप्तेश्वर पांडेय को बेटिकट कर दिया।